Chandra Grahan 2019 Live / भारत में दिखा खंडग्रास चंद्र ग्रहण, 149 साल बाद बना दुर्लभ संयोग

Chandra Grahan 2019 Live  / भारत में दिखा खंडग्रास चंद्र ग्रहण, 149 साल बाद बना दुर्लभ संयोग
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Chandra Grahan 2019 Live Updates India Lunar Eclipse 2019 Time Chandra Grahan Effects (चंद्र ग्रहण सूतक काल 4:30 बजे से, खंडग्रास चंद्र ग्रहण का समय 1:32 से 4:30 तक- गर्भवती महिलाओं के लिए सावधानी) चंद्र ग्रहण पर साल 2019 (Chandra Grahan 2019 ) में बनने वाला दुर्लभ योग इससे पहले 12 जुलाई 1870 के दिन बना था। 149 साल पहले भी शनि ,केतु और चंद्रमा धनु राशि में ही गोचर कर रहे थे। उस समय भी गुरु पूर्णिमा का विशेष दिन था। जो आज भी बन रहा है। ग्रहों की इन स्थितियों की वजह से यह चंद्र ग्रहण और भी ज्यादा खास बन गया है।

Chandra Grahan 2019 Live Updates India Lunar Eclipse 2019 Time Chandra Grahan Effects (चंद्र ग्रहण सूतक काल शाम 4:30 बजे से सुबह 4:30 तक रहा, खंडग्रास चंद्र ग्रहण का समय 1:32 से 4:30 तक- गर्भवती महिलाओं के लिए सावधानी) चंद्र ग्रहण 2019 में 16 और 17 जुलाई 2019 मध्य रात्रि में पड़ रहा है। चंद्र ग्रहण रात 1 बजकर 32 मिनट से प्रारंभ होकर सुबह 4 बजकर 30 मिनट तक रह। यह चंद्र ग्रहण खंडग्रास चंद्र ग्रहण है। इससे पहले पूर्ण चंद्र ग्रहण साल 21 जनवरी 2019 के दिन लगा था। चंद्र ग्रहण पर केतु , शनि और चंद्रमा धनु राशि में रहने वाले हैं। इससे पहले 12 जुलाई 1870 को भी ग्रहों की इसी प्रकार की स्थितियां बनी थी।


Chandra Grahan Live Telecast


आज के दिन का नासा से भी है गहरा संबंध

आज नासा के अपोलो 11 मिशन की लॉन्चिंग के 50 साल पूरे हो चुके हैं। इसी मिशन के तहत इंसान ने चांद पर पहला कदम रखा था।

साल 2019 में कुल कितने ग्रहण पड़े

इस साल 2019 में कुल मिलाकर पांच ग्रहण पड़े हैं। इसमें तीन सूर्य ग्रहण और दो चंद्र ग्रहण है। यह साल का दूसरा चंद्र ग्रहण है। जो आज यानी 16 जुलाई 2019 को लगने जा रहा है।यह आंशिक चंद्र ग्रहण है। इससे पहले पूर्ण चंद्र ग्रहण 21 जनवरी 2019 के दिन लगा था। वहीं सूर्य ग्रहण की बात करें तो साल का पहला सूर्य ग्रहण 6 जनवरी 2019 के दिन लगा था । इसके बाद दूसरा सूर्य ग्रहण 2 जुलाई 2019 को लगा था। लेकिन यह ग्रहण भारत में दिखाई नही दिया था। तीसरा और अंतिम सूर्य ग्रहण 26 दिसंबर 2019 के दिन लगेगा।

चंद्र ग्रहण इन राशियों के लिए है लाभदायक

चंद्र ग्रहण का असर सिर्फ बुरा ही नहीं पड़ता। बल्कि कुछ राशियों पर इसका सकारात्मक प्रभाव भी पड़ रहा है। यह राशियां हैं मेष, वृष, कन्या, वृश्चिक, धनु और मकर। इन राशि वाले जातकों को इस समय में कई प्रकार के लाभ मिल सकते हैं।

चंद्र ग्रहण के समय न सोएं

शास्त्रों के अनुसार ग्रहण के समय सोना वर्जित होता है। क्योंकि ग्रहण के समय नकरात्मक ऊर्जा का प्रभाव अधिक बढ जाता है। जिसकी वजह से शरीर को नुकसान हो सकता है। इसलिए ग्रहण काल में सोना नही चाहिए।

चंद्र ग्रहण का सूतक लगने पर इन प्रमुख मंदिरों के कपाट हो जाएंगे बंद

चंद्र ग्रहण का सूतक लगभग 1 घंटे के बाद लगने वाला है। जिसके बाद से ही सभी मंदिरों के कपाट बंद कर दिए जाएंगे। कुछ प्रमुख मंदिरों की बात करें तो केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के अलावा कई बड़े मंदिरों के कपाट बंद कर दिए जाएंगे। जिसके बाद अगले दिन 17 जुलाई 2019 को सुबह 5 : 30 बजे मंदिरों के कपाट साफ- सफाई और शुद्धिकरण के बाद आम भक्तों के दर्शन के लिए खोले जाएंगे।

देशभर में एक ही रहेगा चंद्र ग्रहण का सूतक काल

चंद्र ग्रहण का सूतक काल पूरे देश में एक ही रहेगा। देश के सभी हिस्सों में इस आंशिक चंद्र ग्रहण को देखा जा सकता है। चंद्र ग्रहण का सूतक काल 16 जुलाई 2019 यानी आज शाम 4 बजकर 30 मिनट से शुरु होगा और चंद्र ग्रहण की समाप्ति तक रहेगा।


चंद्र ग्रहण के सूतक काल में इन मंत्रों का करें जाप

1.तमोमय महाभीम सोमसूर्यविमर्दन।

हेमताराप्रदानेन मम शान्तिप्रदो भव॥१॥

मंत्र का अर्थ – अन्धकाररूप महाभीम चन्द्र-सूर्य का मर्दन करने वाले राहु! सुवर्णतारा दान से मुझे शान्ति प्रदान करें।

2.विधुन्तुद नमस्तुभ्यं सिंहिकानन्दनाच्युत।

दानेनानेन नागस्य रक्ष मां वेधजाद्भयात्॥२॥

मंत्र का अर्थ – सिंहिकानन्दन (पुत्र), अच्युत! हे विधुन्तुद, नाग के इस दान से ग्रहणजनित भय से मेरी रक्षा करो।

अब से तीन घंटे बाद लगने जा रहा है चंद्र ग्रहण का सूतक काल

चंद्र ग्रहण का सूतक काल अब से तीन घंटे बाद लगने जा रहा है। चंद्र ग्रहण के सूतक काल से ही मूर्तियों का स्पर्श करना मना है। इसी के साथ अगर आपको अपने खाने पीने की चीजों में तुलसी के पत्ते डालने हैं तो आप इस समय में तुलसी के पत्तों को तोड़ सकते हैं और अपने खाने पीने की चीजों में डाल सकते हैं। क्योंकि शास्त्रों के अनुसार चंद्र ग्रहण के सूतक काल में तुलसी के पत्तों का तोड़ना मना है। चंद्र ग्रहण के सूतक काल से ही सभी शुभ कामों को टाल दें नहीं तो आपको इसका शुभ परिणाम प्राप्त नही होगा।

16 जुलाई 2019 चंद्र ग्रहण के दिन यह रहेगी ग्रह स्थितियां

आज के दिन चंद्रमा रात 3 बजकर 15 मिनट पर मकर राशि में गोचर करेगा। नक्षत्र की बात करें तो रात 8 बजकर 31 मिनट पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र और उसके बाद उतराषाढ़ा नक्षत्र प्रारंभ हो जाएगा। आज के दिन अन्य ग्रह स्थितियां कुछ इस प्रकार बवन रही है। सूर्य मिथुन राशि में , शुक्र मिथुन राशि में , बुध कर्क राशि में, मंगल कर्क राशि में , शनि धनु राशि में व्रकी अवस्था में, गुरु वृश्चिक राशि में वक्री अवस्था में, राहु मिथुन राशि में वक्री अवस्था में, केतु वक्री में रहेंगे।

कैसे देख सकते हैं चंद्र ग्रहण

चंद्र ग्रहण को आप खुली आँखों से देख सकते हैं और यदि संभव हो तो टेलिस्कोप से चंद्र ग्रहण का नजारा बहुत सुंदर नजर आएगा।


देश के आर्थिक दृष्टिकोण से अशुभ है चंद्र ग्रहण (Desh Ke Aartghik DrashitKon Se Asubh Hai Chandra Grahan)

चंद्र ग्रहण का असर देश की आर्थिक दृष्टि पर भी पड़ेगी। इस समय भारत की आर्थिक रूप से कमजोर हो सकता है। लेकिन फिर भी लोगों पर इसका ज्यादा असर नहीं पड़ेगा। सोने और चांदी के दामों में बढ़ोतरी हो सकती है। इस समय राजनिति में विवादों की स्थिति गहरा सकती है। सता पक्ष के लिए यह समय थोड़ी कमजोर हो सकती है। बिजनेस में लोगों को नुकसान हो सकता है। इस समय नौकरीयों में भी कमीं आ सकती है। रीयल स्टेट की वैल्यू बढ़ सकती है। इस समय कई देश अपने विवादों का सकारात्मक परिणाम निकाल लेंगे।

चंद्र ग्रहण के सूतक काल की सावधानियां (Chandra Grahan Sutak Kaal Ki Savdhaniya)

1. चंद्र ग्रहण का सूतक लगने पर किसी भी नए काम की शुरुआत नहीं करनी चाहिए। इस समय में नए काम की शुरुआत करने से शुभ परिणामों की प्राप्ति नही होती।

2.चंद्र ग्रहण के सूतक के समय भगवान की मूर्तियों को स्पर्श नहीं करना चाहिए।

3. चंद्र ग्रहण के सूतक से पहले ही सभी खाने पीने की वस्तुओं में तुलसी के पत्ते डाल दें। लेकिन चंद्र ग्रहण के समय तुलसी के पत्ते न तोड़े।

4.चंद्र ग्रहण के सूतक काल में किसी सुनसान रास्ते या फिर किसी कब्रिस्तान के पास से न गुजरे नहीं तो आपको इसके भयंकर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं।

5. चंद्र ग्रहण के सूतक काल से ही व्यसनों का प्रयोग न करें नहीं तो आपको कई परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।


चंद्र ग्रहण पर दुर्लभ योग (Chandra Grahan Per Durlabh Yog)

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार 12 जुलाई 1870 को इसी प्रकार का ग्रहण पड़ा था। उस समय भी चंद्रमा ,शनि और केतु धनु राशि में थे और आज 149 साल बाद 16 जुलाई 2019 को एक बार फिर से यही ग्रह स्थिति बन रही है। जिसकी वजह से एक बार फिर से पृथ्वीं पर प्राकृतिक आपदाएं आने की आशंका है।


कैसा दिखता है चंद्र ग्रहण (Kaisa Dikhta Hai Chandra Grahan)

खगोल शास्त्री चंद्र ग्रहण को एक आम घटना मानते हैं। खगोल शास्त्र के अनुसार जब सूर्य और चंद्रमा के बीच पृथ्वीं आ जाती है तो उसे पूर्ण चंद्र ग्रहण कहा जाता है। यह स्थिति केवल पूर्णिमा के दिन ही बनती है। लेकिन जब पृथ्वीं के छाया चंद्रमा को आधा ही ढकती है। उसे खंडग्रास चंद्र ग्रहण कहा जाता है।


चंद्र ग्रहण पर प्राकृतिक आपदाओं का रहेगा खतरा (Chandra Grahan Per Prakartik Aapdao Ka Kahtra)

ज्योतिष आचार्यों के अनुसार इस चंद्र ग्रहण पर प्राकृतिक आपदाएं बढ़ सकती हैं। 16 जुलाई की रात को लगने वाले चंद्र ग्रहण की वजह से भूकंप , बाढ़ और तूफान जैसी घटनाओं में बढ़ोतरी हो सकती है। इस समय में वर्षा अधिक हो सकती है। वहीं आम लोगों पर भी इसका असर काफी देखने को मिलेगा। गर्भवती महिलाओं को इस समय में विशेष सावधानी बरतने की आवश्यकता है।


चंद्र ग्रहण के समय गर्भवती महिलाओं के लिए सावधानियां (Chandra Grahan Per Grbhvati Mahilo Ke Liya Savdhaniya)

1. चंद्र ग्रहण के समय गर्भवती महिलाओं को कुछ भी काटनें , सिलनें और कढ़ाई आदि का काम नहीं करना चाहिए।

2. गर्भवती महिलाओं को चंद्र ग्रहण की छाया किसी भी तरह अपने गर्भ पर नही पड़ने देनी चाहिए नहीं तो उनका गर्भ नष्ट हो सकता है।

3.गर्भवती महिलाओं को चंद्र ग्रहण के समय सजना और संवरना नहीं चाहिए।

4.गर्भवती महिलाओं को चंद्र ग्रहण के समय भोजन पकाना और खाना नहीं चहिए।

5. गर्भवती महिलाओं को चंद्र ग्रहण के समय सोना नही चाहिए।


चंद्र ग्रहण के दौरान राशियों पर पडेगा यह प्रभाव (Chandra Grahan Ka Rashio Per Prabav)

मेष राशि - सेहत खराब हो सकती है।

वृष राशि- मानसिक परेशानियां

मिथुन राशि- शत्रुओं से सावधान

कर्क राशि- पारिवारिक कष्ट

सिंह राशि - तनाव

कन्या राशि -काम में बाधा

तुला राशि - लाभ मिलेगा

वृश्चिक राशि- खर्च अधिक

धनु राशि- धन हानि

मकर राशि- शारीरीक कष्ट

कुंभ राशि- आर्थिक मामलों में सावधानी बरतें

मीन राशि- धन लाभ


केदारनाथ और बद्रीनाथ के कपाट चंद्र ग्रहण के दौरान बंद रहेंगे (Badrinath or Kedarnath ke Kapat Honge Band)

केदारनाथ और बद्रीनाथ के कपाट 16 जुलाई 2019 को शाम 4:30 बजे ग्रहण के सूतक काल के समय ही बंद हो जाएंगे। जिसके बाद अगले दिन यानी 17 जुलाई को सुबह 5: 30 बजे सफाई और शुद्धिकरण के बाद केदारनाथ और बद्रीनाथ के कपाट आम श्रद्धालुओं के लिए खोले जाएंगे।


चंद्र ग्रहण के दौरान इन लोगों को रहना होगा विशेष सावधान (Chandra Grahan Ke Samay In Logo Ko Rahna Cahiye Vishesh Sabdhan)

चंद्र ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं, बच्चों , बुजुर्गों और रोगी व्यक्ति को विशेष सावधानी बरतनी चाहिए। इन लोगों को अपने ऊपर ग्रहण की छाया नहीं पड़ने देनी चाहिए और न हीं ग्रहण के समय कुछ खाना या पीना चाहिए। चंद्र ग्रहण के समय इन लोगों को बिल्कुल भी घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए।


चंद्र ग्रहण को देखने से पहले बरतें सावधानी (Chandra Grahan Ko Dekhne Se Pahle Barte Savdhaniya)

चंद्र ग्रहण को नग्न आखों से बिल्कुल भी न देखें। क्योंकि चंद्र ग्रहण की हानिकारक किरणें आपकी आखों को खराब कर सकती है। वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी चंद्र ग्रहण को नग्न आखों से देखना हानिकारक होता है। अगर आप चंद्र ग्रहण को देखना ही चाहते हैं तो आपको इसके चश्मे आदि का प्रयोग करना चाहिए


साल 2019 में पहला चंद्र ग्रहण कब लगा था। (Saal 2019 Mai Lage Tha Pahla Chandra Grahan)

साल 2019 का पहला चंद्र ग्रहण 21 जनवरी 2019 के दिन लगा था। यह चंद्र ग्रहण पूर्ण चंद्र ग्रहण था। शास्त्रों के अनुसार चंद्र ग्रहण का असर 108 दिनों तक माना जाता है। इस चंद्र ग्रहण को सुपर ब्लड मून नाम दिया गया था । यह चंद्र ग्रहण तांबे के समान लाल रंग का नजर आया था। इसी कारण से वैज्ञानिकों ने इसे सुपर ब्लड मून नाम दिया था।


चंद्र ग्रहण की धार्मिक मान्यता (Chandra Grahan Ki Dharmik Manyata)

शास्त्रों के अनुसार समुद्र मंथन के दौरान जब अमृत बांटा जा रहा था।उस समय राहु ने धोखे से अमृत पान कर लिया था। जिसके बाद भगवान विष्णु ने राहु का सिर काट दिया था। अमृत पीने की वजह राहु दो हिस्सों में बंट गया।इसके एक सिर वाले हिस्से को राहु और धड़ को केतु कहा जाता है। इसी कारण राहु और केतु सूर्य और चंद्रमा को अपना दुश्मन मानकर उनको पीड़ित करते हैं।


गुरु पूर्णिमा पर भी पड़ेगा चंद्र ग्रहण का प्रभाव (Guru Purnima Per Chandra Grahan Ka Prabhav)

16 जुलाई 2019 के दिन शाम 4 बजकर 30 मिनट से ही सूतक का समय प्रारंभ हो जाएगा। जिसकी वजह से गुरु पूर्णिमा का समय भी घट जाएगा और मंदिरों में पूजा और आराधना भी सिर्फ 4 बजे तक ही होगी। गुरु पूर्णिमा के इस विशेष काल में गुरुओं की पूजा सिर्फ कुछ ही घंटे तक की जा सकती है।

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