Om Namah Shivay Mantra Jaap : ॐ नमः शिवाय' मंत्र का अर्थ, जानिए जप विधि और इस से होने वाले फायदे

Om Namah Shivay Mantra Jaap : ॐ नमः शिवाय मंत्र का अर्थ, जानिए जप विधि और इस से होने वाले फायदे
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Om Namah Shivay Mantra Jaap : शास्त्रों में मंत्रों को शक्तिशाली और चमत्कारी बताया गया है। हिंदु धर्म के सबसे शक्तिशाली मंत्र और प्रभावी मंत्र का अर्थ और उनका जाप करने से होने वाले फायदे के बारें में आज हम आपको बताएगें।

Om Namah Shivay Mantra Jaap : मंत्र जप एक ऐसा उपाय है जिससे सभी समस्याएं दूर हो सकते हैं। शास्त्रों में मंत्रों को शक्तिशाली और चमत्कारी बताया गया है। हिंदु धर्म के सबसे शक्तिशाली मंत्र और प्रभावी मंत्र का अर्थ और उनका जाप करने से होने वाले फायदे के बारें में आज हम आपको बताएगें। आज हम बताएंगे भगवान शिव के शरणाक्षर मंत्र 'ॐ नमः शिवाय' की। शिवपुराण में 'ॐ नमः शिवाय' को ऐसा मंत्र बताया गया है कि 'ॐ नमः शिवाय' मंत्र के जप से सारी मनोकामनाएं पूरी कर सकते हैं। वैसे तो सभी मंत्र अपना प्रभाव रखते हैं।


ॐ नमः शिवाय मंत्र का अर्थ

'ॐ नमः शिवाय' मंत्र का मंत्र अर्थात महामंत्र है। केवल एक मंत्र का जाप करने से आप अपने जीवन में सफल हो सकते हैं। शिव पुराण में इस मंत्र को शरणाक्षर मंत्र भी कहा गया है। क्योंकि इसका निर्माण प्रलव मंत्र ओम के साथ नम: शिवाय पंचाछर मंत्र का मेल करने पर हुआ है। शिव पुराण में बताया गया है कि इस मंत्र के महत्व का वर्णन सौ करोड़ वर्षो में भी संभव नहीं है। ॐ नमः शिवाय का अर्थ है। घृणा, तृष्णा, स्वार्थ, लोभ, ईर्ष्या, काम, कोध्र, मोह, माया और मद से रहित होकर प्रेम और आन्नद से परिपूर्ण होकर परमात्मा का शानिध्य प्राप्त करें।

ॐ नमः शिवाय' मंत्र का जप करने का समय

वेद पुराणों में इस चमत्कारी मंत्र का जप करने का कोई खास समय निर्धारित नहीं है। इस मंत्र को जब चाहे तब जप कर सकते हैं।

ॐ नमः शिवाय मंत्र जपने की विधि

इस मंत्र का जाम प्रत्येक दिन रुद्राक्ष की माला से करना चाहिए।

ॐ नमः शिवाय मंत्र का जाप कम से कम 108 बार प्रत्येक दिन करना चाहिए।

जप हमेशा पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके करना चाहिए।

यदि आप किसी पवित्र नदी के किनारे शिव लिंग की स्थापना और पूजन के बाद जप करेंगे उसका फल सबसे उत्तम होगा। इसके अलावा आप किसी पर्वत या शांत वन में भी इस मंत्र का जाप कर सकते हैं। साथ ही इस शारणाक्षर मंत्र का जाप शिवाय या घर में भी कर सकते हैं।

ॐ नमः शिवाय मंत्र का जाप हमेशा योग मुद्रा में बैठकर ही करना चाहिए।

ॐ नमः शिवाय' मंत्र का जाप करने का नियम

इस मंत्र को गुरू से प्राप्त करें। इस मंत्र जब ज्यादा असरदार और मंगलकारी बनता है। देवालय, तीर्थ या घर में शांत जगह पर बैठकर इस मंत्र का जाप करें। पंचाक्षरी मंत्र यानी नम शिवाय के आगे हमेशा ॐ लगाकर जप करें। किसी भी हिंदू माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि यानी पहले दिन से कृष्ण पक्ष की चतुर्थदशी तक इस मंत्र का जाप करें। पंचाक्षरी मंत्र की अवधि में व्यक्ति खानपान, वाणी, और इंद्रियों पर पूरा सयम रखें। गुरू पति और माता पिता के प्रति सेवाभाव और सम्मान मंत्र जप काल के दौरान न भूलें। हिंदू पंचांग के सावन, माग्मा और भाद्रपद माह में बहुत शुभ और मनोरथ की पूर्ति करने वाला माना गया है।

ॐ नमः शिवाय' मंत्र के फायदे

इस मंत्र का जप करने से धन की प्राप्ति होती है और शत्रुओं पर विजय प्राप्त होती है।

अगर संतान न हो तो संतान प्राप्ति के लिए इस मंत्र का जाप किया जाता है।

इस मंत्र के जाप से सभी कष्ट और दुख समाप्त हो जाते हैं और मनुष्य पर महाकाल की अशिम कृपा बरसने लगती है।

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