Ahoi Ashtami Puja Samagri List : अहोई अष्टमी पूजा सामग्री की लिस्ट, इन चीजों का लगाया भोग तो पुत्रों की सफलता की है गारंटी

Ahoi Ashtami Puja Samagri List : अहोई अष्टमी पूजा सामग्री की लिस्ट, इन चीजों का लगाया भोग तो पुत्रों की सफलता की है गारंटी
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Ahoi Ashtami Puja Samagri List अहोई अष्टमी की पूजा सामग्री माता पर्वती की पूजा के लिए खरीदी जाती है। अहोई अष्टमी व्रत इस बार 31 अक्टूबर को है।

Ahoi Ashtami Puja Samagri List अहोई अष्टमी की पूजा सामग्री में माता पार्वती को प्रिय वस्तुओं का ही प्रयोग किया जाता है। इस व्रत में माताएं संतान की मंगलकामना और लंबी उम्र के लिए उपवास करती हैं। इसलिए हम आपको अहोई अष्टमी की पूजा सामग्री के विषय में बता रहे हैं।

अहोई या होई माता का व्रत देशभर में महिलाएं संतान की रक्षा के लिए करती हैं। संतान को किसी भी तरह की अनहोनी और मुसीबत से बचाने के लिए माएं माता पार्वती की आराधना करती हैं। इस व्रत में महिलाएं खासतौर पर पुत्रों की पूजा करती हैं। इसलिए अहोई अष्टमी की पूजा सामग्री खरीदी जाती है। आइए जानते हैं कि आखिर होई व्रत में क्या सामान है जरूरी...

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अहोई अष्टमी की पूजा सामग्री

अहोई माता मूर्ति/चित्र

स्याहु माला

दीपक

करवा

पूजा रोली, अक्षत

तिलक के लिए रोली

दूब

कलावा

पुत्रों को देने के लिए श्रीफल

माता को चढ़ावे के लिए श्रृंगार का सामान

बयाना

सात्विक भोजन

चौदह पूरी और आठ पुओं का भोग

चावल की कटोरी, मूली, सिंघाड़े, फल

खीर

दूध व भात

वस्त्र

बयाना में देने के लिए नेग (पैसे)

अहोई अष्टमी की पूजा सामग्री माता पर्वती की पूजा के लिए खरीदी जाती है। इसमें सबसे पहले अहोई माता की पूजा के लिए गेरू से दीवार पर अहोई माता का चित्र बनाया जाता है। साथ ही स्याहु और उसके सात पुत्रों का चित्र भी निर्मित किया जाता है।

अहोई अष्टमी की पूजा सामग्री में माता जी के सामने चावल की कटोरी, मूली, सिंघाड़े रखते हैं और सुबह दिया रखकर कहानी कही जाती है। कहानी कहते समय चावल हाथ में लिए जाते हैं, उन्हें साड़ी/सूट के दुप्पटे में बांध लेते हैं। सुबह पूजा करते समय लोटे में पानी और उसके ऊपर करवे में पानी रखते हैं। यह करवा चौथ में इस्तेमाल करवा होता है।

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इस करवे का पानी दिवाली के दिन पूरे घर में भी छिड़का जाता है। संध्या काल में इन चित्रों की पूजा की जाती है। अहोई अष्टमी की पूजा सामग्री में पके खाने में चौदह पूरी और आठ पुओं का भोग अहोई माता को लगाया जाता है। उस दिन बयाना निकाला जाता है। बायने में चौदह पूरी या मठरी या काजू होते हैं। लोटे के जल से शाम को चावल के साथ तारों को अर्घ्य किया जाता है।

अहोई अष्टमी की पूजा सामग्री में सबसे आवश्यक विधान यह भी है कि चांदी की अहोई बनाई जाती है जिसे स्याहु माला कहते हैं। इस स्याहु की पूजा रोली, अक्षत, दूध व भात से की जाती है। पूजा पाठ के बाद माताएं अन्न-जल ग्रहण करती हैं। उस करवे के जल को दीपावली के दिन पूरे घर में छिड़का जाता है। यह जल पुत्रों के स्नान में भी इस्तेमाल किया जाता है। माताएं व्रत संपन्न कर पुत्रों की मंगलकामना की दुआ करती हैं।

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