आमलकी एकादशी 2019: आमलकी एकादशी व्रत, कथा, महत्व, पूजा विधि, उपाय और आंवला के फायदे

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By - नरेंद्र सांवरिया |15 March 2019 8:13 PM IST
आंवला एकादशी (Anvala Ekadashi) को ही आमलकी एकादशी (Amalaki Ekadashi) कहा जाता है। इस बार 17 मार्च रविवार को आंवला एकादशी 2019 का व्रत (Amalaki Ekadashi Vrat) रखा जाएगा। फाल्गुन मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी को आमलकी एकादशी मनाई जाती है। आंवला एकादशी व्रत रखने वाले जातकों को मोक्ष की प्राप्ति होती है। आमलकी एकादशी 2019 (Amalaki Ekadashi 2019) में इस बार पुष्य नक्षत्र (Pusya Nakshatra) भी है, जिसकी वजह से आमलकी एकादशी का व्रत विधि (Amalaki Ekadashi Vrat Vidhi) विधान से करने से विष्णु और लक्ष्मी जी का महाआशीर्वाद प्राप्त होता है। इसलिए आमलकी एकादशी का महत्व (amalaki ekadashi importance) बहुत अधिक हो गया है। आंवला एकादशी पर आमलकी एकादशी व्रत कथा का पाठ करने से श्रीलक्ष्मी नायारण जी मनचाहा वरदान दे देते हैं। ग्रह नक्षत्रों के इस अद्भूत संयोग से यह आमलकी एकादशी व्रत रविवार को है और रविवार को भगवान सूर्य की पूजा होती है और रविवार का स्वामी सूर्य विष्णु देव का कारक है। रवि पुष्य योग में आमलकी एकादशी व्रत करने से बुद्धि, विद्या और धन की प्राप्ति होती है।
Amalaki Ekadashi 2019
आमलकी एकादशी व्रत (amalaki ekadashi vrat)
आंवला एकादशी (Anvala Ekadashi) को ही आमलकी एकादशी (Amalaki Ekadashi) कहा जाता है। इस बार 17 मार्च रविवार को आंवला एकादशी 2019 का व्रत (Amalaki Ekadashi Vrat) रखा जाएगा। फाल्गुन मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी को आमलकी एकादशी मनाई जाती है। आंवला एकादशी व्रत रखने वाले जातकों को मोक्ष की प्राप्ति होती है। आमलकी एकादशी 2019 (Amalaki Ekadashi 2019) में इस बार पुष्य नक्षत्र (Pusya Nakshatra) भी है, जिसकी वजह से आमलकी एकादशी का व्रत विधि (Amalaki Ekadashi Vrat Vidhi) विधान से करने से विष्णु और लक्ष्मी जी का महाआशीर्वाद प्राप्त होता है। इसलिए आमलकी एकादशी का महत्व (amalaki ekadashi importance) बहुत अधिक हो गया है। आंवला एकादशी पर आमलकी एकादशी व्रत कथा का पाठ करने से श्रीलक्ष्मी नायारण जी मनचाहा वरदान दे देते हैं। ग्रह नक्षत्रों के इस अद्भूत संयोग से यह आमलकी एकादशी व्रत रविवार को है और रविवार को भगवान सूर्य की पूजा होती है और रविवार का स्वामी सूर्य विष्णु देव का कारक है। रवि पुष्य योग में आमलकी एकादशी व्रत करने से बुद्धि, विद्या और धन की प्राप्ति होती है।

आमलकी एकादशी का महत्व (amalaki ekadashi importance)
हिन्दू धर्म शास्त्रों में आमलकी एकादशी का महत्व विस्तार से बताया गया है। हरिवंश पुराण में भगवान श्रीविष्णु जी ने आमलकी एकादशी का महत्व का वर्णन किया है। जिसके अनुसार जो भी प्राणी स्वर्ग और मोक्ष प्राप्ति की कामना रखते हैं उन्हें फाल्गुन मास शुक्ल पक्ष में पुष्य नक्षत्र में आने वाली आमलकी एकादशी का व्रत रखना चाहिए। अमालकी एकादशी व्रत पर आंवले की पूजा का महत्व इसलिए है क्योंकि इस दिन आंवले के वृक्ष की उत्पत्ति के साथ ही सृष्टि का आरंभ मानते हुआ था। आंवले को आमलकी कहते हैं। अक्षय नवमी की तरह इस दिन भी आंवले के वृक्ष की पूजा की जाती है। आमलकी एकादशी में आंवले के वृक्ष के नीचे बैठकर श्रद्धा-भाव से भगवान विष्णु की पूजा करने से 12 एकादशी का फल प्राप्त होता है।

आमलकी एकादशी की कथा (amalaki ekadashi vrat katha in hindi)
आमलकी एकादशी व्रत कथा अति प्रारंभ एक दिन सृष्टि के पालनकर्ता श्री विष्णु जी की नाभि से उत्पन्न हुए ब्रह्मा जी के मन में सालाव उठा कि वह कौन हैं और उनकी उत्पत्ति कैसे हुई। तब ब्रह्मा जी अपनी जिज्ञासा शांत करने के लिए परब्रह्म की तपस्या करने लगे। ब्रह्म जी की तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान विष्णु प्रकट हुए और भाव विव्हल ब्रह्मा जी के आंसू उनके चरणों पर गिरे और उनसे आंवले का वृक्ष उत्पन्न हुआ। ब्रह्मा जी की भक्ति से भगवान ने कहा कि इन आंसुओं से उत्पन्न ये वृक्ष और इसके फल मुझे अति प्रिय रहेंगे। जो भी आमलकी एकादशी के दिन आंवले के वृक्ष की पूजा करेगा उसके सारे पाप समाप्त हो जाएंगे और वह मोक्ष प्राप्ति का अधिकारी होगा।

आमलकी एकादशी पूजा विधि (amalaki ekadashi puja vidhi)
आमलकी एकादशी व्रत विधि (amalaki ekadashi vrat vidhi) बहुत सरल है सबसे पहले स्नान करके भगवान विष्णु की प्रतिमा के समक्ष हाथ में तिल, कुश, मुद्रा और जल लेकर आमलकी एकादशी व्रत का संकल्प करें कि मैं भगवान विष्णु की प्रसन्नता एवं मोक्ष की कामना से आमलकी एकादशी का व्रत रखता / रखती हूं। मेरा यह व्रत सफलता पूर्वक पूरा हो इसके लिए श्री हरि मुझे अपनी शरण में रखें। संकल्प के पश्चात षोड्षोपचार सहित भगवान की पूजा करें।
आमलकी एकादशी व्रत (amalaki ekadashi vrat)
भगवान की पूजा के पश्चात पूजन सामग्री लेकर आंवले के वृक्ष की पूजा करें। सबसे पहले वृक्ष के चारों की भूमि को साफ करें और उसे गाय के गोबर से पवित्र करें। पेड़ की जड़ में एक वेदी बनाकर उस पर कलश स्थापित करें। इस कलश में देवताओं, तीर्थों एवं सागर को आमत्रित करें। कलश में सुगन्धी और पंच रत्न रखें। इसके ऊपर पंच पल्लव रखें फिर दीप जलाकर रखें। कलश के कण्ठ में श्रीखंड चंदन का लेप करें और वस्त्र पहनाएं।
आमलकी एकादशी व्रत (amalaki ekadashi vrat)
अंत में कलश के ऊपर श्री विष्णु के छठे अवतार परशुराम की स्वर्ण मूर्ति स्थापित करें और विधिवत रूप से परशुराम जी की पूजा करें। रात्रि में भगवत कथा व भजन कीर्तन करते हुए प्रभु का स्मरण करें। द्वादशी के दिन प्रात: ब्राह्मण को भोजन करवाकर दक्षिणा दें साथ ही परशुराम की मूर्ति सहित कलश ब्राह्मण को भेंट करें। इन क्रियाओं के पश्चात परायण करके अन्न जल ग्रहण करें।

आंवला के फायदे (aamvla ke fayde)
जानिए आंवला खाने के फायदे: (anvla kahne ke fayde)
- आंवले में एंटी-ऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं, जिससे कैंसर से बचाव होता है।
- आंवले का जूस पेप्टिक अल्सर में बहुत कारगर साबित होता है और अल्सर की रोकथाम होती है।
- आंवला वजन घटाने में भी काम करता है।
- आंवला शरीर में मौजूद गंदगी को साफ करने और वजन कम करने में भी फायदेमंद होता है।
- आंवला दस्त में भी आराम देता है।
- आंवला का सेवन करने से हाई ब्लड प्रेशर में रामबाण का काम करता है।
- आंवला आंख की रौशनी में कारगर साबित होता है।
आमलकी एकादशी के उपाय (amalaki ekadashi ke upay / amalaki ekadashi benefits)
अगर शादी में अड़चन आ रही है या धन की कमी है तो आमलकी एकादशी के अचूक उपाय अपनाकर आप सुखी जीवन जी सकते हैं। आइये जातने हैं आमलकी एकादशी के उपाय
- एक साफ़ पीले वस्त्र बिछाकर उस पर 5 आंवला रखें।
- आंवले पर लाल सिंदूर लगाकर, दूध पेढ़ा चढ़ाकर धूप दीप दिखाकर पूजा करें।
- पूजा करने के बाद 108 बार ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः मंत्र का जाप करें।
- विष्णु जी के मंत्र जाप के बाद पीले वस्त्र में लपेटकर आंवले को तिजोरी में रख दें।
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