Karwa Chauth 2019 : करवा चौथ पर चौथ माता के इस मंदिर में लगता है मेला, गणेश जी से पहले चौथ माता को दिया जात है निमंत्रण

Karwa Chauth 2019 : करवा चौथ पर चौथ माता के इस मंदिर में लगता है मेला, गणेश जी से पहले चौथ माता को दिया जात है निमंत्रण
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Karwa Chauth 2019 करवा चौथ का पर्व इस साल 2019 में 17 अक्टूबर 2019 के दिन मनाया जाएगा, इस दिन चौथ माता की पूजा करने के बाद चंद्रमा को अर्ध्य दिया जाता है, राजस्थान में स्थित चौथ माता के मंदिर में नवरात्र और करवा चौथ पर भक्तों का तांता लगा रहता है, यह मंदिर एक ऊंची पहाड़ी पर स्थित है तो आइए जानते हैं कितना पुराना है चौथ माता का यह मंदिर और क्यों दिया जाता है माता को पहला निमंत्रण

Karwa Chauth 2019 करवा चौथ का पर्व कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी के दिन मनाया जाता है। इस दिन चौथ माता की पूजा - अर्चना की जाती है। करवा चौथ (Karwa Chauth ) का यह व्रत सुहागन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए करती हैं। भारत में अनेकों पुराने मंदिर हैं। इन्हीं में से एक मंदिर है चौथ माता का मंदिर (Chauth Mata Ka Mandir)। चौथ माता का यह मंदिर राजस्थान के सवाई माधोपुर जिले के चौथ का बरवाड़ा नाम के शहर में स्थित है। तो चलिए जानते हैं कितना पुराना है चौथ माता का यह मंदिर और क्यों दिया जाता है माता को पहला निमंत्रण


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कहां है चौथ माता का मंदिर (Kaha Hai Chauth Mata Ka Mandir)

भारत के सवाई माधोपुर जिले के चौथ का बरवाड़ा नाम के शहर में चौथ माता का यह मंदिर इस स्थित है। इतिहासकारों की माने तो इस मंदिर का निर्माण सन् 1451 में भीम सिंह के द्वारा कराया गया था। इसके बाद सन् 1463 में इस मंदिर के रास्ते पर बिजल की छतरी और तालाब का निर्माण भी कराया गया था। चौथ माता के इस मंदिर में देश के हर हिस्से से लोग चौथ माता के दर्शनों के लिए आते हैं। यह मंदिर लगभग एक हजार किलोमीटर की पहाड़ी पर स्थित है। नवरात्रों में यहा की रौनक देखने लायक होती है क्योंकि नवरात्रि में यहां पर अनेकों धार्मिक आयोजन किए जाते हैं।


कैसा दिखता है चौथ माता का मंदिर

चौथ माता का यह मंदिर शहर से 35 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। लोगों के लिए यह मंदिर एक आकर्षण का केंद्र है। इस मंदिर के आस पास हिरयाली ही हरियाली है। यह मंदिर हरी भरी घास और सुंदर मैदानों के बीच में घिरा हुआ है। यह मंदिर संगमरमर के पत्थरों से बनाया गया है। यह मंदिर वास्तुकला और छत पर शिलालेख के द्वारा राजपुताना शैली को दर्शाता है। चौथ माता के दर्शनों के लिए श्रद्धालुओं को लगभग 700 सीढ़ियां चढ़कर जाना पड़ता है। चौथ माता के अलावा इस मंदिर में भगवान गणेश और भैरव जी की मूर्तियां भी है।


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चौथ माता को निमंत्रण दिए बिना नहीं होता कोई शुभ काम

हाड़ौती क्षेत्र के लोग आज भी सबसे पहले किसी भी शुभ काम को करने से पहले चौथ माता को ही पहला निमंत्रण देते हैं और उनका आर्शीवाद प्राप्त करते हैं। बूंदी राजघराने के लोग इन्हें आज भी कुल देवी के रूप में पूजते हैं। चौथ माता के नाम पर ही राजस्थान के कोटा शहर में चौथ माता बाजार भी स्थित है। भक्तों की इस मंदिर में बड़ी आस्था है। माना जाता है कि इस मंदिर में आने वाले प्रत्येक भक्त की इच्छा पूर्ण होती है। इसलिए यहां पर लोग दूर- दूर से आकर मां से अपने मन की मुराद मांगते हैं।

कब जाएं चौथ माता के मंदिर (Kab Jaye Chauth Mata Ke Mandir)

चौथ माता के इस मंदिर में वैसे तो पूरे साल ही भक्तों का तांता लगा रहता है। लेकिन नवरात्र और करवा चौथ में यहां जाने को विशेष महत्व दिया जाता है। इस मंदिर में आने आकर महिलाएं अपने चौथ माता से अपने पति की लंबी उम्र और वैवाहिक जीवन के सुख का आर्शीवाद मांगती हैं। नवरात्रि में यहां पर कई धार्मिक अनुष्ठान भी किए जाते हैं।

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