Basant Panchami 2020 Date : जानिए ब्रह्मा जी ने क्यों किया था अपनी ही पुत्री सरस्वती से विवाह

Basant Panchami 2020 Date : जानिए ब्रह्मा जी ने क्यों किया था अपनी ही पुत्री सरस्वती से विवाह
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Basant Panchami 2020 Date : बसंत पंचमी के दिन माता सरस्वती की पूजा (Saraswati Puja) की जाती है, लेकिन क्या आप सरस्वती पुराण और मतस्य पुराण के अनुसार ब्रह्मा जी ने ही माता सरस्वती को उत्पन्न किया था और बाद में उनसे ही विवाह कर लिया था। बसंत पंचमी का त्योहार (Basant Panchami Festival) साल 2020 में 29 जनवरी 2020 को मनाई जाएगी तो चलिए जानते हैं क्यों ब्रह्मा जी को अपनी ही पुत्री सरस्वती से करना पड़ा था विवाह

Basant Panchami 2020 Date : बसंत पंचमी (Basant Panchami)से ही ऋतुओं के राजा बसंत का आगमन माना जाता है। इसके साथ ही इस दिन को माता सरस्वती (Goddess Saraswati) के जन्मदिवस के रूप में भी मनाया जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि माता सरस्वती को अपने ही पिता ब्रह्मा जी से विवाह करना करना पड़ा था अगर नहीं तो आज हम आपको इसके बारे में बताएंगे तो चलिए जानते हैं क्यों ब्रह्मा जी ने क्यों किया था अपनी ही पुत्री सरस्वती से विवाह


ब्रह्मा जी ने क्यों किया अपनी पुत्री सरस्वती से विवाह (Brahma Ji Ne Kyu Kiya Apni Putri Saraswati Se Vivah)

सरस्वती पुराण के अनुसार ब्रह्मा जी ने सृष्टी की रचना करते समय अपने वीर्य से सरस्वती जी को जन्म दिया था इसलिए माना जाता है कि माता सरस्वती की कोई मां नहीं है केवल पिता ब्रह्मा जी ही हैं। सरस्वती को विद्या की देवी कहा जाता है। लेकिन विद्या की यह देवी बहुत ही सुंदर और आकर्षक थीं स्वंय ब्रह्मा जी सरस्वती के आकर्षण से स्वंय को बचा नहीं सके और उन्हें अपनी पत्नी बनाने का विचार करने लगे। सरस्वती जी ने अपने पिता की मनोभावना को भांप कर उनसे बचने के लिए चारों दिशाओं में छिपने का प्रयास किया

लेकिन उनका हर प्रयास विफल रहा इसलिए विवश होकर उन्हे अपने पिता से विवाह करना पड़ा। ब्रह्मा और सरस्वती सौ वर्षो तक एक साथ जंगल में पत्ति और पत्नी की तरह रहें और उनका एक पुत्र भी हुआ। जिसका नाम स्वंयभू मनु रखा गया। ब्रह्मा जी और सरस्वती के विवाह का वर्णन मतस्य पुराण में भी मिलता है। जिसके अनुसार ब्रह्मा जी के पांच सिर थे माना जाता है कि जिस समय ब्रह्मा जी ने सृष्टी की रचना की थी। उस समय वह संसार में अकेले थे और वह अपने आपको काफी अकेला महसूस किया करते थे।


ऐसे में उन्होने अपने मुख से सरस्वती जी की रचना की ब्रह्मा जी अपनी ही की हुई रचना के प्रति आकर्षित होने लगे और लगातार उन पर अपनी दृष्टि डाले रखते थे। ब्रह्मा जी के इस बर्ताव से सरस्वती जी परेशान होने लगी और जिसके बाद ब्रह्मा जी से बचने के लिए सरस्वती चारो दिशाओ में छिपने लगीं लेकिन वह उनसे नहीं बच पाईं। जिसके बाद अंत में वह आकाश में जाकर छिप गईं। लेकिन ब्रह्मा जी ने अपने पांचवे सिर से उनको आकाश में भी खोज लिया और विवाह का आग्रह किया और उनसे सृष्टी के निर्माण में सहयोग मांगने लगे।

सृष्टि के निर्माण के कारण सरस्वती जी को ब्रह्मा जी से विवाह करने के लिए हां करना पड़ा और उनसे विवाह करने के बाद सर्वप्रथम मनु का जन्म हुआ। ब्रह्मा और सरस्वती की इस संतान मनु को पृथ्वीं पर जन्म लेने वाला मानव कहा जाता है। उसके अलावा मनु को वेदों और सनातम धर्म का और संस्कृत का सहित समस्त भाषाओं का जनक भी कहा जाता है। इस प्रकार से माता सरस्वती को सृष्टि की रचना के लिए अपने पिता ब्रह्मा से ही विवाह करना पड़ा था।

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