Chaitra Purnima 2019: चैत्र पूर्णिमा और हनुमान जयंती का महत्व, व्रत का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि

Puranmasi 2019: चैत्र मास की नवरात्रि के बाद आने वाली पहली पूर्णिमा को चैत्र पूर्णिमा (Chaitra Purnima) कहा जाता है। इस पूर्णिमा को चैती पूनम (Cheti Purnam) के नाम से भी जाना जाता है। हिंदू पंचांग (Hindu Panchang) के अनुसार चैत्र मास हिन्दू वर्ष का प्रथम मास होता है इसलिए चैत्र पूर्णिमा का विशेष महत्व है। इस दिन भगवान सत्य नारायण की पूजा- अर्चना की जाती है और उनकी कृपा पाने के लिये भी पूर्णिमा का व्रत रखा जाता है। वहीं रात्रि के समय चंद्रमा की पूजा की जाती है। उत्तर भारत में चैत्र पूर्णिमा के दिन हनुमान जयंती (Hanuman Jayanti) भी मनाई जाती है। चैत्र पूर्णिमा पर नदी, तीर्थ, सरोवर और पवित्र जलकुंड में स्नान और दान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है।
चैत्र पूर्णिमा व्रत मुहूर्त (Chaitra Purnima vrat shubh muhurat)
18 अप्रैल 2019 को 19:27:43 से पूर्णिमा आरम्भ
19 अप्रैल 2019 को 16:43:31 पर पूर्णिमा समाप्त
पूर्णिमा व्रत और पूजा विधि (Chaitra Purnima Vrat Puja Vidhi)
इस दिन स्नान, दान, हवन, व्रत और जप किया जाता हैं।मान्यता है कि इस दिन भगवान सत्य नारायण का पूजन करने के बाद गरीब व्यक्तियों को दान दिया जाता है।आइए जानते है चैत्र पूर्णिमा व्रत की पूजा विधि-
1. चैत्र पूर्णिमा के दिन प्रातः काल सूर्योदय से पूर्व उठना चाहिए । इसके बाद किसी पवित्र नदी, जलाशय, कुआं या बावड़ी में स्नान करना चाहिए।
2. व्रत का संकल्प से पहले सकंल्प लें और फिर भगवान सत्य नारायण की करें।
3. रात्रि में विधि पूर्वक चंद्र देव का पूजन करने के बाद उन्हें जल अर्पण करना चाहिए।
4. पूजन के बाद व्रत करने वाले को अपनी श्रद्धा के अनुसार ज़रुरतमंद व्यक्ति को दान दक्षिणा देनी चाहिए।
चैत्र पूर्णिमा का महत्व (Chaitra Purnima Importance)
चैत्र पूर्णिमा का विशेष महत्व है इस दिन पूर्णिमा को चैती पूनम के नाम से भी जाना जाता है। माना जाता है इस दिन भगवान श्री कृष्ण ने ब्रज में रास उत्सव रचाया था, इस रास को महारास के नाम से जाना जाता है। इस महारास में हजारों गोपियों ने भाग लिया था और प्रत्येक गोपी के साथ भगवान श्रीकृष्ण रातभर नाचे थे।
हनुमान जयंती (Hanuman Jayanti)
विद्धानों के अनुसार माना जाता है चैत्र मास की पूर्णिमा को ही श्री राम भक्त हनुमान जी का जन्म हुआ था, इसलिए इस दिन उत्तर और मध्य भारत में हनुमान जयंती मनाई जाती है। हनुमान जयंती को लेकर कुछ मतभेद हैं। कुछ स्थानों पर हनुमान जयंती कार्तिक कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी पर मनाई जाती है, तो कुछ जगह चैत्र शुक्ल पूर्णिमा पर। हालांकि धार्मिक ग्रन्थों में दोनों ही तिथियों का जिक्र मिलता है लेकिन इनके कारणों में भिन्नता है, इसलिए पहला जन्मदिवस है और दूसरा विजय अभिनंदन महोत्सव है।
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