kalashtami 2019 : जानें कालाष्टमी व्रत तिथि, भैरव की महिमा और उनके स्वरुप

kalashtami 2019 : कालाष्टमी कब है (kalashtami kab Hai) अगर आप यह नही जानते तो आज यह हम आपको बतायेंगे की कालाष्टमी कब मनाई जाएगी, और कैसे की जाती है भैरव जी की उपासना और उनके स्वरुपों की व्याख्या।कालाष्टमी प्रत्येक माह के कृष्णपक्ष की अष्टमी को कालाष्टमी की तिथि पर भगवान भैरव (Bhairava) की विशेष रूप से साधना आराधना की जाती है। तंत्र-मंत्र के साधकों के अनुसार भगवान भैरव को परम शक्तिशाली रुद्र बताया गया है। इन्हें देवाधिदेव भगवान शिव का अवतार माना गया है। इस माह काशी के कोतवाल कहे जाने वाले भगवान भैरव की पूजा की पावन तिथि यानी कालाष्टमी 26 अप्रैल को मनाई जाएगी। भगवान भैरव एक ऐसे देवता हैं जिनकी साधना करने वाले भक्त पर किसी भी प्रकार की उपरी बाधा, भूत-प्रेत, जादू-टोने आदि का खतरा नहीं रहता है।
कालाष्टमी व्रत तिथि
26 अप्रैल 2019
भैरव की महिमा
1. इस दिन मुख्य रुप से तंत्र साधना की जाती है।
2. भैरव भगवान शिव जी के ही रौद्र रूप माने जाते हैं, लेकिन कहीं-कहीं इन्हें शिवजी का पुत्र भी कहा गया है।
3. भगवान शिव के बताए मार्ग पर चलने वाले को ही भी भैरव ही कहा जाता हैं।
4. भैरव की बस उपासना करने से ही आपके सारे भय और अवसाद का नाश हो सकता है और तो और इनकी उपासना से इंसान को अदम्य साहस की प्राप्ति भी होती है।
5. क्रुर ग्रह शनि और राहु की बाधाओं से मुक्ति के लिए भैरव की पूजा काफी अचूक होती है।
भैरव के स्वरुप
1. भैरव के स्वरुप इस प्रकार माने गए हैं – असितांग भैरव, रूद्र भैरव, बटुक भैरव और काल भैरव आदि।
2..अधिकतर बटुक भैरव और काल भैरव स्वरुप की पूजा और ध्यान को ही सर्वोत्तम माना गया हैं।
3. बटुक भैरव भगवान का बाल रूप कहलाता है, और इन्हें आनंद भैरव भी कहा जाता हैं।
4. इस दिन सौम्य स्वरूप की आराधना शीघ्र फलदायी होती है।
5. काल भैरव इनका साहसिक युवा रूप है और शक्ति के लिए इनकी अराधना की जाती है।
और पढ़े: Haryana News | Chhattisgarh News | MP News | Aaj Ka Rashifal | Jokes | Haryana Video News | Haryana News App
© Copyright 2025 : Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS
-
Home
-
Menu
© Copyright 2025: Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS