Makar Sankranti 2020 : मकर संक्रांति पर इस विधि से दें सूर्य देव को अर्घ्य

Makar Sankranti 2020 : मकर संक्रांति पर इस विधि से दें सूर्य देव को अर्घ्य
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Makar Sankranti 2020 / मकर संक्रांति 2020 : मकर संक्रांति का पर्व (Makar Sankranti Festival) स्नान और दान के लिए तो विशेष महत्व माना ही जाता है,लेकिन इस दिन सूर्य देव की पूजा को भी अधिक महत्व दिया जाता है, इस दिन सिर्फ सूर्य देव (Lord Sun) को जल देने मात्र से ही जीवन के सभी सुखों की प्राप्ति हो जाती है तो चलिए जानते हैं मकर संक्रांति पर किस विधि से दें सूर्य देव को अर्घ्य

Makar Sankranti 2020 / मकर संक्रांति 2020 : मकर संक्रांति (Makar Sankranti ) पर सूर्य देव की पूजा (Surya Dev Ki Puja) विशेष रूप से की जाती है। इस दिन सूर्य देव को अर्घ्य देने से सभी प्रकार के कष्टों से मुक्ति मिलती है। लेकिनसूर्य देव को अर्घ्य देने के लिए सही विधि जरूर जान लेनी चाहिए। मकर संक्रांति का पर्व साल 2020 में 15 जनवरी 2020 को मनाया जाएगा तो चलिए जानते हैं मकर संक्रांति पर किस विधि से दें सूर्य देव को अर्घ्य


मकर संक्रांति पर इस विधि से दें सूर्य देव को अर्घ्य (Makar Sankranti Surya Dev Arghya Vidhi)

1. मकर संक्रांति के दिन सबसे पहले ब्रह्म मुहूर्त में उठें। उसके बाद किसी पवित्र नदी में स्नान अवश्य करें और लाल रंग के वस्त्र धारण करें।

2. इसके बाद एक तांबे का पात्र लें और उसमें जल भरें उसके बाद उस जल में लाल फूल, लाफ चंदन, गुड़, तिल और गंगाजल डालें।

3. यह सब चीजें जल में डालने के बाद जब सूर्य उदय हो रहा हो और लालिमा लिए हुए हो उस समय में ऊं घृणि सूर्याय नम: या ऊं आदित्याय नम: मंत्र का जाप करते हुआ आपको सूर्य को जल देना चाहिए।

4. जल देते समय आपको यह ध्यान रखना चाहिए कि वह जल आपके पैरों में न आएं। इसके लिए आप कोई गमला अपने सामने रख सकते हैं। जिसका जल सूर्य अर्घ्य देते समय उस गमले में जाएगा।

5. इसके बाद वहीं बैठकर सूर्य के प्रकाश में ही आदित्यहृदय स्रोत का पाठ अवश्य करें। यदि आप यह पाठ करने में असमर्थ हैं तो आप आदित्यहृदय स्रोत को किसी से सुन भी सकते हैं।


6. जल देने के बाद आप जो भी वस्तुएं दान करना चाहते हैं उन्हें अपने सामने सूर्य की रोशनी की रोशनी में रखकर दान करने का संकल्प लें। वैसे इस दिन गुड़ और तिल से बनी मिठाई, लाल वस्त्र और खिचड़ी का दान विशेष रूप से किया जाता है।

7. इसके बाद सूर्य देव के सामने हाथ जोड़कर उनसे प्रार्थना करें और पूजा करने में हुई किसी भी प्रकार की भूल की लिए क्षमा मांगे।

8. इसके बाद दान की जाने वाली वस्तुओं पर दक्षिणा रखकर किसी निर्धन व्यक्ति या किसी ब्राह्मण को दान अवश्य दें।

9. सूर्य को पिता का कारक माना जाता है। इसलिए इस दिन अपने पिता को भी उपहार स्वरुप कोई गर्म वस्त्र अवश्य दें।

10. आपको इस दिन गाय को भी गुड़ और तिल से बनी कोई वस्तु अवश्य खिलानी चाहिए और गाय के पैरों को हाथ लगाकर आर्शीवाद लेना चाहिए।

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