आज का पंचांग: 19 अप्रैल को चैत्र पूर्णिमा, हनुमान जयंती और गुड फ्राइडे, जानें शुभ समय

19 अप्रैल 2019 , शुक्रवार के दिन तीन पर्व एक साथ पड़ रहे हैं। इनमें से दो हिदूं पर्व और एक ईसाईयो का पर्व है । हिंदू पंचांग की माने तो इस दिन चैत्र शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा (Chaitra Purnima) के साथ हनुमान जयंती (Hanuman Jayanti) भी है। इस दिन भगवान शिव (Shiva) माता पार्वती (Parvati) और हनुमान जी (Hanuman Ji) की पूजा की जाती है। वहीं ईसाई धर्म की बात करें तो इस दिन गुड फ्राइडे (Good friday) पड़ रहा है। यह दिन भगवान के पुत्र कहे जाने वाले ईसा मसीह को समर्पित है। तीन त्योहार का एक साथ होने के कारण यह दिन बेहद खास हो जाता है। यह दिन दोनों धर्मों के लोगों के लिए बहुत महत्वपू्र्ण हैं।
आईए जानते हैं इन त्योहारों के बारें में
चैत्र पूर्णिमा (Chaitra Purnima)
चैत्र पूर्णिमा (Chaitra Purnima)
चैत्र मास की नवरात्रि के बाद आने वाली पहली पूर्णिमा को चैत्र पूर्णिमा कहा जाता है। इस पूर्णिमा को चैती पूनम के नाम से भी जाना जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार चैत्र मास हिन्दू वर्ष का प्रथम मास होता है इसलिए चैत्र पूर्णिमा का विशेष महत्व है। इस दिन भगवान सत्य नारायण की पूजा- अर्चना की जाती है और उनकी कृपा पाने के लिये भी पूर्णिमा का व्रत रखा जाता है।
वहीं रात्रि के समय चंद्रमा की पूजा की जाती है। उत्तर भारत में चैत्र पूर्णिमा के दिन हनुमान जयंती भी मनाई जाती है। चैत्र पूर्णिमा पर नदी, तीर्थ, सरोवर और पवित्र जलकुंड में स्नान और दान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है।
चैत्र पूर्णिमा व्रत मुहूर्त (Chaitra Purnima Muhurat)
18 अप्रैल 2019 19:27:43 से पूर्णिमा आरम्भ
19 अप्रैल 2019 16:43:31 पर पूर्णिमा समाप्त
पूर्णिमा व्रत और पूजा विधि (Chaitra Purnima Puja Vidhi)
इस दिन स्नान, दान, हवन, व्रत और जप किया जाता हैं।मान्यता है कि इस दिन भगवान सत्य नारायण का पूजन करने के बाद गरीब व्यक्तियों को दान दिया जाता है।
आइए जानते है चैत्र पूर्णिमा व्रत की पूजा विधि-
1. चैत्र पूर्णिमा के दिन प्रातः काल सूर्योदय से पूर्व उठना चाहिए। इसके बाद किसी पवित्र नदी, जलाशय, कुआं या बावड़ी में स्नान करना चाहिए।
2. व्रत का संकल्प से पहले सकंल्प लें और फिर भगवान सत्य नारायण की करें।
3. रात्रि में विधि पूर्वक चंद्र देव का पूजन करने के बाद उन्हें जल अर्पण करना चाहिए।
4. पूजन के बाद व्रत करने वाले को अपनी श्रद्धा के अनुसार ज़रुरतमंद व्यक्ति को दान दक्षिणा देनी चाहिए।
हनुमान जयंती Hanuman Jayanti
हनुमान जयंती (Hanuman Jayanti)
राम भक्त हनुमान जी को कलयुग में एक प्रभावशाली देवता के रुप में पूजा जाता है। हनुमान जयंती पूजा विधि अनुसार करने से हनुमान ही की कृपा मिलती है। उत्तर भारत में हनुमान जयंती का विशेष महत्व है पूरे उत्तर भारत में इस पर्व को बड़े ही धूम- धाम से मनाते हैं। हनुमान जी का जन्म चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा के दिन माना जाता है। इस बार यह पर्व 19 अप्रैल 2019 को यानि शुक्रवार के दिन मनाया जाएगा । बजरंग बली की पूजा- आराधना करने से मनुष्य अपने जीवन के सभी कष्टों से मुक्ति पा सकता है। हनुमान जयंती एक ऐसा दिन होता है जब कोई व्यक्ति पूरे विधि -विधान से और नियमों का पालन करके अगर पूजा पाठ करता है तो उसकी सभी इच्छांए पूर्ण हो जाती है। लेकिन पूजा के साथ ही अगर आप हनुमान जी को ये कुछ चीजें अर्पित करते हैं तो न केवल आप कष्टों से मुक्ति मिलेगी बल्कि आपके धन और सुख समृद्धि में भी वद्धि होगी।
हनुमान जयंती तिथि, शुभ मुहूर्त
हनुमान जयंती तिथि - शुक्रवार, 19 अप्रैल 2019
पूर्णिमा तिथि आरंभ - 19:26 (18 अप्रैल 2019) से
पूर्णिमा तिथि समाप्त - 16:41 (19 अप्रैल 2019) तक
हनुमान जयंती पूजा विधि
1.सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और लाल वस्त्र धारण करें
2.हनुमान जी को फूल और धूप चढ़ाएं।
3.श्री राम भक्ताय हनुमते नमः का जाप करें।
4.हनुमान जी को मिठे गुलदाना से भोग लगाएं।
5.हनुमान जी की आरती और हनुमान चालीसा के जाप से पूजा संपन्न करें।
गुड फ्राइडे (Good Friday)
गुड फ्राइडे (Good Friday)
गुड फ्राइडे का नाम सुनने मात्र से ऐसा लगता है कि यह एक इस दिन कोई अच्छा कार्य किया गया होगा। लेकिन इतिहास का इसके बारे में कुछ और ही कहना है।इस बार यह पर्व 19 अप्रैल 2019 को मनाया जाएगा। यही वह दिन है जब दुनिया को मानवता का उपदेश देने वाले, सहनशीलता का पाठ पढ़ाने वाले, क्षमा करने की प्रेरणा देने वाले ईसा मसीह जिन्हें ईसाई ईश्वर का पुत्र मानते हैं।
वहीं ईसा मसीह, जीसस क्राइट जिन्हें उनके मानवीय और प्रेम के संदेश देने के बदले में तत्कालीन धार्मिक कट्टरपंथियों, कर्मकांडियों ने अपने लिये ख़तरा समझा और रोम के शासक से शिकायत कर उसे सूली पर टंगवाया। लेकिन ईश्वर के इस पुत्र ने तब भी प्रभु से यही प्रार्थना की कि हे ईश्वर इन्हें माफ करना ये नहीं जानते कि ये क्या कर रहे हैं।
उनके इस बलिदान के दिन को ही गुड फ्राइडे के रुप में मनाया जाता है। यह दिवस गुड फ्राइडे ईस्टर रविवारसे दो दिन पहले मनाया जाता है। इस पर्व को होली फ्राइडे, ब्लैक फ्राइडे या ग्रेट फ्राइडे इत्यादि नामों से भी जाना जाता है।
कैसे मनाते हैं गुड फ्राइडे
ईसाई धर्म को मानने वाले लोगों के लिए यह दिन बेहद खास होता है। इस दिन उपवास रखने की भी परंपरा है।लोग इस दिन ईसा के उपदेशों सुनते हैं और अपने जीवन में उतारने का प्रयास करते हैं।ईसा मसीह जिन्हें यीशु के नाम से भी जाना जाता है। ईसा को परमेश्वर का पुत्र मानकर पूजा जाता है।
लोग उनके बताये प्रेम, सत्य और विश्वास के मार्ग पर चलने का प्रण लेते हैं। चर्चों में प्रार्थनाओं का आयोजन होता है। अधिकतर जगहों पर इस दिन अवकाश भी घोषित होता है। कुछ स्थानों पर लोग काले कपड़े धारण कर यीशु के बलिदान दिवस पर शोक भी व्यक्त करते हैं। यीशु को याद करते हुए लोग चर्चों में मोमबत्ती लगाकर प्रार्थना करते हैं।
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