ब्रह्माकुमारीज संस्थान की मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी दादी जानकी का 104 साल की उम्र में देहावसान, जानिए कौन थीं राजयोगिनी जानकी

आबू रोड। दुनिया के सबसे बड़े आध्यात्मिक संगठन ब्रह्माकुमारीज संस्थान की मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी दादी जानकी का निधन हो गया है। 104 वर्ष की उम्र में राजयोगिनी दादी जानकी ने अंतिम सांस ली है। उनका अंतिम संस्कार ब्रह्माकुमारीज के अन्तर्राष्ट्रीय मुख्यालय शांतिवन में आज दोपहर बाद किया जाएगा।
आध्यात्मिक संगठन ब्रह्माकुमारीज संस्थान महिलाओं की ओर से संचालित दुनिया का सबसे बड़ा संगठन है। इसकी मुख्य प्रशासिका और स्वच्छ भारत मिशन ब्रांड एंबेसडर राजयोगिनी दादी जानकी का 104 वर्ष की उम्र में मृत्यु हो गई है। माउण्ट आबू के ग्लोबल अस्पताल में आज सुबह 2 बजे अंतिम सांस ली।
सांस की दिक्कत से जूझ रहीं थीं
डॉक्टरों के मुताबिक राजयोगिनी दादी जानकी सांस की दिक्कत से जूझ रहीं थी। उन्हें पिछले दो महीने से सांस और पेट की दिक्कत थी। जिसका उपचार चल रहा था। लेकिन तमाम प्रयासों के बावजूद डॉक्टर राजयोगिनी दादी को नहीं बचा सके। अस्पताल में 27 मार्च सुबह दो बजे दादी जानकी ने अंतिम सांस ली है। ब्रह्माकुमारीज संस्थान प्रबंधन के मुताबिक राजयोगिनी दादी जानकी का अंतिम संस्कार अन्तर्राष्ट्रीय मुख्यालय शांतिवन में सम्मेलन सभागार के सामने मैदान में आज दोपहर 3.30 बजे होगा।
21 वर्ष की उम्र में संगठन से जुड़ीं
नारी शक्ति की प्रेरणास्रोत राजयेागिनी दादी जानकी का जन्म 1 जनवरी, 1916 को हैदराबाद सिंध, पाकिस्तान में हुआ था। वे 21 वर्ष की उम्र में ब्रह्माकुमारीज संस्थान के आध्यात्मिक पथ को अपना लिया था और पूर्णरुप से समर्पित हो गयी थी। आध्यात्मिक उड़ान में शिखर छू चुकी राजयोगिनी दादी जानकी मात्र चौथी तक पढ़ीं थी। लेकिन आध्यात्मिक आभा से भरपूर भारतीय दर्शन, राजयोग और मानवीय मूल्यों की स्थापना के लिए 1970 में पश्चिमी देशों का रूख किया। दुनिया के 140 देशों में मानवीय मूल्यों के बीजारोपण के हजारों सेवाकेन्द्रों की स्थापना कर लाखों लोगों को एक नई जिन्दगी दी।
रायजोगिनी दादी जानकी ने पूरे विश्व में मन, आत्मा की स्वच्छता के साथ बाहरी स्वच्छता के लिए अनोखा कार्य किया। जिसके लिए भारत सरकार ने स्वच्छ भारत मिशन की ब्रांड अम्बेसडर बनाया था। दादी जानकी के देहावसान की खबर सुनते ही देश विदेश के संस्था के अनुयाईयों ने भावभीनी के लिए योग साधना प्रारंभ कर दी है। उनके पार्थिव शरीर को माउण्ट आबू से आबू रोड के शांतिवन लाया जायेगा। भावभीनी श्रद्धांजलि के पश्चात पंचतत्व में विलिन हो जायेगी।
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