Yogini Ekdashi 2019 Date : योगिनी एकादशी कब है, जानें सभी पापों से मुक्ति दिलाने वाली योगिनी एकादशी व्रत विधि

Yogini Ekdashi 2019 Date : योगिनी एकादश कब है 2019 में (Yogini Ekadashi Kab hai 2019) नहीं जानते आप तो बता दें कि योगिनी एकादशी 2019 (Yogini Ekadashi 2019 Date) में 29 जून 2019 शनिवार के दिन पड़ रही है। योगिनी एकादशी (Yogini Ekadashi) सभी एकादशीयों में ऐसी एकादशी मानी जाती है । योगिनी एकादशी का व्रत (Yogini Ekadashi Vrat) करने से सभी पापों से मुक्ति मिलती है। शास्त्रों में योगिनी एकादशी व्रत विधि (Yogini Ekadashi Vrat Vidhi) पूर्वक करने से 88 हजार ब्राह्मण भोज का फल मिलता है। सभी एकादशियों की तरह ही योगिनी एकादशी (Yogini Ekadashi)) में भी भगवान विष्णु की पूजा अर्चना की जाती है। भगवान विष्णु के इस व्रत से न केवल सभी पापों से मुक्ति मिलती है। बल्कि जीवन के सभी सुखों की भी प्राप्ति होती है। इसके अलावा जब मनुष्य अपने जीवन चक्र को समाप्त कर लेता है तो उसे अतं बैंकुंठ धाम की भी प्राप्ति होती है। योगिनी एकादशी का व्रत सभी रोगों से भी मुक्ति दिलाता है। योगिनी एकादशी के व्रत में सबसे महत्वपूर्ण है योगिनी एकादशी की व्रत विधि (Yogini Ekadashi Vrat Vidhi) ।अगर आप इसके बारे में नहीं जानते तो आज हम आपको इसके बारे में बताएंगे तो चलिए जानते हैं योगिनी एकादशी की व्रत विधि के बारे में.....
योगिनी एकादशी व्रत विधि (Yogini Ekdashi Vrat Vidhi)
1. एकादशी व्रत के नियम दशमी तिथि से ही शुरू हो जाते हैं । इसी प्रकार योगिनी एकादशी का व्रत भी दशमी तिथि से ही शुरू हो जाता हैं।
2. हिंदू धर्म में मिट्टी को विशेष महत्व दिया जाता है। इसी प्रकार योगिनी एकादशी के दिन भी मिट्टी को विशेष महत्व दिया जाता है। इस दिन मिट्टी का पूरे शरीर पर लेप करने से सभी रोगों से छुटकारा मिलता है।
3.योगिनी एकादशी के दिन आप मिट्टी के अलावा तिल के लेप का प्रयोग भी किया जाता है।
4.स्नान करने के बाद साफ वस्त्र धारण करें और एक कुंभ की स्थापना करें।
5.कुंभ की स्थापना करने के बाद उसके ऊपर भगवान विष्णु की प्रतिमा स्थापित करें।
6.प्रतिमा को स्थापित करने के बाद लाल फूल , अक्षत, नैवेध आदि से भगवान विष्णु की पूजा करें।
7. भगवान विष्णु को पीली चीजों का भोग लगांए। भगवान विष्णु के मंत्रों और विष्णु सहस्त्रनाम का जाप करें।
8. इसके बाद धूप दीप दिखाकर भगवान विष्णु की आरती उतारें।
9. भगवान विष्णु को पीली वस्तु का प्रसाद का चढ़ा कर सभी लोगों में प्रसाद का वितरण करें । रात भर भगवान विष्णु का कीर्तन और जागरण करें।
10. एकादशी व्रत में सर्वाधिक महत्वपूर्ण पारण यानी व्रत तोड़ने को माना जाता है। इसलिए दूसरे दिन यानी द्वादशी के दिन ही योगिनी एकादशी व्रत का पारण करें।
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