Narak Chaturdashi 2019 : नरक चतुर्दशी का एक दिया दिलाएगा पितरों को मोक्ष

Narak Chaturdashi 2019 कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी के दिन नरक चतुर्दशी का पर्व (Narak Chaturdashi Festival) मनाया जाता है। नरक चतुर्दशी को रूप चतुर्दशी और छोटी दिवाली के अलावा कई नामों से जाना जाता है। इस दिन यमराज (Yamraj) के नाम का दीया जलाया जाता है। इस दिन यम दीप जलाने से नर्क की यातनाओं को सहन नहीं करना पड़ता। इसके अलावा इस दिन पितरों के नाम का दीया भी जलाना अत्यंत आवश्यक है। तो आइए जानते हैं कैसे नरक चतुर्दशी पर दीया दिलाता है पितरों को मोक्ष
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नरक चतुर्दशी पर पितरों का दीया (Narak Chaturdashi Per Pitro Ka Diya)
नरक चतुर्दशी का संबंध पितरों के साथ भी है। मान्यताओं के अनुसार नरक चतुर्दशी का संबंध नरकासुर नामक दैत्य से है। जिस समय नरकासुर का वध हुआ था । उस समय से नरक चतुर्दशी का त्योहार मनाया जाने लगा। वहीं दूसरी और नरक चतुर्दशी का संबंध नरक लोक से भी है।
हेमाद्रि, धर्मसिंधू, विघ्नसिंधू जैसे कई ग्रंथ में इसके बारे में बताया गया है। आमतौर पर दीपक उत्तर या पूर्व दिशा में जलाए जाते हैं। क्योंकि पूर्व और उत्तर दिशा को देवताओं की दिशा माना जाता है। लेकिन नरक चतुर्दशी के दिन दक्षिण दिशा में दीया जलाने को विशेष महत्व दिया जाता है।
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नरक चतुर्दशी के दिन दक्षिण दिशा में शाम के समय भी दीया जलाया जाता है। क्योंकि दक्षिण दिशा को पूर्वजों की दिशा माना जाता है। इसलिए इस दिशा को यम धर्मराज कि दिशा कि भी माना जाता है। मान्यताओं के अनुसार जो भी व्यक्ति नरक चतुदर्शी के दिन दक्षिण दिशा में पितरों के नाम का दीपक जलाता है।
उसके पितर नर्क लोक से स्वर्ग लोक पहुंचते हैं। इसके अलावा उनके पितरों को यमराज की अनेक नर्क यातनाएं भी नहीं सहन करनी पड़ती । इस दिन हमारे वंश के मृत वंशजों को हमारे द्वारा की गई पूजा का क्षेय मिलता है।
इसलिए नरक चतुदर्शी के दिन शाम के दीपक का अधिक महत्व है। इसे यम दीप भी कहा जाता है। शास्त्रों के अनुसार इस दिन शाम के समय दीपक जलाने से पितरों को रोशनी दिखाई देती है। जिससे वह नर्क से लेकर स्वर्ग तक का रास्ता तय करते हैं।
इसी कारण से इस दिन पितरों का नाम का भी दीया जलाया जाता है। इसलिए इस दिन दीप दान भी किया जाता है। जिससे हमें भी नर्क की यातनाओं को सहन न करना पड़े और हमें भी यमराज का आर्शीवाद प्राप्त हो सके। नरक चतुर्दशी का यह पर्व दिवाली से एक दिन पहले आता है। इसलिए इस दिन को छोटी दिवाली के नाम से भी जाना जाता है।
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