Eid 2019 : जानें क्यों मनाते है मुस्लिम लोग ईद , साल में कितनी बार आती है ईद और क्यो है ईद पर जकात का रिवाज

Eid 2019 : जानें क्यों मनाते है मुस्लिम लोग ईद , साल में कितनी बार आती है ईद और क्यो है ईद पर  जकात का रिवाज
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Eid 2019 : ईद का त्योहार आज यानी 5 जून 2019 (Eid 5 June 2019) को पूरे भारत वर्ष में बड़े धूमधाम से मनाया जा रहा । मुस्लिम लोगों के अनुसार इस महिन में ही कुरान-ए-पाक (Quran a Pak) का अवतरण हुआ था । मान जाता है दुनिया की पहली ईद 624 (Eid 624) ईं में मनाई गई थी। ईद के दिन लोग एक -दूसरे के गले लगकर ईद की मुबारक (Eid Mubarak) बात देते हैं। रमजान (Ramadan) के पाक महिने पर रोजा रखने के बाद ईद पर खुदा अपने बंदों को बख्शिश देता है। चांद को देखने के बाद ही ईद-उल -फितर (Eid Ul Fitr) का त्यौहार मनाया जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं क्यों मनाते हैं मुस्लिम लोग ईद का त्योहार (Kyu Manate Hai Muslim Log Eid), साल में कितनी बार आती है (Saal Mai Kitnia Bar Aati Hai Eid) ईद और क्यों है ईद पर जकात का रिवाज (Eid Per Jakat Ka Riwaz) । अगर आप ईद की इन सभी बातों के बारे में नहीं जानते तो आज हम आपको बताएगें कि , क्यों मनाते हैं मुस्लिम लोग ईद, साल में कितनी बार आती है ईद और क्यों है ईद पर जकात का रिवाज । तो चलिए जानते है ईद की इन सभी बातों के बारे में....

Eid 2019 : ईद का त्योहार आज यानी 5 जून 2019 (Eid 5 June 2019) को पूरे भारत वर्ष में बड़े धूमधाम से मनाया जा रहा । मुस्लिम लोगों के अनुसार इस महिन में ही कुरान-ए-पाक (Quran a Pak) का अवतरण हुआ था । मान जाता है दुनिया की पहली ईद 624 (Eid 624) ईं में मनाई गई थी। ईद के दिन लोग एक -दूसरे के गले लगकर ईद की मुबारक (Eid Mubarak) बात देते हैं। रमजान (Ramadan) के पाक महिने पर रोजा रखने के बाद ईद पर खुदा अपने बंदों को बख्शिश देता है। चांद को देखने के बाद ही ईद-उल -फितर (Eid Ul Fitr) का त्यौहार मनाया जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं क्यों मनाते हैं मुस्लिम लोग ईद का त्योहार (Kyu Manate Hai Muslim Log Eid), साल में कितनी बार आती है (Saal Mai Kitnia Bar Aati Hai Eid) ईद और क्यों है ईद पर जकात का रिवाज (Eid Per Jakat Ka Riwaz) । अगर आप ईद की इन सभी बातों के बारे में नहीं जानते तो आज हम आपको बताएगें कि , क्यों मनाते हैं मुस्लिम लोग ईद, साल में कितनी बार आती है ईद और क्यों है ईद पर जकात का रिवाज । तो चलिए जानते है ईद की इन सभी बातों के बारे में....


क्यों मनाते हैं मुस्लिम लोग ईद (Kyu Manate Hai Muslim Log Eid)

मुस्लमानों लोग रमजान के पूरे महिन रोजा रखते हैं। रोजे में अल्लाह की इबादत के लिए कड़े नियमों का पालन करना पड़ता है। मुस्लिम लोगों का मानना है रमजान के पूरे महिने रोजे रखने के बाद अल्लाह अपने बंदों को इनाम और बख्शीश देने के लिए दिन चुनता है और वो दिन होता है ईद । ईद के दिन खुदा अपनें बंदों को रमजान के पाक महिने में रोजे रखने और जीवन की सभी जरूरी चीजों को छोड़ने के लिए ईनाम देता है। बख्शीश और ईनाम के इस दिन को मुस्लिम लोग ईद-उल -फितर के रूप में मनाते हैं।


साल में कितनी बार आती है ईद (Saal Mai Kitni Bar Aati Hai Eid)

इस्लामिक कैलेंडर के अनुसार साल में दो बार ईद का त्योहार मनाया जाता है। मीठी ईद को ईद-उल-फितर के नाम से जाना जाता है। मीठी ईद में सेवाईयां खाने और बांटने का रिवाज है। इस दिन लोग अपने सगे संबंधियों को गिफ्ट देते हैं। माना जाता है ईद के दिन परिवार वालों को कोई खाने की चीज दी जाती है। जिसका वजन 2 किलो होना चाहिए । मुस्लिम लोगों का मानना है कि ऐसा करने से खुदा का रहमों करम उनके परिवार पर बरसता है। मीठी ईद के ढाई महिने बाद बकरीद को त्योहार मनाया जाता है। जिसे ईद-उल-जुहा के नाम से भी जाना जाता है।


ईद पर जकात का रिवाज (Eid Per Jakat ka Riwaz)

ईद की नमाज अदा करने से पहले सभी मुसलमान जकात देते हैं। मुस्लिम लोगों का मानना है कि गरीब और जरूरतमंदो को जकात करने से उन पर खुदा अपना रहमों करम बनाए रखेगा। जकात का मतलब होता है दान । अगर ईद के दिन कोई जकात करें तो गरीब लोग भी ईद का त्योहार हर्षोल्लास से मना सकेंगे और जकात करने वाले को खुदा जन्नत में जगह देगा। खुदा का रहमों करम उस पर और उसके परिवार वालों पर बरसेगा। मुस्लिम लोगों का मानना है कि सभी लोगों को अपने हैसियत के अनुसार जकात जरुर करनी चाहिए।

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