Nag Panchami 2019 : नाग पंचमी पर जानें इच्छाधारी नागों के रहस्य का सच

Nag Panchami 2019 नाग पंचमी पर जाने इच्छाधारी नागों के रहस्य का सच। इच्छाधारी सांप आज भी एक रहस्य का विषय बना हुआ है। जिसे सर्प विशेषज्ञ आज भी सुलझाना चाहते हैं। दुनिया में सापों की अनेंको प्रजाति पाई जाती है। कुछ लोगों ने इच्छाधारी सापों को देखने का दावा भी किया है। लेकिन इस बात में कितनी सच्चाई है। इस बात का पता आज भी सर्प विशेषज्ञ कर रहे हैं। नागपंचमी के पर्व पर हम आपको इच्छाधारी नागों के कुछ ऐसे ही रहस्यों के बारे में बताने जा रहे हैं। नागपंचमी का पर्व इस साल 2019 (Nag Panchami Festival 2019) में 5 अगस्त 2019 (15 August 2019) को मनाया जाएगा। तो आइए जानते हैं नाग पंचमी पर इच्छाधारी नागों के रहस्य का सच
नाग पंचमी पर जाने इच्छाधारी नागों का रहस्य (Nag Panchami Per Jane Ichadhari Naag Ka Rahasya)
इच्छाझधारी नाग आज भी एक अनसुलझा रहस्य बना हुआ है। आज भी लोग इच्छाधारी सापों के बारे में जानने के लिए उत्सुक रहते हैं। अक्सर हमने कई बार फिल्मों और टेलीविजन में इच्छाधारी सापों की एक छवि देखी है। जिनका ऊपरी धड़ इंसान और नीचे का धड़ सांप को होता है।
इस प्रकार की फिल्मों को हमनें कई बार देखा है। लेकिन इस बात में कितनी सच्चाई है। पुराणों के अनुसार जो सांप 100 साल तक तपस्या करता है। वह अपने पुण्य कर्म से ऐसी शक्तियां प्राप्त कर लेता है।
जिससे वह किसी का रूप धारण कर सके। लेकिन ये न तो पूर्ण रूप से इंसान होते हैं और न हीं सांप। माना जाता है कि 100 साल तक जीवित रहने के बाद यह इच्छाधारी सांप बन सकते हैं।
इस बात का कई जगह पर उल्लेख भी है कि जब कोबरा सांप 100 साल की आयु पूरी कर लेता है तो उसे अपना रूप बदलने की शक्ति प्राप्त हो जाती है। जिसके बाद वह कई सालों तक जिंदा रह सकता है।
पुराणों में तो यह भी लिखा है कि कुछ नाग तो इस प्रकार के होते हैं जो सभी प्रकार का ज्ञान रखते हैं। जिस प्रकार संत को सिद्धि प्राप्त होती है। उसी प्रकार नागों को भी सिद्धियां प्राप्त होती है।
इन नागों में इस प्रकार की शक्तियां होती है जो किसी के भी शरीर में प्रवेश करके किसी का भी अच्छा या बुरा कर सकता है। पुराने समय की बात करें तो नागों का आकार 30 से 40 फुट का बताया गया है।
एक कथा के अनुसार द्वापर युग में भगवान श्री कृष्ण ने जिस नाग अगासुर से युद्ध करके उसे मारा था। वह करीब 40 फुट का ही था। महाभारत काल में भी अर्जुन ने नागकन्या उलूकी से विवाह किया था। इसके अलावा भीम के पुत्र घटोत्कच का विवाह भी एक नागकन्या अहिलवती से ही हुआ था।
इसके अलावा भी पुराने समय में ऐसी अनेक कथाओं का वर्णन किया गया है। जो यह बताते हैं कि वास्तव में इच्छाधारी नागों का आस्तित्व था। माना तो यह भी जाता है कि इन इच्छाधारी सांपों के पास 'नागमणि ' होती थी। जिसे 'सांप मणि' के नाम से जाना जाता है।
लेकिन वर्तमान समय में इन्हें किसी ने भी नहीं देखा। सर्प विशेषज्ञ भी इस बात को पूरी बात को पूरी तरह से नकारते है। सर्प विशेषज्ञों के अनुसार इच्छाधारी सांप बिल्कुल काल्पनिक है। यह मनुष्य की अपनी ही कल्पना है और फिल्मों में दिखाई देनी वाली एक छवि है।
जिसमें सापों को शरीर के साथ दिखाया गया है। इसमें सापं को आधा मनुष्य और आधा सांप दिखाया गया है।सर्प विशेषज्ञ मानते हैं कि आज तक इस बात को कोई भी प्रमाण नहीं मिला है। जिससे की यह पता चल सके कि सच में इस तरह की कोई प्रजाति दुनिया में पाई जाती थी
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