Raksha Bandhan 2019 : जानें क्यों नहीं है इस बार रक्षाबंधन पर भद्रा का साया, कहां होगा इसका निवास

Raksha Bandhan 2019 : जानें क्यों नहीं है इस बार रक्षाबंधन पर भद्रा का साया, कहां होगा इसका निवास
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रक्षाबंधन पर राखी बांधने से पहले भद्रा का विचार अवश्य किया जाता है, लेकिन इस बार चंद्रमा के मकर राशि में होने के कारण भद्रा का निवास पाताल लोक में होगा, पाताल लोक में भद्रा का निवास होने के कारण इस बार रक्षाबंधन पर भद्रा का अशुभ फल प्राप्त नही होगा।

Raksha Bandhan 2019 रक्षाबंधन पर राखी बांधने का शुुभ मुहूर्त देेेखा जाता है और साथ ही रक्षाबंधन के दिन भद्रा (Bhadra) का विचार भी जाता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि भद्रा सदैव ही अशुभ फल नहीं देती। रक्षाबंधन का त्योहार इस साल 15 अगस्त 2019 के दिन पड़ रहा है और इस बार राखी बांधने का शुभ मुहूर्त (Rakhi Bandhne Ka Subh Muhurat) भी सुबह से लेकर शाम तक का है। जिसमें भद्रा का साया बिल्कुल भी नही है। इसलिए इस वर्ष रक्षाबंधन का त्योहार कई शुभ संयोगों में बन रहा है। तो आइए जानते हैं क्यों नहीं है इस बार रक्षाबंधन पर भद्रा का साया और कहां होगा भद्रा निवास


रक्षाबंधन पर भद्रा का साया और निवास (Raksha Bandhan Per Bhadra ka Saya or Niwas )

रक्षाबंधन के दिन प्रत्येक बहन सबसे पहले अपने भाई को राखी बांधने के लिए शुभ मुहूर्त को देखती हैं। लेकिन इस साल की बात करें तो राखी बांधने का शुभ मुहूर्त काफी लंबा है। इस दिन आप अपने भाई को सुबह 5 बजकर 49 मिनट से शाम 6 बजकर 1 मिनट तक राखी बांध सकती हैं। रक्षाबंधन का त्योहार इस बार बहुत ही शुभ संयोग में पड़ रहा है। क्योंकि इस बार रंक्षाबंधन पर भद्रा का साया नहीं पड़ रहा है। किसी भी शुभ काम को करने के लिए हिंदू पंचांग के अनुसार भद्रा का विचार अवश्य किया जाता है। भद्रा में कोई भी शुभ कार्य करना निषेध माना जाता है।


शास्त्रों की माने तो भद्रा सदैव ही अशुभ नहीं होती।यदि भद्रा वाले दिन चंद्रमा मेष, वृष, मिथुन, वृश्चिक राशि में स्थित हो तो भद्रा का निवास स्वर्ग लोक में होता है। स्वर्ग लोक की भद्रा अशुभ और हानिकारक नहीं होती है। इसलिए इस समय में कोई भी शुभ और मांगलिक कार्य किया जा सकता है। इसके अलावा चंद्रमा कन्या, तुला,धनु, मकर राशि में स्थित हो तो भद्रा का निवास पताल लोक में माना जाता है। इसलिए भद्रा हमेशा ही अशुभ फल नहीं देती। शुक्ल पक्ष की चतुर्थी, एकादशी,कृष्ण पक्ष की द्वितीया व दशमी तिथि वाली भद्रा दिन में शुभ और रात में अशुभ होती है।

रक्षाबंधन के दिन चंद्रमा रात्रि नौ बजे तक मकर राशि में रहेगा । भद्रा विचार के अनुसार भद्रा पाताल लोक में निवास करेगी। जिसकी वजह से भद्रा के अशुभ फल प्राप्त नहीं होंगे। केवल मृत्युलोक की भद्रा ही अशुभ मानी जाती है।यदि भद्रा वाले दिन चंद्रमा कर्क, सिंह, कुंभ और मीन राशि में होता है तो भद्रा का निवास मृत्युलोक में माना जाता है। मृत्युलोक पृथ्वीं लोक को ही कहा जाता है। मृत्युलोक की भद्रा विशेष अशुभ और हानिकारक मानी जाती है। इस समय में सभी शुभ कार्य वर्जित होते हैं। कुछ विद्वानों के अनुसार भद्रा के आरंभ की पांच घड़ियां ही अशुभ होती है। मध्यान काल के उपरांत भद्रा इतना अशुभ प्रभाव नहीं देती।

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