Chaitra Navratri 2020 Date March : नवरात्रि के ये नौ भोग दिलाएंगे आपको धन और सुख समृद्धि का आशीर्वाद

Chaitra Navratri 2020 Date March : नवरात्रि के ये नौ भोग दिलाएंगे आपको धन और सुख समृद्धि का आशीर्वाद
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Chaitra Navratri 2020 Date March : चैत्र नवरात्रि (Chaitra Navratri) के नौ दिनों में मां दुर्गा की अलग- अलग रूपों की पूजा की जाती है और मां को अलग- अलग चीजों का भोग भी लगाया जाता है,यदि आप भी नवरात्रि ( Navratri) पर मां दुर्गा की पूजा करना चाहते हैं और उन मां के सभी नौ रूपों को चढ़ाए जाने वाले भोगों के बारे में जानना चाहते हैं तो हम आपको इसके बारे में बताएंगे तो चलिए जानते हैं क्या हैं नवरात्रि के नौ भोग।

Chaitra Navratri 2020 Date March : चैत्र नवरात्रि का पर्व (Chaitra Navratri Festival) नौ दिनों तक मनाया जाता है। जिसमें मां के सभी नौ रूपों की पूजा की जाती है। लेकिन इन सभी नौ देवियों की पूजा विधान भी अलग है और इनके भोग भी अलग हैं। जिसके बारे में आपका अत्यंत आवश्यक है। जिससे आप मां दुर्गा (Goddes Durga) के सभी रूपों का आशीर्वाद प्राप्त कर सकें।

मां शैलपुत्री का भोग (Goddess Shailaputri Bhog)

पहले नवरात्र पर मां शैलपुत्र की पूजा की जाती है। पर्वतराज हिमालय के यहां पुत्री के रूप में जन्म लेने के कारण इनका नाम शैलपुत्री पड़ा। मां शैलपुत्री को सफेद रंग की चीजें बहुत ज्यादा प्रिय हैं और नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री को सफेद रंग की चीजों का ही भोग लगाया जाता है। यदि यह चीजें गाय के दूध से बनी हो तो मां जल्द ही अपने भक्त को सभी रोगों से मुक्त कर देती हैं और उसके परिवार के सदस्यों को भी निरोगी होने का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

मां ब्रह्मचारिणी का भोग (Goddess Brahmacharini Bhog)

चैत्र नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा- अर्चना की जाती है। मां दुर्गा का यह दूसरा स्वरूप भक्तो और श्रद्धालुओं को अनंत फल देने वाला होता है। मां ब्रह्मचारिणी की उपासना से मनुष्य में तप त्याग, वैराग्य, सदाचार और संयम की वृद्धि होती है और जीवन के कठिन से कठिन समय में भी मनुष्य का मन अपने कर्तव्य पथ से विचलित नहीं होता। मां ब्रह्मचारिणी को दूसरे नवरात्र पर आपको मिश्री, चीनी और पंचामृत का भोग अवश्य ही लगाना चाहिए।

मां चंद्रघंटा का भोग (Goddess Chandraghanta Bhog)

चैत्र नवरात्रि के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की पूजा- अर्चना की जाती है। इस दिन मां की पूजा से साधक का मन मणिपूर्ण चक्र में परिवर्तित होता है। तीसरे नवरात्र पर आपको मां चंद्रघंटा को दूध और उससे बनी चीजें अवश्य अर्पित करनी चाहिए। इन चीजों का भोग मां को अत्याधिक प्रिय है। आपको इस दिन दूध से बनी चीजों का दान भी करना चाहिए। आपके ऐसा करने से मां चंद्रघंटा आपके सभी दुखों का नाश जल्द से जल्द कर देंगी।

मां कुष्मांडा का भोग (Goddess Kushmanda Bhog)

मां दुर्गा का चौथा रूप कुष्मांडा देवी का है और चैत्र नवरात्रि के चौथे दिन मां के इसी रूप की पूजा - अर्चना की जाती है। जब सृष्टि की रचना नहीं हुई थी। उस समय अंधकार का साम्राज्य था तब देवी कुष्मांडा के द्वारा ही ब्राह्मांड का जन्म हुआ था। मां कुष्मांडा सूर्य के मध्य में निवास करती हैं। मां को मालपुए को भोग अतिप्रिय है। इसलिए इस दिन आप मां कुष्मांडा को मालपुए का भोग अवश्य लगाएं। आपके ऐसा करने से आपको बौद्धिक क्षमता में वृद्धि होगी।


मां स्कंदमाता का भोग (Goddess Skandamata Bhog)

चैत्र नवरात्रि के पांचवें दिन मां स्कंदमाता की पूजा अर्चना की जाती है। शास्त्रों के अनुसार यदि स्कंदमाता किसी मूर्ख से भी प्रसन्न हो जाए तो वह व्यक्ति रातों रात ज्ञानी हो जाता है। स्कंद कुमार कार्तिकेय की माता होने के कारण इन्हें स्कंदमाता नाम से जाना जाता है। इस दिन मां स्कंदमाता को केले का भोग लगाना चाहिए और इन केलों का भोग लगाने के बाद किसी गरीब ब्राह्मण को इन केलों का दान कर देना चाहिए। ऐसा करने से मां स्कंदमाता का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

मां कात्यायनी का भोग (Goddess Katyayani Bhog)

मां कात्यायनी को मां दुर्गा का छठा रूप माना जाता है और नवरात्रि के छठे दिन इन्हीं की आराधना की जाती है। महार्षि कात्यायन से प्रसन्न होकर मां कात्यायनी ने उनके यहां पुत्री के रूप में जन्म लिया था। मां कात्यायनी के पूजन में मधु यानी शहद का अधिक महत्व बताया गया है। इसलिए मां कात्यायनी के प्रसाद का भोग बनाने के लिए शहद का प्रयोग अवश्य करना चाहिए। ऐसा करने से मां कात्यायनी आपको सुंदर स्वरूप का वरदान देंगी।

मां कालरात्रि का भोग (Goddess Kaalratri Bhog)

नवरात्रि के सातवें दिन मां कालरात्रि की पूजा - अर्चना की जाती है। मां दुर्गा की सातवीं शक्ति को मां कालरात्रि के नाम से जाना जाता है। मां कालरात्रि का स्वरूप देखने में अत्यंत ही भयानक है। लेकिन वह अपने भक्तों को सदैव ही शुभफल देती हैं। इसी कारण इन्हें शुभांतरी नाम से भी जाना जाता है। इस दिन आपको प्रसाद के रूप में गुड़ का नैवेद्य बनाकर मां कालरात्रि को अर्पित करना चाहिए। ऐसा करने से आपके सभी दुखों का अतं हो जाएगा।

मां महागौरी का भोग (Goddess Mahagauri Bhog)

मां दुर्गा का आठवां रूप को महागौरी के नाम से जाना जाता है। चैत्र नवरात्रि के आठवें दिन मां महागौरी की पूजा का विधान है। इनकी शक्ति अमोघ और सद फलदायनी है। माता महागौरी की उपासना के से उनके भक्तों के सभी पाप धूल जाते हैं। इतना ही नहीं मां के भक्तों के पास पाप, संताप और दुख कभी भी नहीं आते। इसलिए मां महागौरी को अष्टमी तिथि के दिन नारियल का भोग अवश्य लगाएं। आपके ऐसा करने से आपकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाएंगी।

मां सिद्धिदात्रि का भोग (Goddess Siddhidhatri Bhog)

चैत्र नवरात्रि के अंतिम दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा-अर्चना की जाती है। मां सिद्धिदात्रि को सिद्धियों की देवी माना जाता है। इनके पूजन से सभी प्रकार की सिद्धियों की प्राप्ति होती है। नवरात्रि की नवमी तिथि के दिन मां सिद्धिदात्रि को अनाजों का भोग लगाएं। इसके साथ ही मां सिद्धिदात्रि को हलवा, पूड़ी और चने का भी भोग लगाएं और कन्याओं को खिलाएं। ऐसा करने से जीवन में सुख शांति आती है और मां धन के भंडार भर देती हैं।

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