Hanuman Jayanti 2019 : हनुमान जी की कथा, जानें कब पहुंचा उन्हें दुख

Hanuman Jayanti 2019 : हनुमान जी की कथा, जानें कब पहुंचा उन्हें दुख
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श्री राम (Ram) के परम भक्त कहे जाने वाले हनुमान जी का जन्मोत्सव चैत्र (Chaitra) मास के शुक्ल पक्ष को मनाया जाता है। इस बार यह तिथि कब है तो हम आपको इसकी जानकारी देते है। दरअसल इस बार 19 अप्रैल 2019 को यह पर्व मनाया जाएगा।

Hanuman Jayanti 2019 : श्री राम (Ram) के परम भक्त कहे जाने वाले हनुमान जी का जन्मोत्सव चैत्र (Chaitra) मास के शुक्ल पक्ष को मनाया जाता है। इस बार यह तिथि कब है तो हम आपको इसकी जानकारी देते है। दरअसल इस बार 19 अप्रैल 2019 को यह पर्व मनाया जाएगा। हनुमान जी को शिव (Shiva) जी का 11वां रुद्र अवतार माना जाता है। हनुमान जी ने अपना पूरा जीवन प्रभु श्री राम की भक्ति में समर्पित कर दिया। उन्हें अमरता का वरदान भी प्राप्त है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि हनुमान जी को कैसे अमरत्तव प्राप्त हुआ था अगर नहीं तो आज हम आपको यह बताते हैं।





हनुमान जी की अमरता की कथा

रामायण के अंदर एक प्रसंग है जब रावण माता सीता का हरण करके ले गया तब सब इस बात से चिंतित थे कि समुंदर को लांघकर लंका कौन जाएगा। उस समय सिर्फ हनुमान जी ही इस कार्य के लिए सक्षम थे । जब हनुमान जी अपनी सारी शक्ति लगाकर सीता माता की खोज में अशोक वाटिका पहुंचते हैं और उनसे मिलते हैं तब माता जानकी उन्हें अमरता का वरदान देती हैं। इसके बारें में तुलसीदास रचित हनुमान चालीसा में एक चौपाई भी मौजूद है। यह चौपाई है ' अष्ट सिद्धि नौ निधि के दाता असबर दीन जानकी माता' अर्थात हनुमान जी को आठों सिद्धियां और अमरता का वरदान प्राप्त है।




जब आहत हुए हनुमान

यह त्रेता युग की बात है। जब भगवान श्री राम ने अपनी मृत्यु की घोषणा कर दी थी। यह सुनकर हनुमान जी को बहुत दुख हुआ। इसके बाद वह माता सीता के पास जाते हैं और कहते हैं 'हे माता आपने मुझे अमर होना का वरदान तो दे दिया'। लेकिन ये बताएं अगर जब मेरे प्रभु ही धरती पर नहीं रहे रहेंगे तो मेरा यहां क्या काम । आप मेरा अमरता का वरदान वापस ले लिजिए। माता सीता हनुमान जी को बहुत समझाती हैं। लेकिन वह नहीं मानते । तब माता सीता भगवान राम का स्मरण करती हैं। जब भगवान वहां आते हैं तो वह हनुमान जी का प्रेम से गले लगाते हैं और कहते है मुझे पता था तुम यह कहोगे। तब श्री राम कहते है 'जो भी इस धरती पर आया है उसे एक दिन जरुर जाना पड़ेगा'। मेरे जाने के बाद मेरे भक्तों के तुम्हें ही सभी संकट दूर करने है। आने वाले समय में धरती पाप के बोझ तले दब जाएगी । प्रभु की यह बात सुनकर हनुमान जी को अमरता के इस वरदान महत्व पता चलता है। इसीलिए हनुमान जी आज भी अमर हैं।

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