Hanuman Jayanti April 2020 : जानिए किससे और क्यों हुआ था हनुमान जी का विवाह

Hanuman Jayanti April 2020 : जानिए किससे और क्यों हुआ था हनुमान जी का विवाह
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Hanuman Jayanti April 2020 : हनुमान जयंती (Hanuman Jayanti) को हनुमान जी के जन्म उत्सव के रूप में मनाया जाता है, इस दिन श्री रामभक्त हनुमान जी की विशेष पूजा- अर्चना की जाती है, हनुमान जी (Lord Hanuman) बाल ब्रह्मचारी थे यह बात सभी जानते हैं लेकिन क्या आप जानते हैं कि हनुमान जी का भी विवाह हुआ था अगर नहीं तो आज हम आपको इसके बारे में बताएंगे तो चलिए जानते हैं किससे और क्यों हुआ था हनुमान जी का विवाह।

Hanuman Jayanti April 2020 : हनुमान जयंती का पर्व (Hanuman Jayanti Festival) साल 2020 में 8 अप्रैल 2020 को मनाया जाएगा। इस दिन हनुमान जी की आराधना करने से सभी प्रकार के कष्टो से मुक्ति मिलती है। हनुमान जी (Hanuman Ji) ने जीवनभर ब्रह्मचर्य व्रत का पालन किया था। लेकिन एक समय ऐसा भी आया था जब हनुमान जी को विवाह करना पड़ा था आखिर क्या था वह कारण आइए जानते हैं...

क्यों करना पड़ा था हनुमान जी को विवाह (Kyu Karna Pada Tha Hanuman Ji Ko Vivah)

हनुमान जी भगवान राम के सबसे बड़े भक्त थे और वह ब्रह्मचारी भी थे। लेकिन पराशर सहिंता में हनुमान जी के विवाह का उल्लेख मिलता है। जिसके अनुसार हनुमान जी अविवाहित नहीं बल्कि विवाहित हैं। हनुमान जी का विवाह सूर्यदेव की पुत्री सुवर्चला से हुआ है। पराशर सहिंता के अनुसार हनुमान जी ने सूर्यदेव को अपना गुरु बनाया था। सूर्यदेव के पास नौ दिव्य विद्याएं थी।इन सभी विद्याओं का ज्ञान बजरंग बली प्राप्त करना चाहते थे।


सूर्यदेव ने इन नौ में से पांच विद्याओं का ज्ञान तो हनुमान जी को दे दिया था। लेकिन शेष चार विद्याओं के लिए सूर्यदेव के समक्ष एक संकट खड़ा हो गया था। शेष चार दिव्य विद्याओं का ज्ञान सिर्फ उन्हीं शिष्यों को दिया जा सकता था।जो विवाहित हो।लेकिन हनुमान जी बाल ब्रह्मचारी थे।इस कारण से सूर्यदेव उन्हें शेष चार विद्याओं का ज्ञान देने में असमर्थ हो गए। इस समस्या के निराकरण के लिए सूर्य देव ने हनुमान जी से विवाह करने की बात कही। पहले तो हनुमान जी विवाह के लिए तैयार नहीं हुए।

लेकिन उन्हें शेष चार विद्याओं का ज्ञान पाना ही था। इस कारण अंतत: हनुमान जी विवाह के लिए तैयार हो गए। जब हनुमान जी विवाह के लिए मान गए तब उनके योग्य कन्या की तलाश की गई और यह तलाश सूर्य देव की पुत्री सुवर्चला पर आकर समाप्त हुई। सूर्य देव ने हनुमान जी से कहा कि सुवर्चला परम तपस्वी और तेजस्वी है और इसका तेज तुम ही सहन कर सकते हो और यह भी कहा कि सुवर्चला से विवाह करने के बाद हनुमान जी इस योग्य हो जाएंगे कि शेष चार दिव्य विद्याओं का ज्ञान प्राप्त कर सकें।

सूर्य देव ने यह भी बताया कि सुवर्चला से विवाह के बाद भी हनुमान जी सैदव बाल ब्रह्मचारी ही रहेंगे।क्योंकि विवाह के बाद सुवर्चला पुन: तपस्या में लीन हो गई थीं। हनुमान जी और उनकी पत्नी सुवर्चला मंदिर तेलंगाना के खम्मम जिले में है और यह एक प्राचीन मंदिर है। यहां हनुमान जी और उनकी पत्नी सुवर्चला की प्रतिमा विराजमान है। यहां कि मान्यता है कि जो भी व्यक्ति हनुमान जी और उनकी पत्नी के दर्शन करता है। उन भक्तो के विवाहित जीवन की सभी परेशानिया दूर हो जाती है और पति पत्नी के बीच में प्रेम बना रहता है।

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