Chandra Grahan 2019 : घर शुद्धि के उपाय, चंद्र ग्रहण का प्रभाव हो जाएगा खत्म

Chandra Grahan 2019 चंद्र ग्रहण पर घर को शुद्ध करने के लिए अनेकों उपाय किए जाते हैं। इसका कारण यह है कि चंद्र ग्रहण को शुभ नहीं माना जाता । चंद्र ग्रहण की वजह से पृथ्वीं पर सभी चीजे अशुद्ध हो जाती है। इसलिए शास्त्रों में चंद्र ग्रहण को दोष कारक माना गया है। चंद्र ग्रहण साल 2019 में 16-17 जुलाई की आधी रात में 1 बजकर 32 मिनट से शुरू होकर सुबह 4 बज कर 31 मिनट तक रहेगा। चंद्र ग्रहण का सूतक काल चंद्र ग्रहण के नौ घंटे पहले ही शुरु हो जाता है। चंद्र ग्रहण के दोष (Chandra Grahan Dosh) चंद्र ग्रहण के सूतक काल (Chandra Grahan Sutak kaal) से ही प्रारंभ हो जाता है। अगर आप भी चंद्र ग्रहण पर घर शुद्धि के उपाय (Chandra Grahan Ghar Sudhi Ka Upay) जानना चाहते हैं तो हम आपको इन सभी उपायों के बारे में बताएंगे तो चलिए जानते हैं घर शुद्धि के उपायों के बारे में...
चंद्र ग्रहण सूतक काल (Chandra Grahan Sutak Kaal)
16 जुलाई 2019 - शाम 4 बजकर 31 मिनट
चंद्र ग्रहण के बाद घर शुद्धि के उपाय (Chandra Grahan Ghar Sudhi Ka Upay)
1. चंद्र ग्रहण के बाद स्नान अवश्य करें और इसके बाद साफ वस्त्र धारण करें । चंद्र ग्रहण के समय पहने वस्त्रों को फेक दे या किसी को दान कर दें ।
2. चंद्र ग्रहण खत्म होने के बाद पूरे घर में गंगा जल का छिड़काव करें ऐसा करने से आपके घर से चंद्र ग्रहण के सभी नकारात्मक प्रभाव खत्म हो जाएगा।
3.चंद्र ग्रहण के बाद भगवान की प्रतिमा को गंगा जल से स्नान कराएं और विधि- विधान से पूजन करें।
4.पूजा करने के बाद पूरे घर में धूप जलाकर उसका धूआं पूरे घर में फैलाएं । ऐसा करने से आपके घर की सारी नकारतात्मकता खत्म हो जाएगी।
5.चंद्र ग्रहण के बाद घर में गर्भवती महिलाओं को तुलसी और चंदन का लेप बनाकर पूरे शरीर पर मलाना चाहिए । ऐसा करने से आपके गर्भ में पल रहे शिशु की रक्षा होगी।
6.चंद्र ग्रहण का सूतक लगने से पहले सभी खाने पीने की चीजों में तुलसी के पत्ते अवश्य डालें।
7. चंद्र ग्रहण के समय अपने इष्ट के मंत्रों का जाप अवश्य करें।
8. चंद्र ग्रहण के समय भगवान की मूर्ति स्पर्श न करें।
9.चंद्र ग्रहण पर किसी भी प्रकार से काटने या सिलने का काम न करें।
10. चंद्र ग्रहण के बाद किसी निर्धन व्यक्ति या ब्राह्मण को दान अवश्य देना चाहिए ।
कैसा दिखता है चंद्र ग्रहण (Kaisa Dikhta Hai Chandra Grahan)
खगोल शास्त्र के अनुसार जिस समय पृथ्वीं , सूर्य और चंद्रमा के बीच में आ जाती है। तब चंद्रमा पर पड़ने वाली किरणें रूक जाती है। इस समय में पृथ्वीं की स्वंय की छाया बनने लगती है। उस समय पहले काले और फिर धीरे-धीरे इसका रंग लाल हो जाता है। इस ही चंद्र ग्रहण कहा जाता है।
जिस समय पृथ्वीं चंद्रमा के कुछ हिस्सों को ही ढकती है । उस समय यह अर्ध चंद्र ग्रहण यानी खंडग्रास ग्रहण कहलाता है। चंद्रमा को हम नग्न आखों से देख सकते हैं । जबकि सूर्य को हम नग्न आखों से देख नही सकते । भारत के अलावा भी यह ग्रहण कई और देशों में दिखाई देगा।
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