Ganesh Visarjan 2019 : महिलाएं क्यों नहीं करती गणेश विसर्जन, जानें यहां

Ganesh Visarjan 2019 :  महिलाएं क्यों नहीं करती गणेश विसर्जन, जानें यहां
X
गणेश विसर्जन पर महिलाओं का जाना वर्जित होता है, शास्त्रों के अनुसार मूर्ति विसर्जन को अंतिम संस्कार से जोड़ कर देखा जाता है और महिलाओं को अंतिम संस्कार में जानें की अनुमति नहीं है, इसके अलावा और भी कई कारण हैं जिनकी वजह से महिलाओं को गणेश विसर्जन में नहीं जाने दिया जाता और न हीं उन्हें गणेश विसर्जन करने दिया जाता।

Ganesh Visarjan 2019 गणेश चतुर्थी पर भगवान गणेश की दस दिनों तक स्थापना करके उनका विसर्जन कर दिया जाता है। गणेश विसर्जन हमेशा सिर्फ पुरुष ही करते हैं और महिलाएं विसर्जन के समय शामिल नहीं होती है। इसके पीछे क्या कारण है। अगर आप इसके बारे में नहीं जानते तो हम आपको इसके बारे में बताते हैं। गणेश विसर्जन इस साल 2019 (Ganesh Visarjan 2019) में 12 सितंबर 2019 (12 September 2019) के दिन किया जाएगा। तो आइए जानते हैं महिलाएं क्यों नहीं करती गणेश विसर्जन और क्यों नहीं जाने दिया जाता उन्हें विसर्जन में....


गणेश विसर्जन क्यों नहीं करती महिलाएं (Ganesh Visarjan Kyu Nahi Karti Mahilaye)

शास्त्रों के अनुसार सिर्फ गणेश विसर्जन ही नहीं बल्कि मां दूर्गा और अन्य मूर्ति विसर्जन का अधिकार केवल पुरुषों को ही दिया गया है। मान्यता है कि मूर्ति विसर्जन को अंतिम संस्कार का ही रूप माना जाता है और हिंदू धर्म के अनुसार अंतिम संस्कार का हक केवल पुरुषों को ही दिया गया है। इसलिए मूर्ति विसर्जन के समय महिलाएं इस कार्य से दूर रहती हैं और उनसे मूर्ति विसर्जन का कार्य भी नहीं कराया जाता है। जब मूर्ति विसर्जन होता है तो लोगों की भावनाएं उमड़ पड़ती है। बप्पा को विदाई देते समय माहौल बहुत ही दुख भरा हो जाता है।

इसलिए वहां पर सिर्फ अपनी भावनाओं को पर नियंत्रण रखने वाले लोग की जरूरत होती है। इसी कारण से यह कार्य सिर्फ पुरुष ही करते हैं। क्योंकि महिलाएं बहुत ही ज्यादा कोमल दिल की होती हैं और वह किसी की भी विदाई नहीं देख सकती। कई जगहों पर तो विसर्जन के समय भांग और मदिरा पान भी किया जाता है और वह भगवान की भक्ति में लीन होकर नाचते और गाते हैं। सुरक्षा के मामले की वजह से भी महिलाओं का वहां उपस्थित रहना ठीक नही है। किसी के भी अंतिम संस्कार में जादू टोना भी होता है और महिलाएं अक्सर जल्द ही इन सब चीजों का शिकार बन जाती है।

इसलिए भी महिलाओं को ऐसी जगह से दूर रहना चाहिए। इसी कारण पुराने जमाने में घर के बड़े लोग महिलाओं को इन जगहों पर जानें नहीं देते थे। लेकिन आज वर्तमान समय में लोग की सोच बदलती जा रही है। इसलिए इस प्रथा को भी अब लोग कम ही मानते हैं। लेकिन जो लोग शास्त्रों और पुराणों की जानकारी रखते हैं या फिर धार्मिक मान्यताओं को मानते हैं वह आज भी महिलाओं को गणेश विसर्जन में नहीं जाने देते। क्योंकि वह जानते हैं कि अपने धर्म का अच्छी तरह से पालन करते हैं और उन्हें मानते हैं।


जीवन चक्र से जुड़ा है गणेश विसर्जन (Jivan Chakra Se Juda Hai Ganesh Visarjan)

विसर्जन के जीवन और मृत्यु के चक्र से जोड़कर देखा जाता है। इसी कारण से गणेश जी की मूर्तियां बनाई जाती है और गणेश जी की पूजा की जाती है। भगवान गणेश को अगले साल फिर से प्राप्त करने के लिए उन्हें प्रकृति को सौंप दिया जाता है। इसी कारण उनका विसर्जन किया जाता है। मनुष् का जीवन भी इसी प्रकार का है। वह संसार में आकर अपने कर्तव्यों को पूर्ण करके मृत्यु को प्राप्त हो जाता है और फिर से एक नया जन्म लेता है। विसर्जन हमें यही शिक्षा देता है।

और पढ़े: Haryana News | Chhattisgarh News | MP News | Aaj Ka Rashifal | Jokes | Haryana Video News | Haryana News App

Tags

Next Story