मां और बच्चे के रिश्ते को यादगार बनाएंगे ये गहनें, जानें क्या है Breast Milk Jewellery?

कई तरह के आभूषण (Jewellery) होते हैं जो अपनी-अपनी खासियत के चलते जाने जाते हैं। इनमें सोने-चांदी (Gold Silver jewellery) से लेकर आर्टिफिशियल ज्वेलरी भी होती हैं। हालांकि, इन दिनों एक अलग तरह की ज्वेलरी काफी ट्रेंड कर रही हैं जोकि मां के दूध (Mother Breast Milk Jewellery) से तैयार की जा रही है। जी हां, इस ज्वेलरी को महिलाएं अपने स्तन के दूध के जरिए तैयार कर रही हैं। जिसे ऑनलाइन सेल भी किया जा रहा है। अगर अभी तक आप भी ब्रेस्ट मिल्क ज्वेलरी (How to Make Breast Milk Jewellery) के बारे में नहीं जानते हैं तो आइए आपको इसके बारे में बताते हैं...
मिल्क प्रीजर्वेशन से तैयार होती है ज्वेलरी
मिल्क ज्वेलरी को बनाने के लिए महिलाएं अपने स्तन के दूध को प्रीजर्व कर ज्वेलरी आइटम को तैयार रही हैं। इस तरह की ज्वेलरी बनाने के पीछे का उद्देश ब्रेस्ट फीडिंग वाले पलों को कैद करना है। मिल्क ज्वेलरी बनाने की शुरुआत साल 2013 से हो चुकी है। हालांकि, पहले इसे विदेशों में जाना जाता लेकिन अब भारतीय लोगों के बीच भी ये ट्रेंड पहुंच चुका है।
भारत में भी खूब बिकती ब्रेस्ट मिल्क ज्वेलरी
ब्रेस्ट मिल्क ज्वेलरी का ये ट्रेंड भारत तक आ चुका है। इस तरह की ज्वेलरी बनाकर कई भारतीय आर्टिस्ट ऑनलाइन कमाई भी कर रहे हैं। साथ ही अच्छा टर्नओवर भी पा रहे हैं। ब्रेस्ट मिल्क ज्वेलरी न सिर्फ अमेजन या फ्लिपकार्ट पर मौजूद है बल्कि, ये आभूषण आप भारतीय आर्टिस्ट के फेसबुक पेज से भी खरीद सकते हैं।
हर आर्टिस्ट का है अलग-अलग तरीका
ब्रेस्ट मिल्क ज्वेलरी बनाने का तरीका हर आर्टिस्ट का अलग-अलग होता है। हालांकि, आमतौर पर इस गहने को बनाने से पहले दूध के सैंपल में प्रीजर्वेटिव डाला दिया जाता है, जिससे मिल्क खराब न हो सके। मिल्क प्रीजर्व करने के बाद उसे फ्रीज किया जाता है। जब दूध तरल पदार्थ से ठोस में बदल जाता है तब जाकर मोल्डिंग का काम करते है। ब्रेस्ट मिल्क ज्वेलरी की प्रक्रिया में काफी समय लगता है और ऑर्डर इस कारण लेट मिलता है। वहीं, ऐसी महिलाएं जो अपने ब्रेस्ट मिल्क से ज्वेलरी बनाना चाहती हैं वो आर्टिस्ट से संपर्क कर गहने बनवा लेती हैं।
आपको बता दें कि भारत में ही नहीं बल्कि अन्य देशों में भी ब्रेस्ट मिल्क से बने गहनों की काफी आलोचना भी हो रही है। इसके पीछे का कारण बीमारियों का बढ़ना बताया जा रहा है। कहा जाता है कि मां के दूध को हमेशा के लिए प्रीजर्व नहीं किया जा सकता है और इससे बीमारी होने का भी खतरा है।
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