Makar Sankranti 2020 : मकर संक्रांति पर जानिए भारत में स्थित पांच प्रसिद्ध सूर्य मंदिरों के बारे में, जहां स्वयं विराजते हैं सूर्य देव

Makar Sankranti 2020 : मकर संक्रांति पर जानिए भारत में स्थित पांच प्रसिद्ध सूर्य मंदिरों के बारे में, जहां स्वयं विराजते हैं सूर्य देव
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Makar Sankranti 2020 मकर संक्रांति पर सूर्य देव के मंदिर में जाकर उनके दर्शन करना और उन्हें अर्घ्य देना काफी शुभ माना जाता है, भारत में भगवान सूर्य के ऐसे पांच मंदिर स्थित हैं जहां पर भगवान सूर्य स्वयं अपने भक्तों को आर्शीवाद देते हैं तो चलिए जानते हैं मकर संक्रांति पर भारत में स्थित पांच प्रसिद्ध सूर्य मंदिरों के बारे में...

Makar Sankranti 2020 मकर संक्रांति (Makar Sankranti) पर भगवान सूर्य की पूजा करने से जीवन के सभी दुखों से मुक्ति मिलती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारत में ऐसे पांच मंदिर हैं। जिनमें स्वंय सूर्य देव विराजते हैं। इन मंदिरों में जाकर जो भी व्यक्ति भगवान सूर्य (Lord Sun) के दर्शन करता है उसे जीवन के सभी सुखों की प्राप्ति होती है तो चलिए जानते हैं मकर संक्रांति पर भारत में स्थित पांच प्रसिद्ध सूर्य मंदिरों के बारे में...


1.कोणार्क सूर्य मंदिर (Konark Surya Mandir)

कोणार्क सूर्य मंदिर भगवान सूर्य देव काअद्भुत मंदिर है। यह मंदिर उड़ीसा में स्थित है। जिसे रथ के आकार का बनाया गया है। शास्त्रों के अनुसार सूर्य देव के रथ को खींचने के लिए बारह पहिएं और सात घोडे़ हैं। यह मंदिर मध्याकालीन युग की वास्तुकला एक अद्भुत उदाहरण कहा जा सकता है। यह मंदिर अपने आकार और शिल्पकला के लिए पूरी दुनिया में प्रचलित है। यह मंदिर पूरी के उत्तर पूर्वी समुद्र तट पर स्थित है जिसकी वजह से इस मंदिर का नाम कोणार्क पड़ा।


2. मोढ़ेरा सूर्य मंदिर (Modhera Surya Mandir)

मोढ़ेरा सूर्य मंदिर अहमदाबाद से लगभग 100 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह मंदिर सूर्य देव के सबसे प्राचीन मंदिरों में से एक माना जाता है। इस मंदिर को बनाने की सबसे खास बात यह है कि इसे जोड़ने के लिए कहीं भी चूने का प्रयोग नहीं किया गया। यह मंदिर तीन हिस्सों में बनवाया गया है। पहले हिस्से में गर्भगृह का निर्माण कराया गया है,दूसरे में सभामंडप का निर्माण कराया गया है और वहीं तीसरे भाग में सूर्य कुंड का निर्माण कराया गया है।


3. लोहार्गल सूर्य मंदिर (Lohargal Surya Mandir)

लोहागर्ल सूर्य मंदिर का इतिहास महाभारत काल का है। यह मंदिर राजस्थान के झूंझनू में स्थित है। इस मंदिर के बीच में सालों पुराना सूर्य कुंड बना हुआ है। जिसमें पांडवों ने स्नान करके ब्रह्म हत्या के पाप से मुक्ति पाई थी। इसलिए लोग आज भी यहां आकर इस कुंड में स्नान करते हैं और अपने पापों से मुक्ति पाते हैं। शास्त्रों के अनुसार माना जाता है कि भगवान सूर्य ने कई सालों तक भगवान विष्णु की तपस्या की थी। जिसके बाद उन्हें इस स्थान की प्राप्ति हुई थी।


4. झालरापाटन सूर्य मंदिर (Jhalrapatan Surya Mandir)

यह मंदिर राजस्थान के प्राचीन मंदिरों में से एक माना जाता है। इस मंदिर का निर्माण नाग भट्ट द्वितीय ने विक्रम संवत 872 में करवाया था। इस मंदिर को पद्मनाभ मंदिर , बड़ा मंदिर, सात सहेलियों के मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। इस मंदिर का निर्माण भी कोणार्क मंदिर की तरह ही रथ के समान किया गया है। जिसमे सात घोड़ों को दर्शाया गया है। मंदिर के गर्भ गृह में चतुर्भुज विष्णु भगवान की मूर्ति भी स्थापित की गई है। इतना ही नहीं मंदिर में प्रवेश हेतु तीन तरफ से तोरण द्वार भी बने हुए हैं।


5.उन्नाव सूर्य मंदिर (Unnao Surya Mandir)

उन्नाव के सूर्य मंदिर को बह्यन्य देव मन्दिर के नाम से भी जाना जाता है। यह मंदिर मध्य प्रदेश के उन्नाव में स्थित है। माना जाता है कि उन्नाव सूर्य मंदिर और मुल्तान का सूर्य मंदिर एक समान ही है। इस मंदिर का निर्माण आज से लगभग 2000 वर्ष पूर्व कराया गया था। इस मंदिर में भगवान सूर्य देव की पत्थर से बनी मूर्ति स्थित है। जो ईंट से बने एक चबूतरे पर स्थित है। इस मूर्ति पर काले रंग की धातु की परत चढ़ी हुई है।

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