साल 2019 में कब हैं नवरात्रि, सबसे पहले जान लीजिए दुर्गा पूजन की तिथि

साल 2019 में कब हैं नवरात्रि, सबसे पहले जान लीजिए दुर्गा पूजन की तिथि
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नवरात्रि में नौ दिनों देवी मां के अलग-अलग नौ रुपों की पूजा की जाती है। साल 2019 में भी नवरात्रि में देवी दुर्गा के भक्त नौ दिनों उपवास रखेंगे।

नवरात्रि 2019 (Navratri 2019)

साल 2019 में होने वाले त्यौहारों के बारे में हर कोई जान लेना चाहता है। हर साल की तरह साल 2019 में भी बहुत से तीज-त्यौहार होंगे ही। नवरात्रि साल में चार बार आते हैं, जिनमें से दो (चैत्र नवरात्रि 2019 और शारदीय नवरात्रि 2019) को हिंदू धर्म में बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। इसलिए नवरात्रि 2019 की लिस्ट हम आपके लिए लेकर आए हैं, इसलिए आइए जानते हैं साल 2019 में आखिर कब हैं देवी मां के नवरात्रे...

संपूर्ण भारतवर्ष में नवरात्रि प्रमुख पर्व है। इस दौरान मां दुर्गा के नौ अलग-अलग रूपों की पूजा की जाती है। वर्ष में चैत्र, आषाढ़, आश्विन और माघ को मिलाकर चार नवरात्र आते हैं। इनमें से चैत्र और आश्विन माह के नवरात्रि अधिक लोकप्रिय हैं।

साल 2019 चैत्र नवरात्रि की तिथि

चैत्र (वासंती) नवरात्र

6 अप्रेल 2019 से नवरात्रि प्रारंभ

14 अप्रैल 2019 नवरात्रि समापन

ये नवरात्रि शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से नवमी तक मनाए जाते हैं। चैत्र और आश्विन नवरात्रि में आश्विन नवरात्रि को महानवरात्रि कहा जाता है। यह नवरात्रि दशहरे से पहले होते हैं और दशवें दिन दशहरे होता है जो धूमधाम से मनाया जाता है।

साल 2019 शारदीय नवरात्रि की तिथि

आश्विन (शारदीय) नवरात्र

29 सितंबर 2019 से नवरात्रि प्रारंभ

8 अक्तूबर 2019 को नवरात्रि समापन

नवरात्रि में नौ दिनों देवी मां के अलग-अलग नौ रुपों की पूजा की जाती है। जो निम्न हैं.....

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1. माँ शैलपुत्री

2. माँ ब्रह्मचारिणी

3. माँ चंद्रघण्टा

4. माँ कूष्मांडा

5. माँ स्कंद माता

6. माँ कात्यायनी

7. माँ कालरात्रि

8. माँ महागौरी

9. माँ सिद्धिदात्री

नवरात्रि पर्व मुख्य रूप से भारत के उत्तरी राज्यों सहित सभी क्षेत्रों में धूम-धाम से मनाया जाता है। नवरात्रि में देवी दुर्गा के भक्त नौ दिनों उपवास रखते हैं तथा माता की चौकी स्थापित की जाती हैं। नवरात्रि के नौ दिनों को बहुत पावन माना जाता है। इन दिनों घरों में मांस, मदिरा, प्याज, लहसुन आदि चीज़ों का परहेज़ कर सात्विक भोजन किया जाता है।

नौ दिन उपवास के बाद नवमी या दसवीं पूजन किया जाता है जिसमें कन्या पूजन का भी विशेष महत्व है। नवरात्रि के पहले दिन घटस्थापना करके नौ दिनों तक देवी दुर्गा की आराधना और व्रत का संकल्प लिया जाता है। नवरात्रि के दिनों में चारों ओर माता की चौकी और जगराते कर भजन कीर्तन किया जाता है।

नवरात्र की पूजा में अग्यारी से बाहर गिरी लौंग का महत्व

नवरात्र में अगर अग्यारी के समय अगर आप लौगं क जोड़ा चढ़ाते हैं और अगर उस लोंग के जोड़े में से लोंग बाहर आकर निकलती है तो उसे मां का आर्शीवाद समझा जाता है। ऐसा इसलिए कहा जाता है क्योंकि लोंग को शुभ कामों में इस्तेमाल किया जाता है और ऐसा बहुत ही कम होता जब लोंग अग्यारी में न जले और अपने आप ही बाहर आ जाए। कई लोग इस लोंग को अपने पर्स में रखते हैं। मान्यता है कि ऐसा करने से कभी भी धन की कमीं नही होती और पर्स में हमेशा पैसा रहता ही है। इसके अलावा अगर आपका कोई काम नहीं बन रहा हो तो इस लोगं को अपने पास रखने से वह काम अपने आप ही बनने लगता है।

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