जानिए मृत्यु के बाद व्यक्ति के Aadhar और Pan Card का क्या करना चाहिए ?

"मृत्यु" (Death) ये जीवन (Life) का सबसे कड़वा सच माना जाता है। इसका सामना कभी भी, किसी भी वक्त करना पड़ सकता है। जैसे कब किसका जन्म होगा ये तय करना हमारे हाथ में नहीं होता ठीक ऐसे ही मौत भी हमारे हाथ में नहीं है। इस तरह की लाइफ साइकिल (Life Cycle) चलती आ रही है। पहचान के रूप में हमारा नाम और देश के नागरिक के तौर पर हमे सरकार की ओर से आधिकारिक दस्तावेज मिलते हैं जो हमारे जिंदा होने का आधिकारिक प्रमाण (official proof) माना जाता है। हालांकि, मौत हो जाने के बाद ऑफिशियल डॉक्यूमेंट (official document) का क्या होता है? मृतक व्यक्ति के ऑफिशियल डॉक्यूमेंट्स को सरकार को सौंपना चाहिए या नहीं। इन दस्तावेजों को परिजन अपने पास कब तक रखें? ऐसी ही जानकारियां आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि जब किसी व्यक्ति की मौत हो जाती है तो उसके पैन कार्ड (Pan Card) और आधार कार्ड (Aadhar Card) का क्या करना सही होता है, आइए आपको बताते हैं...
पैन कार्ड
आज के समय में पैन कार्ड भी उतना ही जरुरी हो गया है जितना आधार कार्ड जरूरी है। बैंक खाता खोलना हो या डीमैट अकाउंट या फिर आयकर रिटर्न भरना हो। इस सभी कार्यों के लिए पैन कार्ड एक जरूरी दास्तावेज माना जाता है। वहीं, अगर किसी पैन कार्ड धारक की मौत हो जाती है और उसका आयकर रिटर्न फाइल करना है तो परिजनों को मृतक के पैन कार्ड की जरूरत होगी। अगर आयकर रिटर्न ड्यू है तब भी मृतक के पैन कार्ड की जरूरत होगी, क्योंकि ये राशि उसी के बैंक खाते में जमा होगी। वहीं, बैंक खाते और इनकम टैक्स संबंधित रुके कार्यों को पूरा करने के बाद इन्हें बंद करवाकर पैन कार्ड सरेंडर कर सरकार को जमा कर सकते हैं।
ऐसे करें पैन कार्ड सरेंडर
कानूनी उत्तराधिकारी के लिए निर्धारण अधिकारी को पैन कार्ड सरेंडर करने के लिए एक पत्र लिखना होगा। इसमें आपको पैन कार्ड क्यों सरेंडर कर रहे हैं वो कारण बताना होगा यानी कारण में आपको पैन धारक की मृत्यु लिखना होगा। इसके अलावा आपको मृतक व्यक्ति का नाम, पैन नंबर, जन्म और मृत्यु तिथि के साथ मृत्यु प्रमाण पत्र देना होगा। इसके बाद इस आवेदन को ऐओ को जमा कर दे। इसके अलावा अगर आप और जानकारी लेना चाहते हैं तो आप आयकार विभार की ई-फाइलिंग वेबसाइट देख सकते हैं। आपको बता दें कि सरकार की ओर से मृतक का पैन सरेंडर करना जरूरी नहीं है। ऐसे में अगर आपको लगता है कि पैन कार्ड की बाद में जरूरत हो सकती है तो आप अपने पास ही रख सकते हैं।
आधार कार्ड
देश में आधार कार्ड का काफी ज्यादा महत्व है। ये हमारे पहचान के साथ पते का भी प्रमाण होता है। सरकारी लाभ उठाने हो या प्राइवेट इसका होना काफी जरूरी होता है। वहीं, क्या आप जानते हैं कि आधा कार्ड एक विशिष्ट पहचान संख्या (unique identification number) है, जो व्यक्ति के मौत हो जाने के बाद भी नंबर बना रहता है। बता दें कि राज्यों में अभी तक भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) मृत्यु पंजीकरण से जुड़ा नहीं है। ऐसे में डेथ रजिस्ट्रेशन या डेथ सर्टिफिकेट पाने के लिए आधार कार्ड को जरूरी नहीं माना जाता है। ऐसे में परिजनों को मृतक के आधार कार्ड को संभलकर रखना चाहिए जिससे कोई व्यक्ति उसका गलत तौर पर इस्तेमाल न कर ले। आप चाहें तो मृतक व्यक्ति के आधार कार्ड का गलत इस्तेमाल होने से रोकने के लिए UIDAI की आधिकारिक वेबसाइट पर मृतक के बायोमेट्रिक्स को लॉक कर सकते हैं। इसके लिए आपको और जानकारी UIDAI की वेबसाइट से मिल जाएगी।
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