Dussehra 2019 : इस वजह से रावण की पत्नी मंदोदरी ने की थी विभीषण से शादी

Dussehra 2019 : इस वजह से रावण की पत्नी मंदोदरी ने की थी विभीषण से शादी
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दशहरा के दिन ही भगवान श्री राम ने रावण का वध किया था और इसके बाद विभिषण को लंका का कार्यभार सौंपा था, लेकिन श्री राम ने लंका की महारानी मंदोदरी को लंका के उज्जवल भविष्य के लिए विभिषण से विवाह का प्रस्ताव दिया था, जिसे सुनकर मंदोदरी को अत्ंयत ही क्रोध आया था और उसने भगवान श्री राम के अयोद्धया लौटने तक अपने आप को राजमहल में बंद रखा था।

Dussehra 2019 दशहरा का त्योहार बुराई पर अच्छाई की जीत के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है। रामायण के अनुसार रावण के मरने के बाद भगवान श्री राम (Shri Ram) ने विभिषण का राज्य अभिषेक किया था। लेकिन यह बात बहुत ही कम लोग जानते हैं कि भगवान राम ने मंदोदरी के सामने विभिषण से शादी का प्रस्ताव भी रखा था। जिसे सुनकर मंदोदरी ने अपने आपको राजमहल में बंद कर लिया था। दशहरा का त्योहरा (Dussehra Festival) इस साल 2019 में 8 अक्टूबर 2019 को मनाया जाएगा तो आइए जानते हैं किस वजह से रावण की पत्नी मंदोदरी ने की थी विभीषण से शादी


क्यों किया था मंदोदरी ने विभिषण से विवाह (Kyu Kiya tha Madodari Na Vibhishana Sa Vivha)

रामायण के अनुसार जब रावण ने माता सीता का हरण कर लिया था। उस समय मंदोदरी ने माता सीता को भगवान राम को वापस सौंपने के लिए कहा था। लेकिन उस समय रावण अपने अंहकार में चूर था और उसने मंदोदरी के एक भी नहीं सुनी। जिसके कारण ही भगवान श्री राम और रावण में भयंकर युद्ध हुआ था। रावण के इस अंहकार की वजह से उसके पूरे कुल का विनाश हो गया था। उसके कुल में विभिषण को छोड़कर अन्य कोई भी नहीं बचा था। रावण का यही अहंकार उसके विनाश का कारण बना था।

रावण की मृत्यु के बाद उसके कुल में कुछ महिलाएं और पुरुषों में सिर्फ विभिषण ही बचा था। जब युद्ध खत्म हुआ उस समय मंदोदरी भी यद्ध भूमि पर पहुंच गई और वहां पर उसने पति, पुत्र और अन्य रिश्तेदारों के शव देखे। जिसके कारण वह अत्यंत ही दुखी हो गई थी। वह अपने इस दुख के कारण पूरी तरह से टुट गई थी। उसे अपने इस दुख के आगे और कुछ भी दिखाई नहीं दे रहा था। मंदोदरी ने जब भगवान श्री राम की और देखा । भगवान राम की आभा अलौकिक थी। उन्हें देखकर मंदोदरी का दुख कुछ क्षण के लिए कम हो गया था।


भगवान श्री राम ने देखा कि लंका का राजपाठ चलाने वाला और कोई नहीं बचा है तो उन्होंने यह भार विभिषण को सौप दिया। विभिषण के राज्य अभिषेक के बाद भगवान श्री राम ने मंदोदरी के आगे विभिषण से विवाह का प्रस्ताव रखा। इसके साथ ही भगवान श्री राम ने मंदोदरी से यह भी कहा कि वह न सिर्फ लंका की महारानी है बल्कि अति पराक्रमी और बलशाली रावण की विधवा भी है। भगवान राम की बात सुनकर मंदोदरी ने उन्हें उस समय तो कोई उत्तर नही दिया और यह सुनकर वह वहां से चली गई।

जिस समय भगवान श्री राम माता सीता और लक्ष्मण अयोद्धया लौट रहे थे तब मंदोदरी ने स्वंय को महल में बंद कर लिया था और बाहर के लोगों के साथ सभी संपर्क खत्म कर दिया था। भगवान श्री राम के जाने के बाद मंदोदरी ने स्वंय को महल से बाहर निकाला और विभिषण से विवाह के सात विवाह के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया। मंदोदरी ने ऐसा इसलिए किया था क्योंकि वह लंका की महारानी थी और लंका को रावण ने ही बसाया था इसलिए लंका के उज्जवल भविष्य के लिए ही उसे विभिषण से विवाह करना पड़ा।

मंदोदरी एक सती स्त्री थी जो अपने पति के अलावा किसी और की नही हो सकती थी। लेकिन फिर भी मंदोदरी ने विभिषण से विवाह किया था। रामायण में ऐसे कई प्रसंग मिलते हैं जो इस बात को सोचने के लिए मजबूर करते हैं। माना जाता है कि बालि के मरने के बाद उसकी पत्नी से भी सुग्रीव ने विवाह कर लिया था।

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