Diwali 2019 Date Time : दिवाली का शुभ संयोग, धन से भर जाएगा घर

Diwali 2019 दिवाली के दिन भगवान गणेश और मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है। दिवाली पूजन के लिए शुभ मुहूर्त का जानना भी अति आवश्यक है। अगर आप दिवाली के दिन शुभ मुहूर्त में भगवान गणेश और मां लक्ष्मी की पूजा करते हैं तो आपको धन लाभ के साथ-साथ सुख और समृद्धि भी प्राप्त होगी, इसलिए दिवाली पूजन के सही मुहूर्त का ही चुनाव करें। अगर आप दिवाली का शुभ मुहूर्त नहीं जानते तो हम आपको इसके बारे में बताएंगे तो चलिए जानते हैं दिवाली के शुभ संयोगों के बारे में
दिल्ली में दिवाली 2019 पूजन का मुहूर्त (Delhi Diwali 2019 Pujan Muhurat)
लक्ष्मी पूजन महूर्त- शाम 6 बजकर 43 मिनट से रात 8 बजकर 14 मिनट तक (27 अक्टूबर 2019)
प्रदोष काल महूर्त- शाम 5 बजकर 40 मिनट से रात 8 बजकर 14 मिनट तक (27 अक्टूबर 2019)
वृषभ काल महूर्त - शाम 6 बजकर 43 मिनट से रात 8 बजकर 39 मिनट तक (27 अक्टूबर 2019 )
दिवाली 2019 महानिशीथ काल मुहूर्त (Diwali 2019 Mahanisith Kaal Muhurat)
लक्ष्मी पूजन मूहूर्त- रात 11 बजकर 39 मिनट से रात 12 बजकर 30 मिनट तक (27 अक्टूबर 2019)
महानिशीथ काल मूहूर्त- रात 11 बजकर 39 मिनट से रात 12 बजकर 30 मिनट तक (27 अक्टूबर 2019)
सिंह काल मुहूर्त - रात 1 बजकर 15 मिनट से सुबह 3 बजकर 33 मिनट तक (28 अक्टूबर 2019)
दिवाली 2019 शुभ चौघड़िया मुहूर्त (Diwali 2019 Subh Coghariya Muhurat)
प्रात: मुहूर्त्त(लाभ, अमृत ) - सुबह 9 बजकर 19 मिनट से 12 बजकर 5 मिनट तक (27 अक्टूबर 2019)
अपराह्न मुहूर्त्त (शुभ) - दोपहर 1 बजकर 28 मिनट से 2 बजकर 52 मिनट तक (27 अक्टूबर 2019)
सांयकाल मुहूर्त (शुभ, अमृत) - शाम 5 बजकर 36 मिनट से शाम 8 बजकर 51 मिनट तक (27 अक्टूबर 2019)
उषाकाल मुहूर्त्त (शुभ)- सुबह 4 बजकर 53 मिनट से 6 बजकर 29 मिनट तक (28 अक्टूबर 2019)
दिवाली 2019 का पंचांग (Diwali 2019 Ka Panchang)
तिथि- अमावस्या तिथि
चंद्र राशि - तुला
सूर्य राशि - तुला
नक्षत्र- चित्रा
योग-प्रीति
करण- नाग
किस मुहूर्त में करें पूजा (Kis Muhurat Mai Kare Puja)
दिवाली 2019 के अनुसार इस बार का शुभ मुहूर्त प्रदोष काल और महालनिशीथ काल में बन रहा है। इस साल सूर्योस्त के बाद तीन मूहूर्त दिवाली पूजन के लिए अति उत्तम है। जिनमें प्रदोष काल, वृषभ काल और सांयकाल मुहूर्त अति उत्तम है। अगर आप इस दिन स्थिर लग्न में पूजा करते हैं तो आपको दिवाली पूजन का अत्याधिक लाभ प्राप्त होगा। स्थिर लग्न वृषभ, सिंह, वृश्चिक और कुंभ को कहा जाता है। दिवाली के दिन मां काली की भी पूजा की जाती है। इसके लिए महानिशीथ काल का मुहूर्त सर्वाधिक उत्तम है। यह समय तांत्रिक पूजा और सिद्धि प्राप्ति के लिए विशेष माना जाता है।
स्थिर लग्न में ही क्यों होता है लक्ष्मी पूजन (Sthir Lagan Mai Hi Kyu Hota Hai Laxmi Pujan)
स्थिर लग्न को शुभ लग्न माना जाता है। स्थिर लग्न में किया गया कोई भी काम शुभ फल ही प्राप्त कराता है। इसलिए दिवाली पूजन के लिए स्थिर लग्नों को अधिक महत्वता दी जाती है। स्थिर लग्नों में की गई पूजा कई गुना लाभ देती है। इसके अलावा अस्थिर लग्नों में कि गई पूजा का कोई लाभ प्राप्त नहीं होता। अगर अस्थिर लग्नों में दिवाली के दिन मां लक्ष्मी का पूजन किया जाता है तो मां लक्ष्मी अंश रूप में घर में ठहर जाती है। जिसका कोई लाभ प्राप्ति नहीं होता। इसलिए दिवाली के दिन स्थिर लग्नों को ही प्रधानता दी गई है।
कब मनाई जाती है दिवाली ? (When Is Diwali Celebrate)
कार्तिमा महिनें के कृष्ण पक्ष की अमावस्या के दिन प्रदोष काल में दिवाली का त्योहार मनाया जाता है। यदि दो दिनों से अधिक समय तक अमावस्या तिथि और प्रदोष काल एक साथ न हों तो अगले दिन दिवाली मनाई जाती है। शास्त्रों मे इस मत को विशेष मान्यता दी गई है। वहीं एक और मत के अनुसार दो दिनों तक प्रदोष काल और अमावस्या न हो तो तो एक दिन पहले ही दिवाली मनानी चाहिए और यदि दिवाली के दिन अमावस्या न हो चतुदर्शी के बाद सीधे प्रतिपदा तिथि आरंभ हो जाए तो चतुदर्शी के दिन ही दिवाली मना लेनी चाहिए।
और पढ़े: Haryana News | Chhattisgarh News | MP News | Aaj Ka Rashifal | Jokes | Haryana Video News | Haryana News App
© Copyright 2025 : Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS
-
Home
-
Menu
© Copyright 2025: Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS