Guru Purnima / Changra Grahan 2019 : 27 साल के इतिहास में तीसरी बार दिन में होगी गंगा आरती

Guru Purnima / Changra Grahan 2019 : 27 साल के इतिहास में तीसरी बार दिन में होगी गंगा आरती
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गुरु पूर्णिमा के मौके पर लगातार दूसरे वर्ष चंद्रग्रहण का साया पड़ने काशी के घाटों पर होने वाली दैनिक गंगा आरती शाम की जगह दोपहर में होगी। गंगा आरती के 27 साल के इतिहास में यह तीसरा मौका है जब दोपहर में आरती होगी। संयोग से यह परंपरा लगातार तीसरे साल बदल रही है। इससे पहले पिछले सात 27 जुलाई 2108 को ग्रहण के चलते दिन में एक बजे से गंगा आरती हुई थी।

गुरु पूर्णिमा के मौके पर लगातार दूसरे वर्ष चंद्रग्रहण का साया पड़ने काशी के घाटों पर होने वाली दैनिक गंगा आरती शाम की जगह दोपहर में होगी। गंगा आरती के 27 साल के इतिहास में यह तीसरा मौका है जब दोपहर में आरती होगी। संयोग से यह परंपरा लगातार तीसरे साल बदल रही है।

इससे पहले पिछले सात 27 जुलाई 2108 को ग्रहण के चलते दिन में एक बजे से गंगा आरती हुई थी। उससे पहले 7 अगस्‍त 2017 को दिन में 12 बजे गंगा आरती हुई थी। ग्रहण लगने के कारण इस बार भी शिष्‍यों को गुरु पूजन के लिए कम समय मिलेगा। गुरु पूर्णिमा आज मंगलवार को है और अगले दिन से सावन शुरू हो जाएगा।

9 घंटे पहले 4.30 बजे से सूतक

पूर्णिमा के दिन आधी रात बाद 1.31 बजे ग्रहण का स्‍पर्श होगा। पूरे भारत में दृश्‍मान चंद्र ग्रहण की अवधि दो घंटा 59 मिनट होगी। ग्रहण शुरू होने से 9 घंटे पहले शाम 4 बजकर 30 मिनट पर सूतक लग जाएगा जो 17 जुलाई सुबह 4:40 मिनट पर खत्म होगा। ऐसे में सभी मठों, आश्रमों और गुरु घरानों में गुरु पूर्णिमा से संबंधित अनुष्‍ठान सूतक लगने से पहले पूरे कर लिए जाएंगे तो मंदिरों के कपाट बंद हो जाएंगे। इसके बाद कपाट ग्रहण खत्‍म होने के बाद ही खुलेंगे।

ग्रहण के कारण आरती दोपहर 3 बजे

दशाश्‍वमेध घाट पर गंगा आरती कराने वाली संस्‍था गंगा सेवा निधि के अध्‍यक्ष सुशांत मिश्र के अनुसार मंगलवार को ग्रहण का सूतक लगने से पहले आरती दोपहर तीन बजे से होगी। वहीं, गंगोत्री सेवा समिति की भी आरती शाम की बजाए तीन बजे से ही होगी। अन्‍य घाटों पर भी आरती दिन में ही होगी।

मंगला आरती दो घंटे देरी से

श्री काशी विश्‍वनाथ मंदिर में मंगलवार को शाम के समय सप्‍तर्षि आरती और शयन आरती तो अपने निर्धारित समय पर होगी, लेकिन अगले दिन भोर में मंगला आरती दो घंटे विलंब से प्रात: 4.45 बजे प्रारंभ होकर 5.45 बजे समाप्‍त होगी। इसके बाद ही मंदिर का कपाट दर्शनार्थियों के लिए खोला जाएगा। संकटमोचन मंदिर, अन्‍नपूर्णा मंदिर, कालभैरव मंदिर, महामृजत्‍युंजय समेत अन्‍य मंदिरों के पट भी सावन के पहले दिन बुधवार को देर से आरती के बाद खुलेंगे।

बद्रीनाथ-केदारनाथ धाम के कपाट होंगे बंद

चन्द्रग्रहण में बदdरीनाथ और केदारनाथ धाम में सूतक के चलते कपाट बंद और खुलने की एक ही प्रक्रिया अपनाई जाएगी। 17 जुलाई को चन्द्रग्रहण खत्म होने के बाद सुबह बद्री-केदार धाम के कपाट भक्तों के दर्शनार्थ खोले जाएंगे। सूतक के चलते बदरी-केदार मंदिर समिति के अधीन आने वाले सभी मंदिर बंद रहेंगे।

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