नवरात्रि विशेष : 52 शक्ति पीठों में से एक चंद्रपुर की मां चंद्रहासिनी , जानें क्या है माता रानी की महिमा

आज से नवरात्र महापर्व की शुरुआत हो गई है। मतारानी के मंदिरों में भक्त दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं। आज हम आपको छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध मां चंद्रहासिनी मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं। छत्तीसगढ़ के रायगढ़ से लगभग 27 किलोमिटर की दूरी पर चंद्रपुर में महानदी के तट पर एक बड़ा ही भव्य मां चंद्रहासिनी का मंदिर है। यह मंदिर छतीसगढ़ के सबसे प्राचीन मंदिरों में एक है। यहाँ बने पौराणिक व धार्मिक कथाओं की झाकियां , समुद्र मंथन आदि , मां चंद्रहासिनी के दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं का मन मोह लेती हैं। चारों ओर से प्राकृतिक मनमोहक सुंदरता से घिरे चंद्रपुर की खूबसूरती देखने लायक है। बरसात के मौसम में यहा घूमना अपने आप में रोमांचित करने वाला होता है। महानदी व माण्ड नदी के बीच बसे चंद्रपुर में मां दुर्गा के 52 शक्तिपीठों में से एक स्वरूप मां चंद्रहासिनी के रूप में विराजित है।
चंद्रमा की आकृति जैसा मुख होने के कारण इन्हें चंद्रहासिनी और चंद्रसेनी मां के नाम जानते हैं। कहते है कि एक बार चंद्रसेनी देवी सरगुजा की भूमि को छोड़कर उदयपुर और रायगढ़ होते हुए चंद्रपुर में महानदी के तट पर आ गईं। महानदी की पवित्र शीतल धारा से प्रभावित होकर माता रानी विश्राम करने लगीं। जिसके बाद उन्हें नींद लग गई। वर्षों व्यतीत हो जाने पर भी उनकी नींद नहीं खुली। एक बार संबलपुर के राजा की सवारी यहाँ से गुज़री और अनजाने में उनका पैर चंद्रसेनी देवी को लग गया जिससे उनकी नींद खुल गई। फिर एक दिन स्वप्न में देवी ने उन्हें दर्शन दिया और यहाँ मंदिर के निर्माण और मूर्ति की स्थापना का निर्देश दिया। सिद्ध शक्तिपीठ मां चद्रहासिनी देवी मंदिर चंद्रपुर मे प्रतिवर्ष चैत्र नवरात्र के अवसर पर 108 दीपो का महाआरती के साथ पूजा की जाती है।
वहीं भक्तों के मनोकामना सिद्ध करने के लिये हजारो की संख्या मे ज्योति कलश प्रज्वलित की जाती है। मां के दरबार मे नवरात्रि के अवसर पर आसपास सहित पूरे प्रदेश व ओडिशा प्रांत के भक्तगण लाखो की संख्या में दर्शन करने पहुंचते है। मान्यता है कि नवरात्रि पर्व के दौरान 108 दीपों की महाआरती मे शामिल होने वाले श्रद्धालु मां के विशेष आशीर्वाद के भागी बनते है। सर्वसिद्धी दायक देवी मां चद्रहासिनी के दरबार में मत्था टेकने वाले प्रत्येक व्यक्ति की मनोकामना पूर्ण होती है। माता का विशेष कृपा पात्र बनने श्रद्धालु नवरात्रि पर्व के दौरान नंगे पांव तथा कर नापते हुए माता के दरबार में पहुंचते हैं।
कैसे पहुचें चंद्रपुर: चंद्रपुर पहुंचने के लिए श्रद्धालु रेलमार्ग से रायगढ़ या खरसिया स्टेशन में उतरकर बस व अन्य वाहनों से माता के दरबार पहुंच सकते हैं। इसके अलावा जांजगीर, चांपा, सक्ती, सारंगढ़, डभरा से चंद्रपुर जाने के लिए दिन भर बस व जीप आदि की सुविधा है। यात्री यदि चाहे तो चांपा या रायगढ़ से प्राइवेट वाहन किराए पर लेकर भी चंद्रपुर पहुंच सकते हैं।
हवाई मार्ग: निकटतम हवाई अड्डा स्वामी विवेकानंद हवाई अड्डा, रायपुर है। चंद्रहासिनी मंदिर और रायपुर के बीच की दूरी लगभग 220 किलोमीटर है।
रेल मार्ग: निकटतम रेलवे स्टेशन रायगढ़ रेलवे स्टेशन (चंद्रहासिनी मंदिर से लगभग 30 किमी) मुंबई-हावड़ा मुख्य लाइन से जुड़ा हुआ है।
सड़क मार्ग: बस और टैक्सी रायगढ़ से लिया जा सकता है।
और पढ़े: Haryana News | Chhattisgarh News | MP News | Aaj Ka Rashifal | Jokes | Haryana Video News | Haryana News App
© Copyright 2025 : Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS
-
Home
-
Menu
© Copyright 2025: Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS