Coronavirus : ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जानिए कब खत्म होगा कोरोना वायरस का प्रकोप

Coronavirus : ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जानिए कब खत्म होगा कोरोना वायरस का प्रकोप
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कोरोना वायरस पूरी दुनिया में अपने पांव फैलाता जा रहा है, जिससे पूरी दुनिया में हाहाकार मचा हुआ है, लेकिन किन ग्रहों के कारण ऐसी स्थिति उत्पन्न हुई है और ज्योतिषियों के अनुसार कब इस बीमारी पर काबू पाया जा सकता है, यदि आप इसके बारे में जानना चाहते हैं तो आज हम आपको इसके बारे में बताएंगे...

कोरोना वायरस (Coronavirus) 20 दिसंबर 2019 को बुहान शहर (Buhan City) से प्रारंभ हुआ था। जो पूरी दुनिया में फैलता हुआ भारत में भी प्रवेश कर चुका है। यदि 20 दिसंबर 2019 की कुंडली की बात की जाए तो इस दिन सूर्य, शनि और केतु देवगुरु बृहस्पति की राशि में उन्हीं के साथ थे। इसी योग में ही कोरोना वायरस का प्रारंभ हुआ था और इन ग्रहों पर राहु की सातवीं दृष्टि भी है। इन अशुभ योगों की कारण ही कोरोना वायरस पूरी दुनिया में फैला है। विद्वानों के अनुसार किसी भी वायरस को फैलाने में शनि, राहु और केतु की महत्वपूर्ण भूमिका होती है।

यदि 23 मार्च 2020 की कुंडली की बात करें तो इस दिन शनि की राशि मकर में मंगल का गोचर हो रहा है। जिसके साथ ही मंगल अपनी उच्च राशि में जा रहा है और शनि और मंगल की युति भी मकर राशि में हो जाएगी। विद्वानों के अनुसार शनि और मंगल की युत्ति को अच्छा नहीं माना जाता। इस गोचर के साथ ही मंगल और केतु का अशुभ योग भी समाप्त हो जाएगा और यदि सूर्य की बात करें तो सूर्य मीन राशि में 13 मार्च 2020 को ही गोचर कर गया है।


ज्योतिष विद्वानों के अनुसार 23 मार्च के बाद कोरोना वायरस के समाप्त होने या कम होने की संभावना बन सकती है। इसके बाद देव गुरु बृहस्पति 30 मार्च को अपनी नीच राशि मकर में गोचर कर जाएंगे। जिसके बाद शनि, मंगल और गुरु की युत्ति मकर राशि में हो जाएगी। लेकिन शनि के अपनी राशि में और मंगल के उच्च राशि में होने के कारण यहां पर गुरु का नीच भंग राजयोग बन जाएगा। जो कोरोना वायरस को काफी हद तक कम करने की क्षमता रखता है।

विद्वान मानते हैं कि 23 मार्च के बाद डॉक्टर इस बीमारी पर काफी हद तक काबू पा सकते हैं और आम लोगों को इससे बचा सकते हैं। इसके साथ ही इस कोरोना वायरस (Coronavirus) जैसी भयानक बीमारी को देश में ही नहीं बल्कि दुनिया के कई देशों में काफी हद तक रोके जाने की संभावना है। इस बीमारी को न केवल रोका जाएगा बल्कि कई देशों में इसे जड़ से खत्म करने की कोशिश भी की जाएगी।

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