शिवरात्रि 2019: ये है शिव पूजा के लिए शुभ मुहूर्त, जानिए पूजा विधि और महत्व

शिवरात्रि 2019 में 4 जनवरी को पड़ रही है। शिवरात्रि शिव और शक्ति के मिलन का व्रत-पर्व है। प्रत्येक महीने कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मासिक शिवरात्रि के नाम से जाना जाता है।
हिन्दू पंचांग के अनुसार माघ माह की मासिक शिवरात्रि को महा शिवरात्रि भी कहते हैं। लेकिन पुर्णिमांत पंचांग के अनुसार फाल्गुन माह की मासिक शिवरात्रि को महा शिवरात्रि कहते हैं।
पौराणिक कथाओं और मान्यताओं के अनुसार महा शिवरात्रि के दिन मध्य रात्रि में भगवान शिवलिंग (प्रतीक) के रूप में प्रकट हुए थे। पहली बार शिवलिंग (प्रतीक) की पूजा भगवान विष्णु और ब्रह्माजी द्वारा की गई थी।
इसलिए शिवरात्रि को भगवान शिव के जन्मदिन के रूप में जाना जाता है। शिव भक्त शिवरात्रि के दिन शिवलिंग की पूजा करते हैं। शिवरात्रि व्रत प्राचीन काल से प्रचलित है।
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पुराणों में शिवरात्रि व्रत का उल्लेख मिलता हैं। शास्त्रों के अनुसार देवी लक्ष्मी, इन्द्राणी, सरस्वती, गायत्री, सावित्री, सीता, पार्वती और रति ने भी शिवरात्रि का व्रत किया था।
जो श्रद्धालु मासिक शिवरात्रि का व्रत करना चाहते है, वह इसे महा शिवरात्रि से शुरू कर सकते हैं और एक साल तक कायम रख सकते हैं। यह माना जाता है कि मासिक शिवरात्रि के व्रत को करने से भगवान शिव की कृपा द्वारा कोई भी मुश्किल और असंभव कार्य पूरे किए जा सकते हैं।
- शिवरात्रि के दिन व्रत रखने की परंपरा सदियों से चली आ रही है। इसलिए इस दिन भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त करने के लिए व्रत रखने का विधान है। इस दिन सुबह उठकर स्नान कर शिवलिंग पर जलाभिषेक करना चाहिए।
- शिवरात्रि के दिन शिव को अभिषेक करने का भी विधान है। शिव के अभिषेक में दूध, गुलाब जल, चंदन, दही, शहद, चीनी और पानी जैसी विभिन्न सामग्रियों का प्रयोग करना चाहिए।
- इस दिन शिव के प्रिय चीज बेलपत्र अवश्य ही चढ़ाना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि इस दिन शिव को बेलपत्र चढ़ाने से शिव अत्यधिक प्रसन्न होते हैं।
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- शिवरात्रि के दिन शिव के प्रिय चीज धतूरे को भी चढ़ाना चाहिए। धतुरा शिव को बहुत प्रिय है।
- शिव पुराण के अनुसार शिव का अभिषेक गंगाजल या दूध से करना चाहिए। शिव का अभिषेक करने से शिव अत्यंत प्रसन्न होते हैं।
- शिव के अभिषेक में दूध के साथ शहद का भी प्रयोग करना चाहिए।
- भगवान शिव को बेलपत्र अत्यधिक प्रिय है। इसलिए अभिषेक में बेलपत्र शामिल करना चाहिए। ऐसा माना जाता है बेलपत्र को चढ़ाने से आत्मा की शुद्धि होती है।
- इस दिन भगवान शिव को ऋतु फल भी अर्पित करना चाहिए। ऋतु फल के अर्पण से आयु लम्बी होती है।
- इस दिन शिव को अभिषेक में पान का पत्ता अर्पित कर उत्तम माना गया है। शिव को पान का पत्ता अर्पित करने से संसारिक सुखों की प्राप्ति होती है।
- शिव को उनकी पूजा में धूप, दीप आदि का प्रयोग करना कष्टों को दूर करने वाला माना गया है।
- शिवरात्रि की तिथि- 03 जनवरी 2019
- वार- शुक्रवार
- शिव पूजा का समय- 23:57 से 24: 53
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