Ram Navami 2020 Date : रामनवमी पर जानिए किसने तोड़ा था रामसेतु

Ram Navami 2020 Date : रामनवमी पर जानिए किसने तोड़ा था रामसेतु
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Ram Navami 2020 Date : रामनवमी को भगवान राम के जन्मदिवस के रूप में मनाया जाता है, रामायण (Ramayan) के अनुसार रामसेतु (Ram Satu) के द्वारा ही पूरी वानर सेना लंका तक पहुंच सकी थी, लेकिन क्या आप जानते हैं कि भगवान राम के द्वारा बनवाए गए इस रामसेतु को आखिर किसने तोड़ा था, यदि नहीं तो आज हम आपको इसके बारे में बताएंगे तो चलिए जानते हैं किसने तोड़ा था रामसेतु।

Ram Navami 2020 Date : रामनवमी (Ram Navami) के दिन भगवान राम की पूजा - अर्चना की जाती है। भगवान राम (Lord Rama) ने रावण वध और वानर सेना को लंका तक पहुंचाने के लिए रामसेतु का निर्माण कराया था। लेकिन आखिर इस रामसेतु को किसने तोड़ा था आखिर क्या है इसके पीछे का कारण आइए जानते हैं....

किसने तोड़ा था रामसेतु (Kisne Toda Tha Ram Satu)

रामायण में रामसेतु का बहुत अधिक महत्व बताया गया है। यदि नल और नील तथा अन्य वानरों ने रामसेतु नहीं बनाया होता तो वानर सेना कभी भी लंका तक नहीं पहुंच पाती और न हीं रावण का वध होता। रावण के वध के बाद ही भगवान श्री राम माता सीता को रावण की कैद से मुक्त करा पाए थे और रावण के वध के बाद ही विभीषण का लंका राज पाठ मिल पाया था। जब भगवान राम अयोध्या का राज पाठ संभाल रहे थे तो एक दिन भगवान राम की विभीषण से मिलने की इच्छा हुई।

विभीषण के बारे में जानने के लिए भगवान राम ने भरत से कहा कि वह विभीषण से मिलने के लिए लंका जाना चाहते हैं। यह बात सुनकर भरत भी भगवान श्री राम के साथ लंका जाने के लिए कहने लगे। इसके बाद अयोध्या की सुरक्षा की जिम्मेदारी लक्ष्मण को देकर पुष्पक विमान से रवाना होकर लंका कि और चल दिए। जब वह लंका की और जाए रहे थे तो बीच में किशकिंधा नगरी आई। किशकिंधा नगरी को देखकर भगवान राम की इच्छा सुग्रीव से मिलने की भी हुई तो वह सुग्रीव से मिलने के लिए किशकिंधा नगरी में रूक गए।

जब सुग्रीव को यह पता चला की भगवान राम लंका जा रहे हैं तो वह भी भगवान राम और भरत के साथ लंका जाने के लिए तैयार हो गए। जब भगवान राम, भरत और सुग्रीव के लंका आने का समाचार विभीषण को मिला तो उन्होंने लंका को उनके स्वागत के लिए सजा दिया। लंका में उन तीनों का बहुत ही भव्य तरीके से स्वागत किया गया। विभीषण भगवान राम, भरत और सुग्रीव से मिलकर काफी खुश हुए। भगवान राम ने विभीषण को कई ज्ञान की बातें बताई।

जब भगवान राम विभीषण से मिलकर वापस अयोध्या जाने के लिए चलने लगे तो विभीषण भगवान राम से कहने लगे की मैं आपकी सभी बातों का पालन करूंगा। लेकिन हर मनुष्य ने जब आपके द्वारा बनाए गए रामसेतु से आकर मुझे परेशान किया तो में क्या करूंगा। विभीषण के ऐसा कहने पर भगवान श्री राम ने अपने बाणों से रामसेतु के दो टुकड़े कर दिए। इसके बाद बीच के हिस्से को भी अपने बाणों से तोड़ दिया।इस प्रकार से भगवान श्री राम ने अपने ही द्वारा बनाए गए रामसेतु को तोड़ दिया था।

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