Eid 2019 : जानें कब हुई ईद की शुरुआत , कैसे करते हैं खुदा की इबादत, क्यों मनाई जाती है ईद और क्या खाते हैं ईद के दिन

Eid 2019 : जानें कब हुई ईद की शुरुआत , कैसे करते हैं खुदा की इबादत, क्यों मनाई जाती है ईद और क्या खाते हैं ईद के दिन
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Eid 2019 : देशभर में आज 5 जून 2019 को ईद (Eid 5 June 2019) का त्यौहार पूरे धूमधाम से मनाया जा रहा है। इस्लामिक कैलेंडर (Islamic Calendar) के अनुसार रमजान (Ramadan) का महिना पाक महिना माना जाता है। इस समय लोग रोजा रखते हैं और कड़े नियमों का पालन करते हैं। अल्लाह की इबादत के लिए यह महिना पाक माना जाता है। दसवें महिने की शव्वाल (Dasve Mahine Ki Sabbal) की पहली चांद वाली रात ईद की रात होती है। चांद को देखने के बाद ही ईद-उल -फितर (Eid Ul Fitr) का त्यौहार मनाया जाता है। ईद का त्यौहार भाई चारे को बढ़ावा देने के लिए मनाया जाता है। इस दिन एक दूसरे से गले मिलकर ईद की मुबारक बात देते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि क्यों मनाई जाती है ईद (Kyu Manai Jati Hai Eid), क्या खाते हैं ईद के दिन (Kya Khate Hai Eid Ka din) ,कब हुई थी ईद की शुरूआत (Kab Hui Eid Ki Shuruat), कैसे करते हैं खुदा का शुक्रिया (Kaisa Karte Hai Khuda Ka Shukriya) । अगर आप र्इद की इन सब बातों के बारे में नहीं जानते तो आज हम आपको बताएगें की क्यों मनाई जाती है ईद, क्या खाते हैं ईद के दिन ,कब हुई थी ईद की शुरूआत, कैसे करते हैं खुदा का शुक्रिया

Eid 2019 : देशभर में आज 5 जून 2019 को ईद (Eid 5 June 2019) का त्यौहार पूरे धूमधाम से मनाया जा रहा है। इस्लामिक कैलेंडर (Islamic Calendar) के अनुसार रमजान (Ramadan) का महिना पाक महिना माना जाता है। इस समय लोग रोजा रखते हैं और कड़े नियमों का पालन करते हैं। अल्लाह की इबादत के लिए यह महिना पाक माना जाता है। दसवें महिने की शव्वाल (Dasve Mahine Ki Sabbal) की पहली चांद वाली रात ईद की रात होती है। चांद को देखने के बाद ही ईद-उल -फितर (Eid Ul Fitr) का त्यौहार मनाया जाता है। ईद का त्यौहार भाई चारे को बढ़ावा देने के लिए मनाया जाता है। इस दिन एक दूसरे से गले मिलकर ईद की मुबारक बात देते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि क्यों मनाई जाती है ईद (Kyu Manai Jati Hai Eid), क्या खाते हैं ईद के दिन (Kya Khate Hai Eid Ka din) ,कब हुई थी ईद की शुरूआत (Kab Hui Eid Ki Shuruat), कैसे करते हैं खुदा का शुक्रिया (Kaisa Karte Hai Khuda Ka Shukriya) । अगर आप र्इद की इन सब बातों के बारे में नहीं जानते तो आज हम आपको बताएगें की क्यों मनाई जाती है ईद, क्या खाते हैं ईद के दिन ,कब हुई थी ईद की शुरूआत, कैसे करते हैं खुदा का शुक्रिया


क्यों में मनाई जाती है ईद (Kyu Manai Jati Hai Eid)

मुस्लमानों के पवित्र कुरान के अनुसार रमजान के पूरे महिने रोजा रखा जाता है। जिसमें मुस्लिम लोग कड़े नियमों का पालन करते हैं। रोजे के दौरान मुस्लिम लोग अल्लाह की इबादत करते हैं । मुस्लिम लोगों के अनुसार रमजान के पूरे महिन में खुदा उन पर अपने रहमों करम की बख्शीश करता है। रमजान के पूरे पाक महिने में रोजे रखने के बाद अल्लाह अपने बंदों को एक दिन इनाम और बख्शीश देता है। जिसे ईद के नाम से जाता है। बख्शीश और ईनाम के इस दिन को मुस्लिम लोग ईद-उल -फितर के रूप में मनाते हैं।


खुदा का करते हैं शुक्रिया (Khuda ka Karte Hai Shukriya)

रमजान के पूरे महिने रोजे रखने और कड़े नियमों का पालन करने के बाद मुसलमान ईद पर खुदा का शुक्रिया अदा करते हैं। मुस्लिम लोगों का मानना है कि रोजे के कड़े नियमों का पालन करने की ताकर खुदा ही उन्हें देता है। मुस्लिम लोग ईद पर एक खास रकम (जकात ) गरीबों और जरूरतमंद लोगों के लिए निकालते हैं ताकि अल्लाह उन पर अपनी पाक नजर रखें । ईद की नमाज अदा करने के बाद परिवार के लोगों को फितरा दिया जाता है। जिसमें प्रतिदिन खाने की चीज सम्मलित होती है । जिसका वजन 2 किलो होता है।


कब हुई थी ईद की शुरूआत (Kab Hui Eid Ki Shuruat)

मुस्लिम ग्रंथ कुरान के अनुसार पहली ईद उल-फितर पैगंबर मुहम्मद ने सन् 624 ईस्वी में जंग-ए-बद के बाद मनाई थी। मान जाता है पैगंबर हजरत ने बद्र के युद्ध में जीत हासिल की थी। उन्हीं की जीत की खुशी में ईद का यह पर्व मनाया जाता है।ईद की नमाज अदा करने से पहले सभी मुसलमान जकात देते हैं। जिससे अल्लाह उन पर अपनी पाक नजरें रखें और उन्हें हर मुसीबत से बचाए। अल्लाह के बंदे हर संभव प्रयास करते हैं कि किसी भी तरह खुदा उनसे नाराज न हों और उन पर अपना रहमों करम बनाए रखें।


क्या खाते हैं ईद के दिन (kya Khate Hai Eid Ka din)

रमजान के पूरे महिने रोजा रखा जाता है। रोजे में कड़े नियमों का पालन किया जाता है। रोजे का मतलब होता है जीवन की जरूरी चीजों का त्याग करके अल्लाह की इबादत करना । रोजे में भूख-प्यास का अहसास करना ताकि इंसान सही राह पर चल सके और खुदा की इबादत कर सके । रमजान के दिन कई तरह के पकवान बनते हैं। लेकिन इस मीठी सेवाईयां खाने और खिलाने की परंपरा है। ईद के दिन लोग एक दूसरे को उपहार देते हैं और गले मिलकर ईद की मुबारक बात देते हैं। ईद पर भाई चारे की मिसाल पेश की जाती है।

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