Dussehra 2019 : इस महिला के कारण चौदह वर्षों तक सोती रही लक्ष्मण की पत्नी उर्मिला

Dussehra 2019 दशहरा को पर्व विशेष रूप से भगवान राम की रावण पर जीत के रूप में मनाया जाता है। रामायण (Ramayan) में विशेष रूप से भगवान राम, सीता और लक्ष्मण के बारे में बताया गया है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि माता सीता की बहन और लक्ष्मण जी की पत्नी ने भी बहुत बड़ा त्याग किया था और अगर वह यह त्याग नही करती तो भगवान श्री राम कभी भी यह युद्ध नहीं जीत सकते थे। दशहरा का त्योहार इस साल 2019 में 8 अक्टूबर 2019 (8 October 2019) के दिन मनाया जाएगा तो आइए जानते किस कारण से चौदह वर्ष तक सोती रही लक्ष्मण की पत्नी उर्मिला
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क्यों सोती रही चौदह वर्षों तक सोती रही लक्ष्मण की पत्नी उर्मिला ?
रामायण के बारे में तो आप सभी जानते हैं। आप सब भगवान श्री राम, लक्ष्मण और माता सीता से तो परिचित होंगे ही। लेकिन क्या आप जानते हैं सीता जी की बहन उर्मिला जो लक्ष्मण की पत्नी भी थी। उन्होंने भी बहुत बड़ा बलिदान दिया था। रामायण के अनुसार यह कहानी है एक सोती हुई राजकुमारी की। पुराणों के अनुसार जब लक्ष्मण का जन्म हुआ था। तब वह उस समय तक रोत रहे थे। जब तक उन्हें भगवान श्री राम के बगल में नहीं सुलाया गया था। उस दिन के बाद से वह हमेशा से ही भगवान श्री राम के बगल में ही रहते थे। भगवान श्री राम के छोटे भाई लक्ष्मण का विवाह माता सीता की छोटी बहन उर्मिला से हुआ था।
कैकयी के वचन के अनुसार भगवान श्री राम को चौदह वर्ष का वनवास मिला था। लक्ष्मण जी जो की रामभक्त थे। वह हमेशा भगवान श्री राम की परछाई बनकर उनके साथ ही रहते थे। राम माता सीता के जोर देने पर उन्हें भी अपने साथ वनवास पर ले गए थे। जब उर्मिला ने भी लक्ष्मण जी के साथ जाने के लिए कहा तो लक्ष्मण जी ने कहा कि वह राम भैय्या और भाभी सीता की देखरेख करने के लिए जा रहे हैं। उन्होंने उर्मिला से कहा कि अगर वह उसे भी साथ लेकर जाते हैं तो उन पर उसकी जिम्मेदारी आ जाएगी। इस तरह से लक्ष्मण भगवान श्री राम और माता सीता के साथ वनवास पर गए और अपनी पत्नी को साथ ले जाने से मना कर दिया।
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निर्वास्न की पहली ही रात को वन में राम और सीता सो गए। लक्ष्मण ने उन पर नजर रखी हुई थी। थोड़ी देर बाद निद्रा देवी लक्ष्मण के सामने प्रकट हो गई और लक्ष्मण को नींद में जाने के लिए कहा। इसके बाद लक्ष्मण जी ने बड़ी ही विनम्रता से निद्रा देवी से कहा कि वह अगले चौदह वर्षों तक नहीं सो सकते। क्योंकि वह अपने बड़े भाई और भाभी की रक्षा के लिए आए हुए है। देवी उनकी भक्ति से प्रभावित हो गई और अगले चौदह साल तक उन्हें छोड़ने के लिए तैयार हो गई। लेकिन देवी निद्रा ने कहा कि प्राकृति के नियम के अनुसार किसी और को लक्ष्मण की नींद की जिम्मेदारी लेनी होगी।
उसके बाद लक्ष्मण ने निद्रा देवी से अनुरोध किया कि वह उनकी पत्नी उर्मिला के पास जाएं और उसे लक्ष्मण के हिस्से की नींद दे दें। लक्ष्मण जानते थे कि कर्तव्य वश उर्मिला आसानी से मान जाएंगी। इसके बाद निद्रा देवी उर्मिला के पास पहुंची और लक्ष्मण की दशा के बारे में बात करने लगी। तब उर्मिला ने अपना पति धर्म निभाते हुए निद्रा देवी से आग्रह किया कि वह उनके पति की नींद भी उन्हें दे दें। ताकि लक्ष्मण किसी तनाव और थकान के बिना अपना काम कर सकें। इस प्रकार उर्मिला चौदह वर्षों तक रात और दिन सोती रही। इस तरह से उर्मिला ने अपने पति धर्म का पालन किया था।
इसके अलावा रामायण के अनुसार मेघनाद ने तपस्या करके यह वरदान प्राप्त किया था कि उसका वध वही व्यक्ति कर सकता है। जो चौदह वर्षों तक सोया न हो। जब लक्ष्मण की नींद उर्मिला ने ले ली तो वह लगातार चौदह वर्षों तक नही सोए थे।इसी कारण से सिर्फ लक्ष्मण ही मेघनाद का वध कर सकते थे और जब राम और रावण का युद्ध हुआ तो लक्ष्मण जी ने ही मेघनाद का वध किया था।
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