Karwa Chauth 2019 : करवा चौथ पर छलनी का प्रयोग, छलनी से चंद्रमा को अर्घ्य और छलनी का महत्व...

Karwa Chauth 2019 : करवा चौथ पर छलनी का प्रयोग, छलनी से चंद्रमा को अर्घ्य और छलनी का महत्व...
X
Karwa Chauth 2019 Date करवा चौथ का पर्व इस साल 2019 में 17 अक्टूबर 2019 के दिन मनाया जाएगा, करवा चौथ के पूजन में छलनी को विशेष स्थान दिया जाता है, क्योंकि इस दिन चंद्रमा को अर्घ्य देने से पहले छलनी को पूजा जाता है तो आइए जानते हैं करवा चौथ पर छलनी का प्रयोग क्यों किया जाता है ? छलनी से क्यों दिया जाता है चंद्रमा को अर्घ्य और क्या है छलनी का महत्व...

Karwa Chauth 2019 करवा चौथ के दिन चौथ माता (Chauth Mata) की पूजा की जाती है और छलनी के द्वारा चंद्रमा को अर्घ्य दिया जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि करवा चौथ के दिन चंद्रमा को अर्घ्य देने के लिए छलनी का ही प्रयोग क्यों किया जाता है। अगर नहीं तो आज हम आपको इसके बारे में बताएंगे। करवा चौथ का व्रत (Karwa Chauth Vrat) एक सुहागन स्त्री के लिए अति महत्वपूर्ण होता है। क्योंकि यह व्रत उस महिला का अपने पति के प्रति प्रेम भाव को दिखाता है, आइये जानते हैं करवा चौथ पर छलनी की कहानी...

करवा चौथ पर छलनी का प्रयोग क्यों किया जाता है ?

चांद को दीर्घायु प्रदान करने वाला कारक माना गया है, इसके साथ ही चांद प्रेम और सुन्दरता का भी प्रतिबिम्ब है इसलिए करवा चौथ के दिन सुहागिन महिलाएं छलनी से अपने चांद के साथ साथ पति के दर्शन करती हैं और अपने पति की लंबी उम्र की कामनाएं करती हैं।


इसे भी पढ़ें : Karva Chauth 2019 Date : करवा चौथ कब है, शुभ मुहूर्त, महत्व, व्रत विधि, करवा चौथ कथा और चौथ माता की आरती

करवा चौथ के दिन छलनी से क्यों दिया जाता है चंद्रमा को अर्घ्य ? (Karwa Chauth Moon Seen Sieve)

छलनी का इस्तेमाल अक्सर आंटा और खाने की वस्तुओं को छानने के लिए किया जाता है। किसी भी वस्तु को छानने पर उसका शुद्ध रूप हमें प्राप्त हो जाता है और उसमें जो भी मिलावटी तत्व होते हैं। वह छलनी में ही रह जाते हैं। छलनी एक का कार्य अशुद्धियों को अलग करना है।

जिसे हम अपनी आखों से नहीं देख सकते। करवा चौथ में भी छलनी के द्वारा ही चांद को देखा जाता है। इस व्रत में नई छलनी को खरीदकर उसका पूजन किया जाता है और उससे चांद को देखा जाता है। छलनी से चांद को देखकर पति की दीधार्यु और सौभाग्य में वृद्धि के लिए प्रार्थना की जाती है।


इसे भी पढ़ें : Karwa Chauth 2019 : करवा चौथ का व्रत 17 अक्टूबर को, जानिए करवा चौथ का चांद कब निकलेगा, क्या है चांद की महिमा

करवा चौथ के दिन क्या है छलनी का महत्व ? (Karwa Chauth Ke Din Chalni Ki Manyata)

करवा चौथ की पौराणिक कथा के अनुसार एक वीरवती नाम की स्त्री ने अपने विवाह के बाद पहले करवा चौथ का व्रत रखा था। लेकिन भूख और प्यास के कारण उसकी स्थिति बिगड़ रही थी। वीरवती की भाईयों से उसकी यह दयनीय स्थिति देखी नही जा रही थी और उन्होंने एक पेड़ की आड़ में छलनी के पीछे दीया रख दिया और बोला की बहन चांद निकल आया है आकर व्रत खोल लो। वीरवती ने अपने भाईयों की बात पर विश्वास करके अपना व्रत खोल लिया। वीरवती के व्रत खोलते ही उसके पति की मृत्यु हो गई।

जब वीरवती के पति की मृत्यु हो गई तब उसे अपने भाईयों के इस छल के बारे में पता चला। इसके बाद उसने अपने पति के शव को अपने पास सुरक्षित रखा और अगले साल नियम पूर्वक करवा चौथ का व्रत किया। जिसके बाद चौथ माता ने प्रसन्न होकर वीरवती के मरे हुए पति को जीवित कर दिया। सुहागन स्त्रियां छल को हमेशा के लिए याद रखें। इसलिए इस व्रत में चंद्र देव के दर्शन छलनी के द्वारा बताया गया है।

जीवन में पति और पत्नि का रिश्ता विश्वास की डोर से बंधा रहता है। जीवन में जब- जब अविश्वास और शक जैसी अशुद्धियां आपके रिश्ते तोड़ने की कोशिश करें। उस समय आपको छलनी रूपी विश्वास का प्रयोग करना चाहिए और सभी अशुद्धियों को पृथक कर देना चाहिए। इस कथा के अनुसार पति पत्नि को कभी भी किसी तीसरे व्यक्ति के छल में आकर अपने रिश्ते पर शक नहीं करना चाहिए और दोनों को ईमानदारी सच्चाई और आस्था से गृहस्थ के प्रति दायित्वों का पालन करना चाहिए।

और पढ़े: Haryana News | Chhattisgarh News | MP News | Aaj Ka Rashifal | Jokes | Haryana Video News | Haryana News App

Tags

Next Story