World Bicycle Day: विश्व साइकिल दिवस पर बंद हो गई भारत की नामी एटलस साइकल कंपनी, कर्मचारियों को भेजा घर

साइकिल का नाम आते ही सभी की यादें ताजा हो जाती हैं, हो भी क्यो न शायद ही कोई ऐसा होगा। जिसने अब नहीं तो बचपन साइकिल जरूर चलाई होगी। किसी समय में साइकिल की इसी डिमांड के चलते साइकिल दिवस बनाया गया। आज उसी साइकिल दिवस पर भारत की नामी साइकिल कंपनी एटलस पर ताला लग गया। इतना ही नहीं विश्व साइकिल दिवस पर गाजियाबाद के साहिबाबाद स्थित साइकिल फैक्ट्री के बाहर ले ऑफ नोटिस लगा दिया गया। लॉकडाउन के बाद फैक्ट्री पर लगे ताले से कर्मचारी भी परेशान हो गये। उन्होंने कंपनी मालिकों के खिलाफ नारेबाजी भी की। इस कंपनी में 1000 कर्मचारी काम करते है। जिन्हें ले ऑफ नोटिस के साथ हर दिन हाजिरी लगाकर घर जाने के लिए कह दिया गया है। वहीं कंपनी ने घाटा आने की वजह से फैक्ट्री बंद करने फरमान जारी कर दिया है।
दरअसल, आज से 30 साल पूर्व 1999 में उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद स्थित साहिबाबाद में एटलस कंपनी की स्थापना की गई थी। कंपनी ने दिल्ली एनसीआर ही नहीं बल्कि देश में अपना नाम कमाया। साइकिल की डिमांड के साथ ही कारोबार बढने पर यहां 1 हजार कर्मचारी काम कर रहे थे, लेकिन इन दिनों घटी डिमांड और घाटे के चलते लॉकडाउन के बाद कंपनी को बंद कर दिया गया है। कर्मचारियों ने आरोप लगाया कि कंपनी ने लॉकडाउन लागू होने के बावजूद 1 व 2 जून को सभी कर्मचारियों को कंपनी में काम करने के लिए बुलाया था। इस दौरान कर्मचारियों ने नियमित रूप से अपना काम पूरा कर रात में घर चले गये। बुधवार को कर्मचारी फैक्ट्री पर लौटे तो यहां ताला लगा मिला। गार्डों ने कर्मचारियों को अंदर घुसने से रोक दिया। वहीं जब इसकी वजह पूछी गई तो बताया गया कि कंपनी ले ऑफ लागू कर दिया है।
कंपनी ने ताला लगाकर ले ऑफ नोटिस किया जारी
बुधवार को कंपनी पहुंचे कर्मचारियों ने साइकिल दिवस पर फैक्ट्री में ताला लगा देखकर आग बबुला हो गये। इसको लेकर उनकी काफी नोंक झोंक भी हुई। साथ ही कंपनी की तरफ ले ऑफ नोटिस जारी कर दिया गया। वहीं कर्मचारियों का कहना है कि लॉकडाउन में कारोबार न चलने से परिवार का गुजर-बसर करने में पहले ही दिक्कत आ रही थी। अब कंपनी की तरफ से (ले-ऑफ) लागू करने से हालात और बिगड़ जाएंगे। उधर, एटलस कंपनी के सीईओ एनपी सिंह ने फोन पर आर्थिक स्थिति बिगड़ने की बात कही है। कंपनी का दावा है कि मांग घटने से काम नहीं चल रहा है। फैक्ट्री पिछले काफी समय से घाटे में चल रही है।
यह है ले ऑफ नोटिस का मतलब
बता दें कि बहुत कम ही लोग ले ऑफ नोटिस के विषय में जानते होंगे। ले ऑफ नोटिस तब जारी किया जाता है। जब कंपनी उत्पाद बनाने की आर्थिक स्थिती में न हो, उसके पास पैसे को लेकर समस्या चल रही हो। ऐसे में कंपनी छंटनी या कर्मचारियों को निकालने या काम न कराकर ले ऑफ नोटिस जारी करती है। जिसके तहत कर्मचारी को हर दिन कंपनी आकर गेट पर हाजिरी लगानी होती है। इसी के हाजिरी के आधार पर कंपनी उसे आधी सैलरी का भुगतान करेगी।
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