Tablighi Jamaat : जानिए क्या है तबलीगी जमात, जिसके चलते दिल्ली में बढ़ा कोरोना कहर

Tablighi Jamaat :  जानिए क्या है तबलीगी जमात, जिसके चलते दिल्ली में बढ़ा कोरोना कहर
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Tablighi Jamaat : कोरोना वायरस (Coronavirus) के कहर इस समय में पूरी दुनिया में फैला हुआ है। भारत में भी कोरोना वायरस की वजह से 21 दिनों तक लॉकडाउन (Lockdown) कर दिया गया है। लेकिन दिल्ली के निजामुद्दीन में हुई तबलीगी जमात ने पूरे देश को सकते में डाल दिया,लेकिन क्या है यह तबलीगी जमात और क्यों इस्लाम धर्म में इसे महत्वपूर्ण माना जाता है आइए जानते हैं..

Tablighi Jamaat : दिल्ली के निजामुद्दीन (Nizamuddin ) में हुई तबलीगी जमात में अब तक करीब 24 लोग कोरोना पॉजिटिव (Corona Positive) पाए गए हैं तो वहीं 228 लोग संदिग्ध हैं। लेकिन क्यों कि जाती है यह तबलीगी जमात और क्या होते हैं इस तबलीगी जमात के उसूल जिसकी वजह से इस्लाम में इस जगह दी गई है।

तबलीगी जमात क्या है (Tablighi Jamaat Kya Hai)

दिल्ली में कुछ दिनों पहले तबलीगी जमात का कार्यक्रम हुआ था। जिसमें लगभग 400 लोगो के शामिल होने के बारे में बताया जा रहा है। इस कार्यक्रम को नाम दिया गया था मरकज तबलीगी जमात। मुस्लिम समुदाय के लोगो के अनुसार तबलीगी का अर्थ है अल्लाह की बताई हुई बातों का प्रचार करने वाला और जमात का अर्थ है समूह। मरकज को मतलब बताया है मिलने वाली जगह। जो लोग पूरी तरह से पारंपरिक इस्लाम को मानते हैं वह लोग तबलीगी जमात से जुड़े हुए हैं और ये लोग इसी का प्रचार प्रसार करते हैं। इस तबलीगी जमात का मुख्यालय दिल्ली के निजामुद्दीन इलाके में बताया जाता है।


तबलीगी जमात के विचार (Tablighi Jamaat Ke Vichar)

तबलीगी जमात के विचारों की बात की जाए तो इनके छह विचार होते हैं कलिमा, सलात, इल्म, इक्राम ए मुस्लिम, इख्लास ए निय्यत,दावत ओ तबलीग, इन्हीं छह विचारों को तबलीगी जमात से जुड़े लोग आगे इनका प्रचार और प्रसार करते हैं और इन्हीं को अपना उसूल भी मानते हैं।

तबलीगी जमात की शुरूआत (Tablighi Jamaat Ki Shuruaat)

तबलीगी जमात की शुरूआत की बात की जाए तो इसकी शुरु होने का समय सन 1927 में बताया जाता है। तबलीगी जमात का आंदोलन मुहम्मद इलियास अल कांधवली ने किया था। उन्होंने इस्लाम को बचाने और इसे लोगो तक पहुंचाने के लिए इसका प्रचार- प्रसार किया था। लेकिन जब ब्रिटिश काल की शुरूआत हुई तो आर्य समाज के द्वारा उन्हें फिर से हिंदू परंपरा और रीति रिवाजों में लौटाने पर जोर दे रहा था।जिसके लिए एक शुद्धिकरण अभियान भी चलाया जा रहा था। इसी कारण से मौलाना इलियास कांधवली ने इस्लाम की शिक्षा देने के लिए इसका पूर्ण रूप से प्रचार और प्रसार किया था।

अलग- अलग हिस्सों से निकाली जाती है जमात (Alag Alag Hisso Se Nikali Jati Hai Jamat)

मरकज से तबलीगी जमात अलग- अलग हिस्सों के लिए निकाली जाती है। इन जमातों की अवधि 3 दिन, 5 दिन, 10 दिन और 40 दिनों और 4 महीने तक की हो सकती हैं। प्रत्येक जमात में करीब आठ से दस लोग होते हैं। जिसमें से दो लोग खाना बनाने और जमात की सेवा के लिए होते हैं।

क्या होता है जमात के लोगो का काम (Kya Hota Hai Jamat ki Logo ka kaam)

जमात में शामिल हुए लोग पूरे शहर का घूमते हैं और लोगो को मस्जिदों में इकट्ठा होने के लिए कहते हैं। ये सभी लोग अलग- अलग जगहों पर इस्लाम का फैलाते हैं और इस्लाम के बारे में लोगो को बताते हैं और अल्लाह के दिए हुए संदेशों को उन तक पहुंचाते हैं।

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