Karwa Chauth Ka Chand Kab Niklega 2019 : जानिए करवा चौथ का चांद कब निकलेगा, क्या है चांद की महिमा

Karwa Chauth Ka Chand Kab Niklega 2019 करवा चौथ का चांद कब निकलेगा / Karwa Chauth 2019 करवा चौथ पर सुहागन महिलाएं अपनी पति की लंबी उम्र के लिए व्रत रखती हैं। करवा चौथ के व्रत में चंद्रमा को विशेष महत्व दिया जाता है। क्योंकि इस दिन चंद्रमा को अर्घ्य देकर ही महिलाएं अपना व्रत खोलती हैं। अगर आप यह नहीं जानती कि करवा चौथ के दिन चंद्रोदय कब होगा (Karwa Chauth Ka Chand Kab Niklega) और क्या है करवा चौथ की मान्यता तो आज हम आपको इसके बारे में बताएंगे करवा चौथ का त्योहार इस साल 2019 में 17 सितंबर 2019 के दिन मनाया जाएगा तो आइए जानते हैं करवा चौथ पर चंद्रोदय का समय (Karwa Chauth Moon Time 2019) और उसकी मान्यता
करवा चौथ पर चंद्रोदय का समय (Karwa Chauth Moon Time 2019)
करवा चौथ का चांद कब निकलेगा अगर आपको नहीं पता तो बता दें कि दिल्ली में करवा चौथ के दिन चांद रात 8 बजकर 16 मिनट पर निकलेगा, यह समय राज्यों के हिसाब से अलग अलग हो सकता है...
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करवा चौथ की मान्यता (Karwa Chauth Ki Manyata)
हिंदू पंचांग के अनुसार करवा चौथ का व्रत कार्तिक शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को किया जाता है।वहीं अमांता कैलेंडर के अनुसार यह करवा चौथ का व्रत अश्विन मास के दौरान आता है। जिसे गुजरात, महाराष्ट्र और दक्षिण भारत में माना जाता है। हालाँकि, यह केवल उस महीने का नाम है जो अलग लेकिन सभी राज्यों में करवा चौथ एक ही दिन मनाया जाता है।
करवा चौथ का व्रत कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की संकष्टी चतुर्थी दिन पड़ता है। करवा चौथ का यह व्रत सुहागन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए रखती हैं। सुहागन महिलाएं इस दिन भगवान शिव के परिवार की पूजा करती है।
भगवान गणेश सहित और वह करवा चौथ का व्रत चंद्रमा की पूजा और उसे अर्ध्य देने के बाद ही खोलती हैं। करवा चौथ का यह व्रत अत्यंत ही कठिन होता है। जिसमें खाना तो क्या पानी की एक बूंद तक ग्रहण नहीं की जाती। जब तक सूर्य न छिप जाए और रात में चंद्रमा का उदय न हो जाए।
करवा चौथ का यह पर्व करक चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है। करवा या करक मिट्टी के बर्तन को कहा जाता है। जिससे चंद्रमा को अर्घ्य दिया जाता है। पूजा के समय करवें को अधिक महत्व दिया जाता है यह करवा पूजा के बाद घर की बड़ी महिला या फिर ब्राह्मण को दिया जाता है।
दक्षिण भारत के मुकाबले उत्तर भारत में करवा चौथ को अधिक महत्व दिया जाता है। करवा चौथ के चार दिन बाद अहोई अष्टमी का व्रत भी आता है जो पुत्रों की लंबी आयु के लिए रखा जाता है।
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