Makar Sankranti 2020 : मकर संक्रांति के शुभ संयोग, सूर्य देव की पूजा का मिलेगा कई गुना लाभ

Makar Sankranti 2020 : मकर संक्रांति के शुभ संयोग, सूर्य देव की पूजा का मिलेगा कई गुना लाभ
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Makar Sankranti 2020 / मकर संक्रांति 2020 : मकर संक्रांति के शुभ संयोगों को जानना आपके लिए बेहद आवश्यक है, यह जानकर आप अपने पुण्यफलों को और भी अधिक बढ़ा सकते हैं, मकर संक्रांति पुण्य काल सुबह 6 बजकर 48 मिनट से शाम 6 बजकर 16 मिनट तक रहेगा और मकर संक्रान्ति महा पुण्य काल सुबह 6 बजकर 48 मिनट से सुबह 8 बजकर 42 मिनट तक रहेगा, इसके अलावा मकर संक्रांति और कौन से विशेष योग बन बन रहे हैं आइए जानते हैं।

Makar Sankranti 2020 / मकर संक्रांति 2020 : मकर संक्रांति का त्योहार धार्मिक दृष्टिकोण से अत्यंत ही महत्वपूर्ण माना जाता है और इस साल मकर संक्रांति पर कई अद्भुत योग बन रहे हैं। जिसकी वजह से यह दिन काफी खास बन गया है। मकर संक्रांति का पर्व (Makar Sankranti Festival) साल 2020 में 15 जनवरी 2020 (15 January 2020) को मनाया जाएगा तो चलिए जानते हैं मकर संक्रांति के शुभ संयोग


मकर संक्रांति के शुभ संयोग (Makar Sankranti Ke Subh Sanyog)

मकर सक्रांति के दिन बहुत ही शुभ योग बन रहे हैं। इस दिन सूर्य मकर राशि में प्रवेश करेंगे। लेकिन इससे पहले ही सूर्य के मित्र बुध देव मकर राशि में स्थित होंगे। जिसकी वजह से इस दिन बुधादित्य योग का निर्माण हो जाएगा। इसके साथ ही सर्वार्थ सिद्धि योग, रवि योग और अमृत काल योग भी है। जिसकी वजह से यह दिन काफी शुभ बन गया है। वहीं सूर्य इस दिन अपने ही नक्षत्र में उतराषाढ़ा में होंगे जिसकी वजह से सूर्य देव की पूजा का कई गुना लाभ प्राप्त होगा।

वहीं यदि चंद्रमा की बात करें तो वह 11 बजकर 29 मिनट तक सिंह राशि में रहेंगे। जिसकी वजह से इस समय में पूजा करने वाले व्यक्ति को कई शुभफलों की प्राप्ति होगी। वहीं चंद्रमा भी सुबह 4 बजकर 7 मिनट के बाद अपने नक्षत्र हस्त में प्रवेश कर जाएंगे। वहीं यदि अन्य ग्रहों की बात करें तो इस दिन धनु लग्न का उदय हो रहा है। जो देवगुरु बृहस्पति का लग्न है। इस दिन देव गुरु बृहस्पति अपनी ही राशि धनु में होंगे जिसकी वजह से हंस योग का निर्माण भी हो रहा है।


इसके साथ ही देवगुरु बृहस्पति के साथ शनि और केतु भी रहेंगे। यदि दैत्य गुरु शुक्र की बात करें तो वह भी अपने मित्र शनि की राशि कुंभ में रहेंगे। मंगल अपनी ही राशि वृश्चिक में विराजमान है। जिसकी वजह से रूचक योग का निर्माण भी हो रहा है और यदि राहु की बात करें तो वह अपनी उच्च राशि में स्थित है। जिसकी वजह से इस दिन एक या दो नहीं बल्कि कई शुभ योग बन रहे हैं। जिसकी वजह से पूजा का कई गुना लाभ प्राप्त किया जा सकता है।

वहीं यदि राहुकाल की बात करें तो यह काल दोपहर 12 बजकर 39 मिनट से दोपहर 1 बजकर 58 मिनट तक रहेगा। जिसमें आपको कोई भी शुभ काम नहीं करना चाहिए। मकर संक्रांति के दिन ज्यादातर ग्रह अपनी स्वंय की राशि या मित्र राशि में होने के कारण यह इस साल मकर संक्रांति के दिन कई शुभ योग बन रहे हैं। ज्योतिषियों की मानें तो इस साल की मकर संक्रांति पर किया गया दान कई गुना फल तो देगा ही साथ ही इसका फल भी अक्षय ही होगा।

मकर संक्रांति के दिन महापुण्य काल में स्नान करना सबसे ज्यादा शुभ रहेगा। जिससे न केवल सभी पापों का नाश होगा। बल्कि सभी मृत्यु के बाद मोक्ष की प्राप्ति भी होगी। इसलिए मकर संक्रांति पर प्रत्येक मनुष्य को स्नान अवश्य करना चाहिए।

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