Reliance Retail में अब अमेरिकी कंपनी करेगी 5550 करोड़ रुपये का निवेश, इतने प्रतिशत की होगी हिस्सेदार

Reliance Retail में अब अमेरिकी कंपनी करेगी 5550 करोड़ रुपये का निवेश, इतने प्रतिशत की होगी हिस्सेदार
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सिल्वर लेक के बाद अमेरिकी कंपनी केकेआर ने रिलायंस रिटेल में दिखाई दिलचस्पी। अमेरिकी कंपनी 5550 करोड़ रुपये का निवेश कर 1.28 प्रतिशत की बन जाएगी हिस्सेदार।

रिलायंस जियो में फेसबुक समेत दूसरी विदेशी कंपनियों के निवेश कर हिस्सेदारी देने के बाद अब मुकेश अंबानी ने (Reliance Retail) रिलायंस रिटेल में भी निवेश के लिए हाथ दिया है। इसमें दुनिया की दिग्गज टेक इन्वेस्टर कंपनी सिल्वर लेक के बाद अब अमेरिकी कंपनी KKR ने 5550 करोड़ रुपये का निवेश किया है। जिसके बाद केकेआर रिलायंस रिटेल में (Reliance Retail) में 1.28 प्रतिशत की हिस्सेदार बन गई है। वहीं सिल्वर लेक ने रिलायंस रिटेल (RRVL) में 7500 करोड़ रुपये का निवेश का कर 1.75 प्रतिशत हिस्सेदारी लेने का दावा किया है। सिल्वर लेक रिलायंस जियो में भी 10 हजार करोड़ रुपये से भी ज्यादा का निवेश कर हिस्सेदारी खरीद चुकी है।

दरअसल, अमेरिकी कंपनी KKR ने रिलायंस रिटेल में 4.21 लाख करोड़ के वैल्युएशन पर निवेश किया है। इसमें रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक मुकेश अंबानी ने कहा कि रिलायंस रिटेल वेंचर्स में एक निवेशक के रूप में केकेआर का स्वागत करते हुए मुझे खुशी हो रही है। इसकी वजह हम सभी भारतीयों के लाभ के लिए भारतीय रिटेल इकोसिस्टम को विकसित करने और बदलने के लिए लगातार आगे बढ़ रहे हैं। रिलयंस ने आज से 14 साल पूर्व 2006 में रिटेल कारोबार की शुरुआत की थी। कंपनी ने सबसे पहले हैदराबाद में अपना रिलायंस फ्रेश स्टोर खोला था। इसके बाद यह देश के दूसरे शहरों में शुरू किया गया।

रिलायंस फ्रैश के बाद इलेक्ट्रॉनिक और फैशन क्षेत्र में रखा कदम

रिलायंस फ्रैश में मिली कामयाबी के बाद रिलायंस ने अगले ही साल 2007 में इलेक्ट्रॉनिक और फिर 2008 में फैशन, होलसेल बिजनेस समेत दूसरे मार्केट में भी पैर पसारने शुरू कर दिये थे। इसी के दम पर 2011 तक रिलायंस रिटेल की बिक्री और कमाई करीब 1 अरब डॉलर के पार पहुंच गई थी। रिलायंस रिटेल की नजर अब लाखों ग्राहकों और सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (MSME) को सशक्त बनाने और पसंदीदा साझेदार के रूप में वैश्विक और घरेलू कंपनियों के साथ मिलकर काम करते हुए भारतीय खुदरा क्षेत्र को फिर से संगठित करने पर है।

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