Chaitra Ram Navami 2020 : रामनवमी पर जानिए क्या है राम नाम की महिमा

Chaitra Ram Navami 2020 : रामनवमी का पर्व 2 अप्रैल 2020 को मनाया जाएगा। इस दिन रामायण, रामचरित मानस और अन्य ग्रंथों के द्वारा भगवान श्री राम (Lord Rama) के नाम के नाम का गुणगान किया जाता है। हिंदू शास्त्रों के अनुसार राम (Ram) नाम में ही पूरा ब्राह्मांड समाया है और सभी देवता भी इसी में समाए हैं। जिसने राम नाम का जाप कर लिया वह अपने जीवन में तर जाता है।
राम नाम की महिमा (Ram Naam Ki Mahima)
मनुष्य का जीवन सौभाग्य और दुर्भाग्य की अनुभूतियों से भरा हुआ है। कभी मनुष्य को सौभाग्य की प्राप्ति होती है तो कभी दुर्भाग्य की। सौभाग्य मनुष्य को निश्चित रूप से अच्छा लगता है। लेकिन दुर्भाग्य किसी को भी अच्छा नहीं लगता। यह मूलत: इस बात पर निर्भर करता है कि हम इसे अनुभव करते हैं कि नहीं दुर्भाग्य किसी के लिए पहाड़ के समान होता है तो किसी के लिए साधारण सी बात यह जीवन के दो चपूओं के समान है। यदि एक का भी संतुलन बिगड़ जाए तो जीवन को संतुलन में रखने का सिर्फ एक ही सर्वश्रेष्ठ उपाय है सिर्फ भगवान श्री राम का नाम।
इस साधारण से नाम में असीम शक्ति छिपी हुई है। इस नाम का सिर्फ स्वाद चखकर ही इसका बखान किया जा सकता है। एक सार्थक नाम के रूप में हमारे ऋषि मुनियों ने राम नाम के महत्व को पहचाना उन्होंने इस पूजनीय नाम की परख की और नामों के आगे लगाने का चलन प्रारंभ किया। प्रत्येक हिंदू परिवार में देखा जा सकता है कि बच्चे के जन्म राम के नाम का स्वर होता है। राम में शिव और शिव में राम विद्यमान है।राम जी को शिव जी का महामंत्र माना गया है। राम सर्वमुक्त है राम सभी की चेतना का सजीव नाम है।
कुख्यात डाकू रत्नाकर राम नाम से प्रभावित हुए और अंतत: महार्षि वाल्मिकी नाम से विख्यात हुए। राम नाम की चैतन्य धारा से मनुष्य की प्रत्येक आवश्यकता स्वत: ही पूरी हो जाती है। यह नाम स्वर सामर्थ है। राम अपने भक्त को उसके हृदय में वास कर सौभाग्य प्रदान करते हैं। तुलसीदास जी ने रामचरित मानस में लिखा है। प्रभु के जितने भी नाम प्रचलित हैं। उनमें सर्वाधिक श्री फल देने वाला नाम राम का ही है। इससे बधिक, पशु, पक्षी, मनुष्य आदि तक तर जाते हैं। सारी जिंदगी भगवान श्री कृष्ण की भक्ति में लीन रहने वाली मीराबाई ने अंतत: यही गाया।
पायो जी मैने राम रत्न धन पायो। उन्होंने कृष्ण रत्न धन क्यों नहीं कहा। क्योंकि राम नाम की महिमा अपरमपार है अन्य देवी देवताओं की तुलना में राम सबको आसानी से प्राप्त हो जाते हैं। यह नाम सबसे ज्यादा सरल और सुरक्षित है। इसके जप से लक्ष्य की प्राप्ति निश्चित रूप से होती है। इस राम के जप के लिए आयु, स्थान, स्थिति, जाति जैसे बाहरी आवरण की कोई जरूरत नहीं है।किसी भी समय और किसी भी स्थान पर राम नाम का जाप किया जा सकता है। स्त्री या पुरुष जब भी चाहें इस नाम का जाप कर सकते हैं। प्रभु के लिए सब समान है।
प्रभु का तारक मंत्र श्री से प्रारंभ होता है। श्री को सीता अथवा शक्ति का प्रतीक माना गया है। राम नाम में रा अग्नि स्वरूप है जो हमारे दुष्कर्मों का दाह करता है। वहीं म जल तत्व का घोतक है। जल आत्मा की जीवात्मा पर जीत का कारक है। इस तरह श्री राम का अर्थ है। शक्ति से परमात्मा पर विजय।
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