Hartalika Teej 2019 Date: हरतालिका तीज व्रत 1 सितंबर को, जानें हरतालिका तीज व्रत उद्यापन विधि

Hartalika Teej Vrat Udyapan Vidhi हरतालिका तीज व्रत और हरतालिका तीज व्रत उद्यापन शुभ मुहूर्त की बात करें तो हरतालिका तीज व्रत या उद्यापन करने का शुभ मुहूर्त प्रातःकाल 4:36 से 6:05 तक रहेगा, उसके बाद 7:35 से 9:11 तक चर का मुहूर्त हो, उसके बाद 9:11 से 10:46 तक लाभ और 10:46 से 12:21 तक अमृत का मुहूर्त है। वहीं प्रदोषकाल हरतालिका पूजा मुहूर्त शाम 6:39 से 8:56 तक है। हरतालिका तीज को तीजा व्रत और हस्तगौरी व्रत भी कहा जाता है। महाभारत काल में भगवान श्रीकृष्ण ने माता कुंती को हरतालिका तीज व्रत का विधि विधान बताया था, हरतालिका तीज व्रत को 13 साल तक करना होता है, 13 साल तक शिव परिवार का ध्यान लगाना होता है और उसके बाद चौदहवें वर्ष में हरतालिका तीज व्रत का उद्यापन किया जाता है।
हरतालिका तीज व्रत उद्यापन विधि (Hartalika Teej Vrat Udyapan Vidhi Hindi)
जब भी हम किसी व्रत का संकल्प लेते हैं तो उस व्रत को पूर्ण करने के बाद उस व्रत का उद्यापन करना अनिवार्य होता है। बिना उद्यापन के व्रत को नहीं छोड़ना चाहिए। अब हम बात करते हैं हरतालिका तीज व्रत उद्यापन विधि की। हरतालिका तीज व्रत का उद्यापन हरतालिका तीज के दिन ही किया जाता है। गणेश जी का ध्यान करें, सबसे पहले पांच सफ़ेद कपडे भगवान शिव को अर्पित करें उसके बाद वह कपडे पंडित जी को दान कर दें, इसी तरह माता पार्वती को 5 लाल कपडे अर्पित करें और उसके बाद वह कपडे पंडताइन को दान कर दें।
इसी तरह 5 बर्तन शिव परिवार को अर्पित करें और फिर पंडित जी को दे दें। इसके अलावा 5 फल (बेल आवश्यक है) भगवान शिव को चढ़ाएं, इसके बाद माँ पार्वती का पूरा श्रंगार करें। हरतालिका तीज व्रत उद्यापन के दौरान पति-पत्नी दोनों को एक साथ बैठकर (गठबंधन कर) पूजा करनी चाहिए। पत्नी की साथ पति को भी उस दिन व्रत करना होता है। चार चांदी की अंगूठी में सच्चा मोती लगवाएं पूजा के बाद पति-पत्नी और पंडित और पंडताइन को धारण करनी चाहिए।
गाय के कच्चे दूध से शिव परिवार का अभिषेक करें, उसके बाद पुष्प चढ़ाएं और फिर धूप-दीप से पूजा करने के बाद हवन करें, हवन में आखिर में नव ग्रहों को आहुति दें। उसके बाद खीर का भोग लगाएं और इसके बाद शिव की आरती और माता पार्वती की आरती करें। पूजा विधि विधान से करने के बाद ब्राह्मण को भोजन कराएं और मंदिर में नमक जरूर दान करें। इसके साथ ही आपको ध्यान रखना होगा कि व्रत वाले दिन पत्नी को निर्जला व्रत रखना होगा और अगले दिन पारण समय में व्रत खोलें।
Hartalika Teej 2019 : हरतालिका तीज कब है 2019 में, हरतालिका तीज का मुहूर्त, हरतालिका तीज का महत्व, हरतालिका तीज व्रत विधि और हरतालिका तीज व्रत कथा
हरतालिका तीज का व्रत क्यों किया जाता है?
बता दें कि हरतालिका तीज व्रत में भगवान शिव और देवी पार्वती की प्रतिमाओं को रेत से बनाया जाता है और वैवाहिक आनंद और संतान के लिए हरतालिका तीज पूजा की जाती है। हरतालिका तीज से जुड़ी पौराणिक कथा है। हरतालिका का अर्थ हरत और आलिका का संयोजन है, हरत का अर्थ होता है अपहरण और आलिका का अर्थ होता है महिला मित्र है। हरतालिका तीज की कथा के अनुसार देवी पार्वती की सहेलियों ने उनका अपाहरण किया ताकि माता पार्वती का विवाह भगवान विष्णु से न हो सके।
हरतालिका पूजा करने के लिए सुबह का समय अच्छा माना जाता है। यदि किसी कारणवश सुबह की पूजा संभव नहीं है तो प्रदोष का समय शिव-पार्वती पूजा करने के लिए भी अच्छा माना जाता है। तीज पूजा जल्दी नहाकर और अच्छे कपड़े पहनकर की जानी चाहिए। रेत से बने भगवान शिव और देवी पार्वती की पूजा की जानी चाहिए और पूजा के दौरान हरतालिका की कथा का वर्णन किया जाना चाहिए।
तीन प्रसिद्ध तीज जो सावन और भाद्रपद महीनों के दौरान महिलाओं द्वारा मनाए जाते हैं -
हरियाली तीज
कजरी तीज
हरतालिका तीज
अन्य तीज त्यौहार जैसे कि अक्षय तीज, जिसे अक्षय तृतीया और गणगौर तृतीया के नाम से भी जाना जाता है। हरितालिका तीज भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष तृतीया के दौरान मनाई जाती है। हरितालिका तीज हरियाली तीज के एक महीने बाद आती है और हरियाली तीज का पर्व गणेश चतुर्थी से एक दिन पहले मनाया जाता है।
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