Hanuman Jayanti 2020 Mein Kab Hai : हनुमान जयंती पर जानिए बजरंग बली को चोला चढ़ाने की विधि

Hanuman Jayanti 2020 Mein Kab Hai : हनुमान जयंती 8 अप्रैल 2020 (Hanuman Jayanti 8 April 2020) को मनाई जाएगी। इस दिन हनुमान जी (Hanuman Ji) की विशेष पूजा- अर्चना की जाती है। हनुमान जयंती के दिन बजरंग बली को चोला चढ़ाना बहुत ही लाभप्रद माना जाता है तो चलिए जानते हैं कैसे चढ़ाए हनुमान जयंती पर बजरंग बली को चोला।
हनुमान जी को चोला चढ़ाने की विधि (Hanuman Ji Ko Chola Chadane Ki Vidhi)
1.हनुमान जी को सिंदूर का चोला चढ़ाना विशेष लाभप्रद माना जाता है। जो हनुमान जी सिंदूरी मूर्ति पर ही चढ़ाया जाता है।
2.बजरंग बली को चोला मंगलवार या शनिवार को ही चढ़ाया जाता है। इसके अलावा आप हनुमान जयंती के दिन भी बजरंग बली को चोला चढ़ा सकते हैं।
3.जब भी आप चोला चढ़ाए उस दिन सूर्योदय से पहले नहाने के पानी में गंगाजल डालकर स्नान करें और यदि संभव हो तो इस दिन बिना सीले वस्त्र धारण करें।
4. हनुमान जी को चोला चढ़ाने के लिए तन और मन दोनों ही शुद्ध होने चाहिए। इसलिए मन में किसी भी प्रकार के विचार बिल्कुल भी न लाएं।
5.आपको हनुमान जी को चोला चढ़ाने के लिए जिन सामग्री की आवश्यकता उनमें प्रमुख है सिंदूर आप जब भी बाजार से सिंदूर लाएं वह नया ही होना चाहिए।
6.आप जब भी सिंदूर लाए वह सवा की मात्रा में ही होने चाहिए जैसे सवा ग्राम, सवा पाव या सवा किलो।
7.इसके बाद गाय का शुद्ध घी लें यदि आपको गाय का घी न मिल पाए तो आप चमेली के तेल का प्रयोग भी कर सकते हैं। आपको इसके साथ ही माली पन्ना की आवश्यकता भी पड़ेगी।
8.माली पन्ना के साथ ही आपको दो गुलाब के फूलों की माला, कुमकुम ,चावल, बूंदी का प्रसाद और स्नान कराने के लिए शुद्ध गंगाजल और जनेऊ लें।
9. इसके बाद किसी शुद्ध बर्तन में गाय का घी हल्का गर्म कर लें और उसमें सिंदूर मिलाएं और हनुमान जी को गंगाजल से स्नान कराएं।
10.स्नान कराने के बाद ॐ हं हनुमते नम: मंत्र का जाप मन ही मन करते हुए हनुमान जी के पैरो से सिंदूर का लेप शुरू कीजिए।
11. हनुमान जी की कमर तक सिंदूर का लेप करने के बाद रूक जाएं और फिर से हाथ धोकर हनुमान जी पर सिंदूर का लेप कीजिए।
12.जब पूरी मूर्ति पर सिंदूर का लेप हो जाए तो मालीपन्ना चढ़ाकर हनुमान जी श्रृंगार करें।
13. चोला चढ़ाने की प्रक्रिया पूरी हो जाने के बाद हनुमान जी के आगे चमेली के तेल का दीपक जलाएं।
14.इसके बाद हनुमान जी को गुलाब के फूलों की माला पहनाएं फिर जनेऊ अर्पित करें।
15. जनेऊ अर्पित करने के बाद हनुमान जी को कुमकुम का तिलक करें और चावल लगाएं।
16. इसके बाद बूंदी के प्रसाद का हनुमान जी को भोग लगाएं और हनुमान चालीसा का वहीं बैठकर ग्यारह बार पाठ करें।
17. हनुमान चालीसा का पाठ करने के बाद हनुमान जी के 12 नामों का जाप करें।
18.इसके बाद हनुमान जी से चोला चढ़ाने में किसी भी प्रकार की भूल के लिए श्रमा याचना करें और उनके आगे हाथ जोड़कर प्रणाम करके उनसे विदा लें।
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