Dev Uthani Ekadashi 2019 : देवउठनी एकादशी पर क्या करें और क्या न करें

Dev Uthani Ekadashi 2019 देवउठनी एकादशी पर भगवान विष्णु चार माह की गहरी नींद के बाद जागते हैं। कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को देवउठनी एकादशी , देवोत्थनी एकादशी आदि नामों से जाना जाता है। भगवान विष्णु के जागने बाद से भी धरती पर सभी शुभ और मांगलिक कार्य शुरू हो जाते हैं। इस दिन तुलसी विवाह (Tulsi Vivha) भी कराया जाता है। देवउठनी एकादशी (Dev Uthani Ekadashi) के तुलसी विवाह कराने से कन्यादान जितना फल प्राप्त होता है तो आइए जानते हैं देवउठनी एकादशी पर क्या करें और क्या न करें
देवउठनी एकादशी पर क्या करें (Dev Uthani Ekadashi Per Kya Kare)
1.देवउठनी एकादशी पर भगवान विष्णु के जागने पर सभी देवता दीपक जलाकर उनका स्वागत करते हैं। इसलिए इस दिन आपको भी अपने घर पर दीपक अवश्य जलाने चाहिए।
2.देवउठनी एकादशी के दिन तुलसी विवाह को भी अधिक महत्व दिया जाता है। इसलिए इस दिन तुलसी का विवाह शालिग्राम से अवश्य कराएं। ऐसा करने से आपको भगवान विष्णु के साथ माता तुलसी का भी आर्शीवाद प्राप्त होगा।
3. देवउठनी एकादशी का व्रत रखने वाले व्यक्ति को सूर्योदय से पहला उठना चाहिए और रात भर भगवान श्री हरि विष्णु का कीर्तन करना चाहिए।
4. देवउठनी एकादशी की पूजा पर भगवान विष्णु को तुलसी दल अवश्य अर्पित करना चाहिए। क्योंकि तुलसी दल भगवान विष्णु को अत्याधिक प्रिय है।
5.जिन दंपत्तियों के यहां संतान नही है उन्हें देवउठनी एकादशी के दिन तुलसी नामाष्टक का पाठ अवश्य करना चाहिए।
6.देवउठनी एकादशी के दिन व्यक्ति को निर्जल रहकर ही व्रत करना चाहिए। यदि वह ऐसा न कर सके तो उसे एक समय ही भोजन करना चाहिए।
7. देवउठनी एकादशी के व्रत में नमक का प्रयोग बिल्कुल भी न करें हो सके तो इस दिन फलाहार से ही अपने व्रत का पारण करें।
8. देवउठनी एकादशी की पूजा के समय ज्यादा से ज्यादा भगवान विष्णु के मंत्रों का जाप करना चाहिए। क्योंकि इस दिन भगवान विष्णु अपने भक्तों को विशेष आर्शीवाद देते हैं।
9. देवउठनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु को जगाने के लिए घंटा बजाया जाता है। इसलिए इस दिन व्रत करने वाले व्यक्ति को पूजन के घंटा बजाकर भगवान विष्णु को जगाना चाहिए।
10. देवउठनी एकादशी पर गाय को भोजन अवश्य कराएं और किसी निर्धन व्यक्ति या ब्राह्मण को भी इस दक्षिणा अवश्य दें।
देवउठनी एकादशी पर क्या न करें (Dev Uthani Ekadashi Per Kya Na Kare)
1. देवउठनी एकादशी के दिन भूलकर भी चावल का सेवन न करें। क्योंकि इस दिन चावल का सेवन निषेध माना गया है। माना जाता है कि एकादशी के दिन चावल खाने वाला व्यक्ति अगले जन्म में रेंगने वाली योनी में जन्म लेता है।
2.देवउठनी एकादशी का व्रत रखने वाले व्यक्ति को कोई से भी लड़ाई झगड़ा नहीं करना चाहिए। क्योंकि इस दिन लड़ाई झगड़ा करने से भगवान विष्णु रुष्ट हो जाते हैं।
3.देवउठनी एकादशी के दिन तुलसी के पत्ते को न तोड़े। इस दिन तुलसी के पत्ते ही नहीं बल्कि आपको किसी भी पेड़ से पत्ते और फूलों को नहीं तोड़ना चाहिए। भगवान विष्णु के पूजन के लिए एक दिन पहले यानी दशमी तिथि के दिन ही पत्ते और फूल तोड़ लें।
4. देवउठनी एकादशी के दिन आप व्रत करें या न करें। लेकिन आपको ब्रह्मचर्य व्रत का पालन अवश्य करना चाहिए। अगर आप ऐसा नहीं करते तो आपको भगवान विष्णु के क्रोध का सामना करना पड़ेगा।
5. देवउठनी एकादशी का व्रत रखने वाले व्यक्ति को इस दिन जमींन पर सोना चाहिए। इस दिन आपको भूलकर भी पलंग पर नहीं सोना चाहिए।
6.देवउठनी एकादशी पर भूलकर भी मास मदिरा का प्रयोग न करें और न ही घर में किसी को करने दें नहीं तो भगवान आपको भगवान विष्णु के क्रोध का पात्र बनना पड़ेगा।
7. देवउठनी एकादशी के दिन सोए नहीं क्योंकि इस दिन रात भर जागकर श्री हरि भगवान विष्णु का कीर्तन किया जाता है। इसलिए इस दिन भगवान विष्णु का रात भर जागकर कीर्तन अवश्य करें।
8. देवउठनी एकादशी के दिन भूलकर भी न तो झूठ बोलें और न हीं किसी की निंदा करें। अगर आप ऐसा करते हैं तो आपको देवउठनी एकादशी व्रत के पूर्ण फल प्राप्त नही होंगे।
9.देवउठनी एकादशी के दिन किसी का भी अपमान नहीं करना चाहिए। अगर आप इस दिन किसी का अपमान करते हैं तो आपको इस व्रत के फलों की प्राप्ति नही होगी।
10. देवउठनी एकादशी के दिन किसी भी जीव को न मारें। अगर आप इस दिन ऐसा करते हैं तो आप पुण्य की जगह पाप के भागीदार बन जाएंगे।
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