Basant Panchami 2020 Date : जानिए क्यों मनाई जाती है बसंत पंचमी

Basant Panchami 2020 Date : जानिए क्यों मनाई जाती है बसंत पंचमी
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Basant Panchami 2020 Date : बसंत पंचमी (Basant Panchami ) का त्योहार माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है, यह दिन ऋतुओं के लिए विशेष माना जाता है, इसके अलावा इस दिन को मां सरस्वती के जन्मोत्सव (Maa Saraswati Janmotsav ) के रूप में भी मनाया जाता है तो चलिए जानते हैं क्यों मनाई जाती है बसंत पंचमी

Basant Panchami 2020 Date : बसंत पंचमी का त्योहार (Basant Panchami Festival) हिंदू शास्त्रों में अत्याधिक महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन से ही ऋतुओं के राजा बसंत का आगमन होता है।बसंत पंचमी का त्योहार साल 2020 में 29 जनवरी 2020 (29 January 2020) को मनाया जाएगा तो चलिए जानते हैं क्यों मनाई जाती है बसंत पंचमी


बसंत पंचमी क्यों मनाई जाती है (Basant Panchami Kyu Manai Jati Hai)

बसंत पंचमी माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन से ऋतुओं के राजा बसंत का आगमन होता है। इसके साथ ही इस दिन को मां सरस्वती की जन्मदिवस के रूप में भी मनाया जाता है। शास्त्रों के अनुसार बसंत पंचमी के दिन ही मां सरस्वती का जन्म हुआ था। बसंत पंचमी के दिन से ही प्रकृति की सुंदरता में निखार देखने को मिलता है। इस दिन से ही पेड़ों पर से पुराने पत्ते झड़ जाते हैं और उन पर नए पत्ते आते हैं।

खेतों में सरसों के फूल लहराने लगते हैं। मौसम में मादकता आ जाती है। ऐसे प्यारे मौसम को ही बसंत ऋतु कहा जाता है। वहीं हिंदू पुराणों के अनुसार जब भगवान विष्णु के कहने पर ब्रह्मा जी ने सृष्टि की रचना की तो उन्होंने जीव जंतु और मनुष्यों की रचना की थी। लेकिन ब्रह्मा जी अपनी रचना से संतुष्ट नहीं थे। उन्हें यह बार- बार यह महसूस होता था कि कुछ न कुछ कमीं रह गई है। जिसकी वजह से चारो और मौन छाया हुआ है।


जिसके बाद भगवान विष्णु की अनुमति लेकर ब्रह्मा जी ने अपने कमंडल में से जल छिड़का पृथ्वीं पर जल छिड़कते ही कंपन्न होने लगा। इसके बाद वृक्षों के बीच से एक अद्भुत शक्ति प्रकट हो गई। यह प्राकट्य एक चतुर्भुजी सुंदर स्त्री का था। जिनके एक हाथ में वीणा तथा दूसरा हाथ वर मुद्रा में था और अन्य दो हाथों में पुस्तक और माला थी। इसके बाद ब्रह्मा जी ने उनसे वीणा बजाने का अनुरोध किया। जैसे ही देवी सरस्वती ने वीणा बजाई।

जिसके बाद संसार के सभी जीव जंतुओं को वाणी प्राप्त हो गई। जलधारा को भी कोलाहल प्राप्त हो गया, पवन में सरसराहट होने लगी। तब ब्रह्मा जी ने उस देवी को वाणी की देवी सरस्वती का नाम दिया। मां सरस्वती ज्ञान,विद्या और बुद्धि की देवी मानी जाती हैं। इसके साथ ही इन्हें संगीत की देवी भी माना जाता है। यह दिन ज्ञान प्राप्ति के लिए विशेष माना जाता है। इस दिन को अज्ञानता दूर करने का दिन माना जाता है कुछ जगहों पर तो इस दिन बच्चों को पहला अक्षर पढ़ना और लिखान सिखाया जाता है।

माना जाता है कि बसंत पंचमी का दिन पढ़ने और लिखने के लिए सबसे शुभ होता है। सभी स्कुलों में इस दिन मां सरस्वती की पूजा की जाती है। मां सरस्वती को सफेद फूल अत्याधिक प्रिय हैं। इसलिए इस दिन विशेष रूप से मां सरस्वती को सफेद फूल और सफेद वस्त्र अर्पित किए जाते हैं।

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