Basant Panchami 2020 January : जानिए बसंत पंचमी पर क्यों पहने जाते हैं पीले वस्त्र

Basant Panchami 2020 January बसंत पंचमी पर पीले वस्त्र क्यों पहनना अत्यंत ही शुभ माना जाता है। पीला रंग शुभता और सात्विकता का प्रतीक माना जाता है। बसंत पंचमी का त्योहार (Basant Panchami Festival) साल 2020 में 29 जनवरी 2020 (29 January 2020) को मनाया जाएगा तो चलिए जानते हैं बसंत पंचमी पर क्यों पहने जाते हैं पीले वस्त्र
बसंत पंचमी पर पीले वस्त्र पहनने का महत्व (Basant Panchami Yellow Clothes Importance)
हिंदू कैलेंडर के अनुसार बसंत पंचमी का अर्थ है माघ मास के शुक्ल पक्ष का पांचवा दिन। बसंत को ऋतुओं का राजा माना जाता है। इस समय में पंचतत्व यानी जल, आकाश,धरती, वायु और अग्नि सभी अपना मोहक रूप दिखाते हैं और बसंत ऋतु का यही रूप प्रकृति को बसंत रंग में रंग लेता है। जिसके बाद बसंत पंचमी पर सब कुछ पीले रंग का दिखाई देता है और यह पीला रंग ही बसंत पंचमी के आने का संकेत देता है।
हिंदू धर्म के अनुसार पीले रंग को अत्याधिक शुभ माना जाता है। इसके साथ ही पीले रंग को शुद्ध और सात्विकता का प्रतीक भी माना जाता है। यह सादगी देता है तो निर्मलता को भी दर्शाता है। बसंत ऋतु पर सरसों की फसलें खेतों में लहराती हैं तो वह भी पीले रंग में ही सजी होती हैं। फसल पकती है और पेड़ पौधों में नई कपोलें फूटती हैं। जो की प्रकृति को पीले और सुनहरे रंगो से सजा देती हैं। जिसकी वजह से पूरी पृथ्वीं पीली सी दिखाई देती है
बसंत ऋतु का स्वागत करने के लिए पहनावा भी विशेष होता है। जब पूरी धरती पीले रंग में नजर आती है तो लोग इस दिन विशेष रूप से पीला पहनना ही पसंद करते हैं सिर्फ पहनावा ही नहीं खाद्य पदार्थ में भी पीले चावल, पीली लड्डू और केसर युक्त खीर का इस्तेमाल किया जाता है। इसके अलावा सरसों के पूजन के अवसर पर माता सरस्वती को भी पीले रंग के फूल अर्पित किए जाते हैं। जिसकी वजह से भी पीले रंग को इस दिन विशेष महत्व दिया जाता है।
बसंत पंचमी को माता सरस्वती के जन्मदिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिन माता सरस्वती की पीले रंग की चीजों से पूजा करने पर उनका विशेष आर्शीवाद प्राप्त होता है और साथ ही बुद्धि और विद्या भी बढ़ती है। इतना ही नहीं इस दिन पीले रंग के वस्त्र धारण करने से कुंडली में गुरु ग्रह को शुभता प्रदान होती है। क्योंकि गुरु को पीले रंग का कारक माना जाता है और गुरु एक अत्यंत ही शुभ ग्रह है और ज्ञान का कारक ग्रह भी है।
यदि किसी भी प्रकार से यदि कुंडली में गुरु ग्रह खराब हो जाए तो व्यक्ति को विद्या की प्राप्ति हो ही नहीं सकती। इसलिए इस दिन पीले रंग का उपयोग करने से माता सरस्वती के साथ देवगुरु बृहस्पति का आर्शीवाद भी मिलता है। इसलिए इस दिन पीले रंग के वस्त्र विशेष रूप से धारण करने की परंपरा है।
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