दिवाली कब है 2019 : लक्ष्मी पूजन का शुभ मुहूर्त और दिवाली पूजन विधि

Diwali Kab Hai (दिवाली कब है) इसको लेकर लोग असमंजस में रहते हैं। दिवाली का पर्व (Diwali Festival) पूरे देश में हर्षोल्लास से मनाया जाता है। पुराणों के अनुसार जब भगवान श्री राम (Shri Ram) रावण (Ravan) का वध करके अयोध्या वापस लौटे तो उस समय भगवान राम का अयोध्या वासियों ने उनका दीप जलाकर स्वागत किया था। जिसके बाद इस त्योहार को प्रत्येक साल दिवाली के रूप में मनाया (Celeberate Diwali) जाने लगा। दीवाली के त्योहार को असत्य पर सत्य की जीत के रूप में मनाया जाता है। दीवाली के दिन भगवान गणेश और मां लक्ष्मी के साथ -साथ भगवान कुबेर की भी पूजा की जाती है। अगर आप यह नहीं जानते कि दिवाली 2019 में कब है, क्या है दिवाली का शुभ मुहूर्त और क्या है दिवाली की पूजा विधि अगर आप इसके बारे में नहीं जानते तो आज हम आपको इसके बारे में बताएंगे तो चलिए जानते हैं दिवाली कब है (Diwali Kab Hai), दिवाली पर लक्ष्मी पूजन का शुभ मुहूर्त (Diwali Laxmi Pujan Shubh Muhurat) और दिवाली पूजन विधि (Diwali Puja Vidhi) के बारे मे...
दिवाली 2019 तिथि (Diwali 2019 Tithi )
दिवाली का महापर्व 2019 में अश्विन मास कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि में 27 अक्टूबर 2019 को मनाया जाएगा।
दिवाली 2019 शुभ मुहूर्त / लक्ष्मी पूजन का शुभ मुहूर्त (Diwali 2019 Subh Mahurat / Laxmi Pooja Shubh Muhurat )
दिवाली पर लक्ष्मी पूजा मुहूर्त – शाम 7 बजकर 15 मिनट से 8 बजकर 36 मिनट तक
प्रदोष काल- शाम 6 बजकर 4 मिनट से 8 बजकर 36 मिनट तक
वृषभ काल- शाम 7 बजकर 15 मिनट से 9 बजकर15 मिनट तक
दिवाली 2019 चौघड़िया / लक्ष्मी पूजा चौघड़िया 2019 (Diwali 2019 Chaughadiya / Lakshami Pujan 2019 Chaughadiya)
दोपहर शुभ पूजा मुहूर्त- 1 बजकर 48 से 3 बजकर 13 मिनट तक
दिवाली पूजा विधि / लक्ष्मी पूजन विधि (Diwali Puja Vidhi / Lakshami Pujan Vidhi)
1. दिवाली के दिन मुख्य रूप से भगवान गणेश और मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है।
2. दिवाली की शाम को एक साफ चौकी बिछांए। इसके बाद इस पर गंगा जल छिड़काव करें।
3. भगवान गणेश और मां लक्ष्मी के साथ कुबेर और श्री यंत्र भी स्थापित करें।
4. पूजा स्थान पर एक जल से भरा तांबे का कलश रखें अगर आपके पास तांबे का कलश नहीं है तो आप साधारण कलश भी रख सकते हैं।
5. इसके बाद कलश पर रोली से सतिया बना लें और श्रीं लिखें इसके बाद मोली की 5 गांठे बांध दें।
6. इसके बाद आम के पत्ते बांध दे और पुजा स्थल पर पंच मेवा, गुड़ फूल , मिठाई,घी , कमल का फूल ,खील बातसें आदि भगवान गणेश और मां लक्ष्मी के आगे रखें।
7. मां लक्ष्मी को कमल का फूल अत्याधिक प्रिय है इसलिए मां लक्ष्मी के दोनों और एक- एक कमल का फूल रखें।
8. इसके बाद भगवान गणेश और मां लक्ष्मी के आगे पांच घी और पांच तेल के दीपक और तेल का बड़ा दीपक जलाएं। और विधिवत पूजन करें ।
9. भगवान गणेश और मां लक्ष्मी की पूजा के बाद कुबेर जी की पूजा भी अवश्य करें।
10. इसके बाद अपने गहनों ,पैसों और बहीखातों की भी पूजा करते हैं। जिससे आपकी संपन्नता लगातार बढ़ती रहे।
दीवाली के दिन मां इन जगहों पर होती है मां काली पूजा (Diwali Ke Din In Jagaho Per Hoti Hai Maa kali Ki Puja)
भारत में अधिकतर दीवाली के दिन मां लक्ष्मी और गणेश जी की पूजा की जाती है। लेकिन कुछ जगह ऐसी भी है। जहां पर दीवाली के दिन मां लक्ष्मी और गणेश जी की नहीं बल्कि मां काली की पूजा की जाती है। यह जगह हैं पश्चिम बंगाल, उड़ीसा और असम यहां पर दीवाली पर आधी रात के समय मां काली की पूजा की जाती है। माना जाता है कि जब असुरों का वध करने पर भी मां काली का गुस्सा शांत नहीं हुआ तब भगवान शिव मां काली के पैरों के नीचे लेट गए थे। इसलिए कुछ जगहों पर मां काली के इस रौद्र रूप की भी पूजा की जाती है।
हैप्पी दिवाली (Happy Diwali)
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