Chaitra Navratri In 2020 : चैत्र नवरात्रि पर इस विधि से करें कन्या पूजन, मिलेगा नवरात्रि व्रत का पूर्ण फल

Chaitra Navratri In 2020 : चैत्र नवरात्रि पर इस विधि से करें कन्या पूजन, मिलेगा नवरात्रि व्रत का पूर्ण फल
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Chaitra Navratri In 2020 : चैत्र नवरात्रि का पर्व (Chaitra Navratri Festival) 25 मार्च 2020 से शुरू हो रहा है, नवरात्रि (Navratri) के अंतिम दिन कन्या पूजन किया जाता है, कन्या पूजन में 2 से 10 वर्ष तक की कन्याओं को शामिल किया जाता है, शास्त्रो के अनुसार दो वर्ष की कन्या को कुमारी, तीन वर्ष की कन्या त्रिमूर्ति, चार वर्ष की कन्या कल्याणी, पांच वर्ष की कन्या रोहिणी, छह वर्ष की कन्या कालिका, सात वर्ष की कन्या चंडिका, आठ वर्ष की कन्या शाम्भवी, नौ वर्ष की कन्या दुर्गा और दस वर्ष की कन्या को सुभद्रा माना जाता है।

Chaitra Navratri In 2020 : चैत्र नवरात्रि व्रत (Chaitra Navratri Vrat) में कन्या पूजन को अति विशेष माना जाता है, कन्या पूजन के बिना इस व्रत का पूर्ण फल प्राप्त नहीं होता, कुछ लोग कन्या पूजन (Kanya Pujan) नवरात्रि की अष्टमी तो कुछ लोग कन्या पूजन नवरात्रि की नवमी तिथि को करते हैं,यदि आपने भी चैत्र नवरात्रि का व्रत रखा है और आप कन्या पूजन की विधि के बारे में जानना चाहते हैं तो आज हम आपको इसके बारे में बताएं तो चलिए जानते हैं चैत्र नवरात्रि कन्या पूजन विधि।

कन्या पूजन विधि (Kanya Pujan Vidhi)

1. सबसे पहले इस दिन व्रती को स्नान करके साफ वस्त्र धारण करने चाहिए और प्रसाद का भोजन बनाना चाहिए।

2. प्रसाद में हलुआ, चना, पूड़ी, खीर आदि बनानी चाहिए। क्योंकि इन्हीं सब चीजों का मां दुर्गा को भोग लगाया जाता है।

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3. इसके बाद मां दुर्गा की विधिवत पूजा करें और इनमें से नौ जगह प्रसाद को भोजन निकाल ले और उसके बाद पहले मां दुर्गा को सभी नौ निकले गए भोग में थोड़ा- थोड़ा भोग लगाएं।

4. मां दुर्गा को भोग लगाने के बाद नौ वर्ष से छोटी कन्याओं को घर भोजन के लिए आमंत्रित करें। इन सभी कन्याओं को मां दुर्गा का ही रूप समझकर पूरी श्रद्धा से भोजन कराएं।


5.कन्या पूजन करते समय मां दुर्गा का ध्यान अवश्य करना चाहिए और पूरी श्रद्धा के साथ कन्या पूजन करना चाहिए नहीं तो नवरात्रि का पूर्ण फल प्राप्त नहीं होता है।

6. सबसे पहले सभी नौ कन्याओं के पैर स्वंय धोएं। इसके बाद साफ स्थान पर कपड़ा बिछाकर उन्हें बिठाएं।

7. सभी कन्याओं को एक साथ बिठाकर उनके हाथों मे रक्षासूत्र बांधना चाहिए और उनके माथे पर रोली का तिलक करना चाहिए।

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8.इसके बाद मां दुर्गा के निकाले गए नौ भोगों को सर्वप्रथम नौ कन्याओं को खिलाना चाहिए। उन्हें लाल रंग की चुनरी अर्पित करें।

9.जब सभी कन्याएं पेट भरकर भोजन कर लें तो उन्हें दक्षिणा और उपहार स्वरूप कुछ न कुछ अवश्य देना चाहिए। बिना उपहार के उन्हें घर से विदा न करें।

10.कन्याओं को उपहार देने के बाद उनके पैर छुकर उनका आशीर्वाद अवश्य लें।

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