Dev Uthni Ekadashi 2019 : देवउठनी एकादशी पर जानिए कैसे उठांए घर में देव

Dev Utthni Ekadashi 2019 देवउठनी एकादशी को देव प्रबोधनी एकादशी (Prabodhini Ekadashi) या प्रबोधनी आदि नामों से भी जाता है। इस दिन भगवान विष्णु (Lord Vishnu) अपनी चार माह की निद्रा के बाद जागते हैं। लेकिन भगवान विष्णु के भक्त इस दिन भगवान विष्णु को निद्रा से जगाते भी हैं। यदि आप भी देवताओं को अपने घर में जगना चाहते हैं और आपको देव उठाने की विधि के बारे में नहीं पता है तो हम आपको इसके बारे में बताएंगे तो आइए जानते हैं देव उठनी एकादशी पर कैसे उठांए घर में देव
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देवउठनी एकादशी पर देव उठाने की विधि (Dev Utthni Ekadashi Per Dev Uthane Ki Vidhi)
1. सबसे पहले देवउठनी एकादशी पर साधक को सूर्योदय से पूर्व की किसी पवित्र नदी, सरोवर या तालाब में स्नान करें।
2. इसके बाद घर की अच्छी तरह से सफाई कर लें और गंगाजल से शुद्ध कर लें।
3. इसके बाद घर के आंगन में भगवान विष्णु के चरणों की आकृति बनाएं। लेकिन घ्यान रखें की यह आकृति आप किसी पवित्र स्थान पर ही बनाएं।
4. इसके बाद गेरू को पानी में डालकर भिगो लें। सबसे पहले देव के घर की आकृति बनाएं।
5. इसके बाद उस घर के अंदर ऊपर की और भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की आकृति बनाएं।
6. इसके बाद नीचे की और दोनो तरफ स्वास्तिक का चिन्ह बनाएं।
7. इसके बाद भगवान को गन्ना, केले,बेर, सिंघाड़ा,शक्करकंदी, आम के पत्ते, मूली, खील बताशे और मिष्ठान आदि अर्पित करें।
8. इसके बाद भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी को रोली से तिलक लगाएं।
9. इसके बाद पुष्प अर्पित करके सभी चीजें जो आपने चढ़ाई हैं। उनका भोग लगा दें।
10. इसके बाद गाय के घी का दीपक प्रज्वलित करें।
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11. इसके बाद एक चौकी बिछाकर उस पर लाल कपड़ा बिछाकर भगवान विष्णु की तस्वीर स्थापित करें।
12. इसके बाद एक कलश की स्थापना करें और भगवान विष्णु को पुष्प और पांच तरह के फल अर्पित करें।
13. इसके बाद शाम के समय पूजा करें। जिसमें भगवान को चंदन से तिलक किया जाता है।
14. इसके बाद भगवान विष्णु को मिष्ठान का भोग लगाएं।
15. इसके बाद भगवान विष्णु को दक्षिणावृत्ति शंख से स्नान कराना चाहिए।
16. इसके बाद थाली लेकर उसे गन्ने से बजाएं और शंख, घंटा आदि भी बजाएं।
17. इसके बाद बोले उठो देवा, बैठा देवा, उंगलियां चटकाओ देवा, नई सूत, नई कपास, उठाय कार्तिक मास, मूली का पत्ता हरिया धरिया, ईश्वर का मुख पाना धरिया, इसके बाद अपने घर के सभी लड़कों का नाम ले लें, ओला पोला धरे अंजीर फिर घर की लड़कियों का नाम लेकर बोलें जियत तुम्हारे वीर जितने के घर सिंक से लाई उतने के घर बुहंड़ आई, जितने खोटे टागूंगी सूत, उतने के घर में जन्मेंगे पुत, जितनों के घर ईंट रोड़े, उतने के घर हाथी घोड़े,उठो नारायण बैठो नारायण,चलो चना के खेत में नारायण, मैं बोलूं तुलसी के नारायण, मैं काटूं तुम उठाओ नारायण, मैं पीसू तुम छानो नारायण, मैं पोऊं तुम खाओं नारायण, कोरा करवा शीतल पानी, उठो देव पीओ पानी, उठो देव बैठो देव, ऊंगलिया चटकाओ देव और बोलें जागो जागो जो आपका गोत्र हो उनके देव...
18. उसके बाद देवठान के गीत और बधाईयां गाएं और भगवान विष्णु और तुलसी माता के भजन भी गाएं।
19. इसके बाद गेरू से रशोई पर बिंदियां लगाएं। घर के हर कमरे में बिंदियां लगाएं।
20. इसके बाद भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी को नमन करें और प्रसाद का वितरण करके प्रसाद को ग्रहण करें।
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