Ram Navami 2020 Date : भगवान राम को सिर्फ चौदह वर्ष का ही वनवास क्यों मिला, जाने इसके पीछे की वजह

Ram Navami 2020 Date :  भगवान राम को सिर्फ चौदह वर्ष का ही वनवास क्यों मिला, जाने इसके पीछे की वजह
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Ram Navami 2020 Date : रामनवमी (Ram Navami) पर भगवान राम की पूजा (Bhagwan Ram Ki Puja) की करने का विधान है, भगवान राम ने अपने पिता की आज्ञा का पालन करते हुए चौदह वर्ष का वनवास कटा था, लेकिन क्या आप जानते हैं कि भगवान राम को सिर्फ चौदह वर्ष का ही वनवास क्यों मिला था चौदह वर्ष से कम या ज्यादा का वनवास क्यों नहीं मिला।

Ram Navami 2020 Date : रामायण (Ramayan) के अनुसार भगवान राम (Lord Rama) ने चौदह वर्ष का वनवास काटा था और रावण का वध किया था। लेकिन माता कैकयी ने भगवान राम को सिर्फ चौदह वर्ष का ही वनवास क्यों दिया था। इसके पीछे भगवान राम की क्या मंशा थी आइए जानते हैं....

भगवान राम को चौदह वर्ष का वनवास की ह क्यों मिला (Bhagwan Ram Ko Chaudah Varsh ka Hi Vanvas Kyu Mila)

भगवान राम ने त्रेतायुग में जन्म लिया था।त्रेतायुग में एक नियम हुआ करता था कि यदि कोई राजा अपनी स्वंय की इच्छा से यदि चौदह वर्ष के लिए अपना राज सिंहासन त्याग देता है तो वह राज्य का राजा होने का उतराधिकार खो देता है।यह बात माता कैकयी बहुत अच्छी तरह से जानती थी। इसलिए माता कैकयी ने राजा दशरथ से भगवान राम के लिए चौदह वर्ष का वनवास मांगा। जिससे भगवान राम चौदह वर्ष के वनवास के लिए चले जाएंगे और जिसके कारण भगवान राम अपने राज्य का उत्तराधिकारी होने का अधिकार खो देंगे।

लेकिन माता कैकयी यदि चाहती तो भगवान राम के लिए चौदह वर्ष की जगह और अधिक वनवास मांग सकती थी। माना जाता है कि जिस समय माता कैकयी ने भगवान राम के लिए चौदह वर्ष का मांगा था ठीक उसी समय से रावण की आयु केवल चौदह वर्ष की ही शेष रह गई थी।इसलिए भगवान राम ने माता सरस्वती को प्रेरणा दी कि मंथरा की बुद्धि को फेर दें और मंथरा के माध्यम से कैकयी को इस बात के लिए प्रेरित करें कि वह राजा दथरथ से कहें कि वह भगवान राम को चौदह वर्ष का वनवास दे दें।


इसी कारण से माता कैकयी ने भगवान राम की इच्छा से ही उनके लिए चौदह वर्ष का वनवास मांगा था। क्योंकि भगवान राम का जन्म का रावण वध के लिए हुआ था। भगवान राम को रावण को मारने के बाद फिर से धरती पर धर्म की पुन: स्थापना करनी थी। जिसके लिए ही उन्होंने अपने लिए चौदह वर्ष का वनवास मांगा था और रावण का वध करने के बाद वह फिर से अयोध्या आ गए और फिर से अपने राज पाठ को संभाला।

रावण वध के अलावा भगवान राम ने सभी कार्यों को इन्हीं चौदह वर्ष में पूरा किया था। उन्होंने बाली को अर्धमी होने की सजा दी थी और अपने प्रिय भक्त हनुमान जी से भी इसी समय में भेंट की थी। इसके अलावा अहल्या को भी उन्होंने श्राप मुक्त किया था और अपनी भक्त शबरी के झूठे बेर खाकर उनकी भक्ति को फल उन्हें अपने दर्शन के रूप में दिया था। इसी कारण से भगवान राम ने चौदह वर्ष का वनवास ही अपने लिए मांगा था।

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